राजनांदगांव : अविभाजित राजनांदगांव जिले के करीब 125 राइस मिलर्स 200 करोड़ रुपए का भुगतान अटका पड़ा है। जिले में धान का परिवहन धीमा होने का यहीं सबसे बड़ा और प्रमुख कारण है। राजनांदगांव और केसीजी जिले में परिवहन धीमा है।
एमएमसी जिले में एक नवंबर से खरीदी शुरू होने के 27 दिन बाद भी उठाव शुरू नहीं हो सका था। अभी एमएमसी जिले में महज 7790.00 क्विंटल धान का परिवहन किया गया है। मिलर्स शासन से राशि की मांग कर रहें है लेकिन भुगतान नहीं हो सका है।
मंगलवार को जिला राइस मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल एवं अन्य पदाधिकारियों ने प्रेसवार्ता लेकर इस संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कस्टम मिलिंग 2023-24 एवं भुगतान के अलावा परिवहन के संबंध में योगेश अग्रवाल प्रदेश अध्यक्ष राइस मिल एसोसिएशन की उपस्थिति में मिलर्स की बैठक रखी गई है। इस बैठक में पिछला भुगतान के साथ धान के उठाव को लेकर आगे की रणनीति बनाई जाएगी। उन्होंने बताया कस्टम मिलिंग शुरू हो चुकी है।
मिलर्स ने पंजीयन करा लिया है। तीनों जिले के 125 मिलर्स को 200 करोड़ भुगतान नहीं किया गया। प्रदेशभर के मिलर्स का 5 हजार करोड़ का भुगतान अटका पड़ा है। साल 2019 से 23 तक विभिन्न मदों का भुगतान अटका पड़ा है। इस कारण मिलर्स धान का उठाव करने बैंक गारंटी नहीं दे पा रहे हैं जो धान उठाव करने अनुबंध के लिए अनिवार्य है। धान खरीदी शुरू होने के बाद दिवाली पर्व आने पर मिलर्स के सामने मजदूरों का संकट हो गया इस कारण धान का उठाव कमजोर है।
अभी 25-30 हजार क्विंटल प्रतिदिन उठाव किया जा रहा है। प्रेसवार्ता के दौरान तीनों जिले से बड़ी संख्या में मिलर्स उपस्थित थे। उन्होंने आगामी दिनों में परिवहन तेज होने की बात कही है।