पद्म विभूषण से सम्मानित विश्वभर में प्रसिद्ध भिलाई की पंडवानी लोक गायिका तीजन बाई पिछले 6 महीने से बिस्तर पर हैं। वे ठीक से बोल-सुन नहीं पा रही हैं। कोई उनके कान के पास जाकर जोर से चिल्लाता है, तब वह कुछ रिएक्ट करती हैं।
तीजन बाई अपने दोनों बेटों की हार्ट अटैक से मौत से टूट गईं हैं। इस सदमे से वे उबर नहीं पाई हैं। उनको पैरालिसिस अटैक आ गया, तब से बिस्तर पर ही दिन रात कटता है। परिवार के करीब 42 लोग तीजन को मिलने वाले पेंशन के भरोसे हैं।
कलेक्टर ने भेजी डॉक्टर्स की टीम इस दौरान तीजन बाई की छोटी बहू वेणू पारधी ने बताया कि, आर्थिक स्थिति खराब होने से उनके सामने इलाज और परिवार के पालन पोषण दोनों की चिंता सता रही है। वेणु अपनी बेटी के साथ कलेक्टर और अस्पताल के चक्कर लगाती हैं। गुरुवार को भी बहू और बेटी कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी से मदद की गुहार लगाने गई थीं।
कलेक्टर ने तुरंत तीजन बाई के इलाज के लिए डॉक्टरों की टीम को उनके घर भेजा। खुद उनसे मिलने भी पहुंचीं और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया। घर में सबसे छोटी बहू दिलेश्वरी की बेटी अपनी दादी की देख-रेख में लगी रहती हैं। उनके साथ घर की बहुएं और बाकी पोतियां भी मदद करती हैं।
जितना पद्मश्री का पेंशन..उतना ही डायपर का खर्च तीजन बाई को पद्मविभूषण से हर महीने 5 हजार और BSP की ओर से 2 हजार रुपए पेंशन की सहायता राशि मिलती है। बीमार होने के बाद तीजन बाई की नित्य क्रिया से लेकर पेशाब तक डायपर में ही बिस्तर पर होता है। घरवालों का कहना है कि उन्हें मार्च महीने से पेंशन नहीं मिली। जितनी उन्हें पेशन मिलती है, उतना तो केवल डायपर में ही खर्च हो जाता है।
डॉक्टरों की टीम लगातार कर रही निगरानी तीजन बाई की हालत पर नजर रखने के लिए कलेक्टर ने डॉक्टरों की पूरी टीम को उनके घर पर लगाया है। मेडिकल ऑफिसर डॉ. शिखर अग्रवाल, फिजियो थेरिपिस्ट डॉ. दीपमाला और एक स्टाफ नर्स की टीम उनके घर पर हर दिन तैनात है।