दो महिने का बेटा शहीद पिता की चिता पर आया:विधवा बोली- जो मौत मेरे पति को मिली उससे बद्तर नक्सलियों को मिले…!!

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6 जनवरी को बीजापुर में हुए IED ब्लास्ट में दंतेवाड़ा के रहने वाले सुदर्शन वेट्‌टी शहीद हो गए। अंतिम संस्कार के वक्त चिता पर सुदर्शन के महज दो महीने के बेटे अयान को लाया गया। बेटे ने पिता को आखरी अलविदा कहा…. वो ठीक से पापा की गोद में खेल भी न सका था, कि उसे यह दिन देखना पड़ रहा था। 2 महीने का ये बच्चा भीड़-भाड़ में घबरा रहा था। पूरी भीड़ इस कदर पिता की चिता पर बच्चे को देखकर रो पड़ी। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने भी सोशल मीडिया पर जब यह वीडियो देखा तो खुद को यह लिखने से रोक ना सके कि नक्सलियों कान खोलकर सुन लो हमारे जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी।

शहीद की पत्नी का श्राप… शाहिद के जनाजे को लेकर इलाके के पूरे लोग भारत माता के जयकारों के साथ अंतिम संस्कार करने पहुंचे। भीड़ में पीछे बदहवास रोती हुई शाहिद सुदर्शन वेट्‌टी की पत्नी प्रमिला तिलम भी चल रही थी। उसी की गोद में 2 महीने का अयान रो रहा था। अब ये बच्चा कभी अपने पिता की गोद में नहीं खेल पाएगा, क्योंकि नक्सलियों ने उसके पिता को कायराना हमले में छीन लिया।

प्रमिला ने मीडिया से कहा कि जो मौत मेरे पति को मिली है उसे बद्तर मौत नक्सलियों को मिलेगी….। सुदर्शन वेट्टी की पिछले साल ही 2024 जून में शादी हुई थी। दुखद इत्तेफाक है कि जिस 6 तारीख को अयान ने जिंदगी के 2 महीने पूरे किए, उस दिन ही उसके पिता नक्सलियों के हमले में शहीद हुए। शाहिद सुदर्शन के यूं जाने से पूरा दंतेवाड़ा दुखी नजर आया।

ये हुआ था उस दिन बीजापुर जिले में नक्सलियों ने 6 जनवरी को जवानों को लेकर जा रहे वाहन को ब्लास्ट कर उड़ा दिया। हमले में दंतेवाड़ा DRG के 8 जवान शहीद हो गए। एक ड्राइवर की भी मौत हुई है। IG बस्तर रेंज सुंदरराज पी ने बताया कि बीजापुर से संयुक्त ऑपरेशन पार्टी ऑपरेशन पूरा कर वापस लौट रही थी। अंबेली गांव के पास नक्सलियों ने IED ब्लास्ट किया। धमाका इतना जोरदार था कि सड़क पर करीब 10 फीट गहरा गड्‌ढा हो गया और वाहन के परखच्चे उड़ गए। गाड़ी के कुछ पार्ट्स 30 फीट दूर एक पेड़ पर 25 फीट ऊंचाई पर मिले।

CM की चेतावनी नक्सलियों को शहीद की चिता का ये वीडियो देखने के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सोशल मीडिया पर लिखा- शहीद सुदर्शन जी की शहादत को छत्तीसगढ़ कभी नहीं भूलेगा। 2 माह के एक मासूम और अबोध बेटे द्वारा अपने शहीद पिता को अंतिम विदाई देने का यह मार्मिक दृश्य, हर दिल को झकझोर देने वाला है। सुदर्शन जी जैसे वीर हमारे छत्तीसगढ़ की शान हैं। उनके और अन्य शहीदों के बलिदान ने नक्सल उन्मूलन के हमारे संकल्प को और मजबूत किया है। नक्सली कान खोलकर सुन ले, हमारे वीर जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। हमारी सरकार नक्सलवाद के इस नासूर को तय समय-सीमा में समूल खत्म करने के लिए संकल्पबद्ध है।

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