छत्तीसगढ़ में जल जीवन मिशन के तहत हर घर में मार्च 2024 तक पानी पहुंचाने का टारगेट है, लेकिन दक्षिण बस्तर यानी दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर में काम बेहद पीछे है। इन जिलों के 106 ठेकेदारों को मिशन ने नोटिस जारी कर दिया है, क्योंकि ज्यादातर ने काम शुरू नहीं किया और कुछ के काम की रफ्तार धीमी है।
सभी से काम नहीं शुरू करने का धीमा होने का जवाब मांगा गया है। जवाब नहीं देने वाले पांच ठेकेदारों को मिशन संचालक ने प्रदेश के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया है। मीडिया को मिली जानकारी के मुताबिक ब्लैकलिस्ट हुए ठेकेदारों में मेसर्स अमित तिवारी, मेसर्स कौशल पाण्डेय, मेसर्स तरुण ठाकुर, माही एसोसिएट और मेसर्स कृष्णा मेहरा, रायकोट।
चारों ठेकेदार बस्तर में ही काम कर रहे हैं। मिशन दफ्तर के अफसरों की मानें तो कुछ और ठेकेदारों पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है। ब्लैकलिस्ट किए गए पांच में से चार ठेकेदारों को 14 फरवरी 2023 को तथा एक को 2 जून 2023 को काम आवंटित किया गया था। मिशन संचालक ने सितंबर में जब सभी कामों की समीक्षा की तो 106 काम ऐसे मिले, जहां शुरुआत नहीं हो पाई। उसमें ये चार ठेकेदार भी थे, इसलिए इन्हें नोटिस भेजा गया। स्थानीय कार्यपालन अभियंता को मौके पर भेजकर मुआयना कराया गया तो सामने आया कि इन चारों ठेकेदारों ने अभी तक एक गड्ढ़ा तक नहीं खोदा है। फिर इन ठेकेदारों ने काम न करने की वजह पूछी गई तो उन्होंने जवाब ही नहीं दिया। बार-बार मौका देने के बाद जब जवाब नहीं मिला तो इन्हें ब्लैकलिस्ट कर इनकी अमानत राशि भी सरकार ने जब्त कर ली है।
50 लाख कनेक्शन लगने हैं, अब तक 34 लाख ही
छत्तीसगढ़ में 49,95,656 घरों में नल कनेक्शन लगाए जाने हैं। इसमें से अब तक 34,65,816 घराें तक कनेक्शन पहुंचाया जा चुका है। बुधवार को ही 7,348 नए घरों में कनेक्शन लगाए गए। एक साल पहले छत्तीसगढ़ पूरे देश में नीचे से दूसरे पायदान पर था। एक दिसंबर 2022 को प्रदेश में 16 लाख 95 हजार घरों में ही नल कनेक्शन लग पाए थे। ये 33.48 प्रतिशत था। एक साल में औसत प्रतिदिन करीब 10 हजार कनेक्शन लगाकर 69.38 प्रतिशत लक्ष्य पूरा किया जा चुका है। यही वजह है कि छत्तीसगढ़ ने राजस्थान, झारखंड, केरला, मध्यप्रदेश, ओडिसा, असम जैसे राज्यों को पीछे छोड़ नीचे से दसवें स्थान पर पहुंच गया है।
दूसरे ठेकेदारें को देंगे काम: संचालक
जल जीवन मिशन के तहत मार्च 2024 तक हर घर नल पहुंचाने का प्रयास है, लेकिन कुछ ठेकेदारों की लापरवाही से काम धीमा है। ऐसे लोगों को चिन्हित किया गया है। उनका काम दूसरों को दिया जाएगा। -आलोक कटियार, संचालक-जल जीवन मिशन