CBI-पुलिस का फर्जी कॉल: ड्रग्स केस में नाम बताकर मेंटल टॉर्चर, डिजिटल ठगी से बचने के उपाय जानें…!

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फ्रॉड कॉल्स से बचें: साइबर ठगों की डिजिटल अरेस्ट स्कीम का पर्दाफाश, जानें सावधानियां

इन दिनों साइबर ठग लोगों को झूठे मामलों में फंसाने के लिए ‘डिजिटल अरेस्ट’ नामक स्कैम का सहारा ले रहे हैं। ये ठग वॉट्सऐप या स्काईप पर कॉल करके खुद को पुलिस, CBI, या नारकोटिक्स विभाग का अधिकारी बताते हैं और फर्जी आरोप लगाकर मानसिक दबाव डालते हैं।

कैसे फंसाते हैं ठग?

  1. वॉट्सऐप वीडियो कॉल के जरिए संपर्क करते हैं।
  2. ड्रग्स या मनी लॉन्ड्रिंग जैसे झूठे आरोप लगाते हैं।
  3. केस में फंसने या गिरफ्तारी की धमकी देकर डराते हैं।
  4. विडियो कॉल में पुलिस स्टेशन जैसा माहौल दिखाकर विश्वास दिलाते हैं।
  5. केस बंद करने या जमानत के नाम पर मोटी रकम की मांग करते हैं।

फ्रॉड कॉल्स से बचने के उपाय:

  • किसी भी अंजान कॉल पर व्यक्तिगत या वित्तीय जानकारी साझा न करें।
  • सरकारी अधिकारी कभी फोन पर पैसे की मांग नहीं करते, संदेह होने पर संबंधित एजेंसी से पुष्टि करें।
  • किसी भी संदिग्ध लिंक या APK फाइल पर क्लिक न करें।
  • अपने बैंक अकाउंट में टू-वे वेरिफिकेशन ऑन रखें।

अगर फंस जाएं तो क्या करें?

  • तुरंत अपने बैंक को सूचित कर खाते को फ्रीज कराएं।
  • साइबर क्राइम पोर्टल (cybercrime.gov.in) या हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज करें।
  • कॉल डिटेल्स और ट्रांजेक्शन मैसेज को संभालकर रखें।
  • पास के साइबर थाना से संपर्क करें।

सावधानी बरतें और इन फर्जी कॉल्स से खुद को सुरक्षित रखें।

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