महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणामों के सात दिन बाद भी सरकार गठन को लेकर असमंजस बना हुआ है। भाजपा, शिवसेना शिंदे गुट और NCP अजित पवार गुट की महायुति ने कुल 288 में से 230 सीटें जीतीं, लेकिन मुख्यमंत्री और मंत्री पदों को लेकर अब भी विवाद जारी है।
सूत्रों के मुताबिक, एकनाथ शिंदे डिप्टी सीएम बनने को तैयार हैं, लेकिन गृह मंत्रालय पर उनका अडिग रुख बना हुआ है। 29 नवंबर को शिंदे की अमित शाह से मुलाकात के बाद भी विभागों का बंटवारा लेकर खींचतान जारी रही। भाजपा गृह, राजस्व, उच्च शिक्षा, कानून, ऊर्जा, ग्रामीण विकास जैसे अहम विभाग अपने पास रखना चाहती है, जबकि शिवसेना को हेल्थ, शहरी विकास, सार्वजनिक कार्य जैसे विभाग ऑफर किए गए हैं। वहीं, अजित पवार गुट को वित्त, योजना, कृषि जैसे विभाग देने की योजना है।
भाजपा की विधायक दल की बैठक पहले 1 दिसंबर को निर्धारित थी, लेकिन अब इसे 3 दिसंबर तक के लिए टाल दिया गया है। इस बैठक में विधायकों से चर्चा के बाद मुख्यमंत्री का नाम तय किया जाएगा। भाजपा ने संघ से हरी झंडी मिलने के बाद देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद के लिए फाइनल कर लिया है, और शपथ ग्रहण 5 दिसंबर को मुंबई के आजाद मैदान में होगा। शिंदे गुट और NCP को एक-एक डिप्टी सीएम पद दिया जाएगा।
गृह मंत्रालय पर विवाद इसलिए जारी है क्योंकि देवेंद्र फडणवीस इस पद को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं, जबकि शिंदे गुट का तर्क है कि डिप्टी सीएम के पद के साथ गृह मंत्रालय भी उनके पास होना चाहिए।
शिवसेना के कुछ नेता यह मानते हैं कि शिंदे को मुख्यमंत्री बनना चाहिए, क्योंकि उन्होंने महायुति की सफलता में अहम भूमिका निभाई है। भाजपा और शिंदे के बीच यह गहरी खींचतान सरकार गठन की प्रक्रिया को और जटिल बना रही है।