छत्तीसगढ़: पत्रकार मुकेश चंद्राकर के परिजन को 10 लाख की सहायता राशि का एलान, भाई ने पुलिस से मांगी सुरक्षा

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छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में एक जनवरी 2025 को एक दिल दहला देने वाली घटना घटी। प्रसिद्ध पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या कर दी गई थी, जिससे न केवल उनके परिवार को गहरा धक्का पहुंचा, बल्कि पत्रकारिता जगत और समाज के लोगों में भी गुस्सा और निराशा की लहर दौड़ गई। मुकेश चंद्राकर ने सरकारी ठेकों में धांधली और भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया था, जिसकी वजह से उनकी जान को खतरा हो गया था। उनकी हत्या के बाद, छत्तीसगढ़ सरकार ने उनके परिवार को आर्थिक सहायता देने का फैसला लिया है और उनके भाई ने सुरक्षा की मांग की है, ताकि उनके परिवार को भविष्य में किसी प्रकार का खतरा न हो।

 

 

 

मुकेश चंद्राकर की हत्या और उसका कारण

मुकेश चंद्राकर, जो एक समर्पित पत्रकार थे, ने कई बार अपनी रिपोर्टों में सरकारी ठेकों में घोटालों और भ्रष्टाचार को उजागर किया था। उनकी रिपोर्टिंग के चलते कई महत्वपूर्ण खुलासे हुए थे, जो कुछ लोगों के लिए नापसंद थे। एक जनवरी 2025 की रात को मुकेश चंद्राकर की हत्या कर दी गई, और इस हत्याकांड के मुख्य साजिशकर्ता के रूप में सुरेश चंद्राकर का नाम सामने आया, जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने अन्य संदिग्धों को भी हिरासत में लिया है और मामले की जांच जारी है।

मुकेश चंद्राकर की हत्या की वजह उनके द्वारा की गई पत्रकारिता को माना जा रहा है, क्योंकि उन्होंने भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी को उजागर किया था, जो कुछ लोगों के लिए खतरे की घंटी साबित हुई। उनके द्वारा किए गए खुलासे सरकार और प्रशासन के लिए महत्वपूर्ण थे, लेकिन इसके साथ ही उनके शत्रु भी बढ़ गए थे। अब, उनकी हत्या ने यह सवाल खड़ा किया है कि क्या पत्रकारों को अपनी जान की कीमत पर सच बोलने की आज़ादी है?

छत्तीसगढ़ सरकार का कदम: आर्थिक सहायता का एलान

मुकेश चंद्राकर के परिवार को उनकी दुखद मृत्यु के बाद सहारा देने के लिए छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार ने उनके परिजनों को 10 लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान करने का निर्णय लिया है। यह कदम सरकार की ओर से पत्रकारों के प्रति सहानुभूति और उनके परिवारों के प्रति संवेदनशीलता का प्रतीक है। यह सहायता राशि मुकेश के परिवार को वित्तीय सहारा देने के लिए है, ताकि वे इस कठिन समय में कम से कम आर्थिक दबाव महसूस करें।

सरकार ने इस कदम के साथ यह भी संदेश दिया कि वह पत्रकारों के अधिकारों और उनकी सुरक्षा को गंभीरता से लेती है और उनकी हत्याओं को कभी बर्दाश्त नहीं करेगी। यह भी दर्शाता है कि सरकार इस मामले में कोई ढील नहीं बरतेगी और दोषियों को सजा दिलवाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।

मुकेश के भाई युकेश चंद्राकर का अपील: सुरक्षा की मांग

मुकेश चंद्राकर की हत्या ने उनके परिवार को झकझोर कर रख दिया है। खासकर उनके भाई, युकेश चंद्राकर, जो इस समय बहुत तनाव में हैं, उन्होंने पुलिस से सुरक्षा की मांग की है। युकेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (जिसे पहले ट्विटर कहा जाता था) पर अपनी भावनाओं का इज़हार करते हुए लिखा, “मुझे प्रोटेक्शन की जरूरत महसूस हो रही है। मुझे जीने का शौक नहीं है, लेकिन अब लड़ना है मुझे।” उनका यह बयान उनकी भावनाओं को साफ दर्शाता है, जो एक ओर जहां दुख और दर्द से भरा हुआ था, वहीं दूसरी ओर संघर्ष की भावना से भी ओत-प्रोत था।

