टीजनबाई की मदद के लिए लोग सामने आने लगे हैं, जब से उनकी पेंशन और इलाज के लिए आर्थिक सहायता नहीं मिलने की खबर प्रकाशित हुई। छत्तीसगढ़ की लोकगायिका और पद्मभूषण तीजनबाई को पेंशन के 8 महीने और इलाज के लिए 3 महीने से कोई सहायता नहीं मिल रही थी, जिसके बाद उनकी मदद के लिए लोग सक्रिय हो गए।
गुरुवार सुबह से ही तीजनबाई के गृहग्राम गनियारी में लोगों का आना-जाना शुरू हो गया। जनप्रतिनिधियों, लोक कलाकारों और प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें मदद का आश्वासन दिया। नृत्यांगना यास्मीन सिंह ने फोन पर तीजनबाई का हाल-चाल पूछा और उनके बैंक खाते में एक लाख रुपये जमा किए।
विधायक रिकेश सेन ने भी तीजनबाई की बहू रेणु से मुलाकात की और इलाज व आवश्यक सुविधाओं के लिए एक लाख रुपये की नकद मदद दी। उन्होंने आरोग्य अस्पताल में तीजनबाई के इलाज का पूरा खर्च उठाने का भी वादा किया।
इस बीच, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के अधिकारियों ने तीजनबाई की जीवन प्रमाण-पत्र प्रक्रिया पूरी की, जिसके बाद उनका पांच साल से रुका हुआ पेंशन भी फिर से शुरू हो जाएगा। इसके अलावा, जिला प्रशासन ने तीजनबाई के खाते में 30 हजार रुपये की पेंशन राशि भी ट्रांसफर की।
कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ने भी अन्य अधिकारियों के साथ तीजनबाई के घर जाकर उनका हाल-चाल पूछा और उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली। इस दौरान रेडक्रॉस मद से 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता राशि का चेक तीजनबाई को सौंपा गया। साथ ही, उनकी चिकित्सा जांच भी की गई।
विधायक रिकेश सेन ने कहा कि तीजनबाई न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश की अमूल्य धरोहर हैं, और यह जानकर दुख हुआ कि उन्हें इलाज के लिए अपनी जमा पूंजी का सहारा लेना पड़ रहा है। उन्होंने अपने मानदेय से आर्थिक मदद दी।
राज्य प्रशासन के अनुसार, तीजनबाई को पद्मश्री की पेंशन के रूप में 5 हजार रुपये प्रति माह मिल रहे हैं, लेकिन संस्कृति विभाग की ओर से दी जाने वाली वरिष्ठ नागरिक कलाकार पेंशन अभी तक स्वीकृत नहीं हुई है। ईपीएफओ से भी पिछले पांच साल से रुकी हुई पेंशन अब फिर से मिलने लगेगी।