छत्तीसगढ़ से घुसपैठ कर आए बांग्लादेशी रोहिंग्या मुसलमानों को भगाने की तैयारी है। दुर्ग जिले में शुक्रवार को 200 घरों में सर्च ऑपरेशन चलाया गया, जहां से 20 संदिग्ध लोगों को पकड़ा गया है। पुलिस सभी संदिग्धों को बस में भरकर थाने ले गई है। मामला भिलाई हथखोज इंडस्ट्रियल एरिया का है।
वहीं शनिवार सुबह भिलाई के सेक्टर 5 और 6 में पुलिस सर्चिंग कर रही है। 15 से ज्यादा थानों के टीआई और सैकड़ों पुलिसकर्मियों ने दबिश दी है। स्लम इलाकों के साथ लेबर बस्तियों में भी दूसरे राज्यों के अलावा बंगाल के सीमावर्ती इलाकों से काम करने आए लोगों की पतासाजी की जा रही है।
मिली जानकारी के सभी संदिग्धों के पास भारत की नागरिकता के कोई सबूत नहीं मिले हैं। इनके पास ना ही कोई दस्तावेज थे और न ही किसी परमिशन या वीजा पर भारत में आए हैं। इसलिए पुलिस ने सभी लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस पुरानी भिलाई थाने में लाकर सभी पूछताछ कर रही है।
SP के निर्देश पर पुलिस की टीम ने छापेमारी की
दरअसल, दुर्ग एसपी जितेंद्र शुक्ला और एएसपी सुखनंदन राठौर के निर्देश पर पुलिस की टीम ने छापेमारी की। एएसपी सिटी राठौर ने पुरानी भिलाई पुलिस के साथ बड़ी संख्या में फोर्स लेकर पहुंचे थे। संदिग्धों को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है।
आरोप है कि बांग्लादेश से छिपकर भारत आने वाले रोहिंग्या मुसलमानों को लंबे समय से हथखोज में बसाया जा रहा है। पुराने समय में आए लोगों ने यहां का आधार और राशन कार्ड तक बनवा लिया है। सड़क किनारे पड़ी सरकारी जमीनों पर सैकड़ों की संख्या में घर बना लिए हैं। अपनी आबादी का पूरा वार्ड बसा लिया है।
किराए पर मकान देने वालों के खिलाफ भी होगी कार्रवाई
एएसपी सिटी राठौर ने बताया कि गिरफ्तार संदेहियों से थाने में पूछताछ की गई। इसके बाद जब उनके पास कोई दस्तावेज नहीं मिले तो उनके खिलाफ धारा 128 के तहत मामला दर्ज कर एसडीएम कोर्ट में पेश किया गया।
साथ ही एएसपी ने कहा कि जिन मकान मालिकों ने बिना वेरिफिकेशन के इन लोगों को मकान किराए पर दिया है, उनके खिलाफ भी धारा 170 के तहत कार्रवाई की जाएगी। पुलिस लगातार सर्च ऑपरेशन चला रही है। अभी कई लोग गिरफ्तार किए जा सकते हैं।
बांग्लादेशी रोहिंग्या मुसलमानों की पहचान कर रही पुलिस
बता दें कि 10 दिसंबर को गृहमंत्री विजय शर्मा दुर्ग दौरे पर पहुंचे थे। उस दौरान उन्होंने मीडिया में बयान दिया था कि छत्तीसगढ़ के सभी राज्यों में बांग्लादेशी रोहिंग्या मुसलमानों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है। इसके बाद उन्हें वापस उनके देश भेजा जा रहा है।