युकेश ने अपने परिवार की सुरक्षा के लिए भी अपील की है। उन्होंने आगे लिखा, “लड़ने के लिए जिंदा रहना जरूरी है। मेरे और मेरे परिवार के लिए सुरक्षा मांग रहा हूं। कृपया सुरक्षा मुहैया करवाई जाए।” यह बयान इस बात को दर्शाता है कि युकेश अब अपने और अपने परिवार के जीवन को लेकर चिंतित हैं। मुकेश की हत्या के बाद से उनके परिवार की सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा बन गई है, और युकेश की यह अपील सुरक्षा की अहमियत को सामने लाती है।

पत्रकारों की सुरक्षा: एक गंभीर मुद्दा

मुकेश चंद्राकर की हत्या ने यह सवाल खड़ा किया है कि क्या पत्रकारों को अपनी जान जोखिम में डालकर सच बोलने की आज़ादी है? क्या उनकी सुरक्षा को गंभीरता से लिया जा रहा है? यह मुद्दा सिर्फ छत्तीसगढ़ या भारत का नहीं, बल्कि दुनिया भर का है। कई देशों में पत्रकारों के खिलाफ हिंसा और धमकियां आम हो गई हैं। पत्रकारिता का उद्देश्य समाज को सही जानकारी देना और उन मुद्दों को उजागर करना है, जिन्हें दबाया जाता है। लेकिन जब पत्रकारों की जान को खतरा होता है, तो यह सवाल उठता है कि क्या पत्रकारों की स्वतंत्रता की रक्षा की जा रही है?

पत्रकारों को सुरक्षा मुहैया कराना न केवल सरकार की जिम्मेदारी है, बल्कि समाज के हर वर्ग का यह कर्तव्य है कि वह पत्रकारों के अधिकारों की रक्षा करें और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करें। पत्रकारों को बिना किसी डर के अपनी रिपोर्टिंग करने का अधिकार होना चाहिए, ताकि वे समाज की सच्चाई को उजागर कर सकें।

 

(मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर)

 

 

युकेश चंद्राकर का संघर्ष

मुकेश चंद्राकर के भाई युकेश का यह बयान कि “लड़ने के लिए जिंदा रहना जरूरी है,” यह साबित करता है कि वह न केवल अपने परिवार के लिए न्याय चाहते हैं, बल्कि समाज में पत्रकारों की सुरक्षा के मुद्दे पर भी ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं। यह संघर्ष सिर्फ एक परिवार का नहीं, बल्कि सभी पत्रकारों और उनके परिवारों का है, जो हर दिन खतरे में काम करते हैं। युकेश का यह संघर्ष एक तरह से पूरे समाज की आवाज बन सकता है, जो यह मांग करता है कि पत्रकारों को सुरक्षा और स्वतंत्रता मिलनी चाहिए।

पत्रकारों के अधिकार और सुरक्षा

मुकेश चंद्राकर की हत्या ने हमें यह याद दिलाया है कि पत्रकारों के अधिकारों और उनकी सुरक्षा को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यह समय है जब सरकारों और समाज को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि पत्रकार बिना किसी डर के अपनी रिपोर्टिंग कर सकें। वहीं, मुकेश के परिवार को न्याय दिलवाना और उनके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करना सभी की जिम्मेदारी बनती है। युकेश चंद्राकर की सुरक्षा की अपील और छत्तीसगढ़ सरकार का मदद का एलान एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन इससे भी अधिक जरूरी यह है कि हम एक ऐसा समाज बनाएं, जिसमें पत्रकारों की स्वतंत्रता और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।

 

  1. मुकेश चंद्राकर की हत्या के बाद उनके परिवार को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता।
  2. मुकेश के भाई युकेश चंद्राकर ने पुलिस से सुरक्षा की मांग की।
  3. युकेश ने सोशल मीडिया पर अपनी भावनाओं का इज़हार किया और सुरक्षा की अपील की।
  4. पत्रकारों की सुरक्षा और स्वतंत्रता के मुद्दे पर समाज को जागरूक करने की आवश्यकता।
  5. छत्तीसगढ़ सरकार का यह कदम पत्रकारों के लिए एक सकारात्मक संदेश।

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