छत्तीसगढ़ पुलिस मुख्यालय (पीएचक्यू) ने 28 अक्टूबर 2024 को सब-इंस्पेक्टर (एसआई) भर्ती परीक्षा का फाइनल रिजल्ट जारी किया, लेकिन यह प्रक्रिया विवादों से घिर गई है। 6 साल लंबी भर्ती प्रक्रिया के बावजूद फाइनल रिजल्ट अधूरा और संदेहास्पद है, क्योंकि इसमें लिखित परीक्षा के अंकों का उल्लेख नहीं किया गया। केवल फिजिकल और इंटरव्यू के अंकों के आधार पर ही परिणाम घोषित किया गया।
यह भर्ती प्रक्रिया 2018 में शुरू हुई थी, जब रमन सिंह सरकार ने 655 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया था। नई सरकार बनने के बाद भूपेश बघेल प्रशासन ने भर्ती प्रक्रिया में बदलाव करते हुए तीन बार नए आवेदन मंगवाए। 975 पदों के लिए लगभग डेढ़ लाख आवेदनों में से 73,000 अभ्यर्थी प्रारंभिक परीक्षा के लिए पात्र पाए गए।
इसके बाद व्यापमं ने लिखित परीक्षा का आयोजन किया और 12 जून 2023 को परिणाम घोषित करने की तैयारी की। हालांकि, पीएचक्यू ने परिणाम को रोकते हुए व्यापमं से फाइनल रिजल्ट अपने पास मंगवा लिया। फाइनल चयन प्रक्रिया में 4390 अभ्यर्थियों में से 1378 को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया, और अक्टूबर 2024 में फाइनल रिजल्ट घोषित किया गया।
फाइनल रिजल्ट में पारदर्शिता की कमी साफ नजर आई। लिखित परीक्षा के अंकों को न शामिल करने और मेरिट सूची जारी न करने के कारण अभ्यर्थियों में नाराजगी है। विशेषज्ञों का कहना है कि लिखित परीक्षा किसी भी भर्ती प्रक्रिया का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होती है, और इसे फाइनल रिजल्ट में शामिल करना अनिवार्य है।
अभ्यर्थी अब लिखित परीक्षा के अंकों की जानकारी के लिए आरटीआई लगा रहे हैं, और कई कोर्ट जाने की तैयारी में हैं। इस मामले पर सरकार ने कैविएट दायर कर दी है ताकि संभावित कानूनी विवाद का सामना किया जा सके।
आंकड़ों में भर्ती प्रक्रिया:
- आवेदन: 1.50 लाख
- इंटरव्यू में शामिल: 1378
- चयनित अभ्यर्थी: 959
इस प्रकार, 6 साल लंबी प्रक्रिया और बदलावों के बावजूद पारदर्शिता की कमी ने इस भर्ती प्रक्रिया को विवादास्पद बना दिया है।