रायपुर में एक विवादित मकान को खाली कराने के दौरान मंगलवार को तनावपूर्ण स्थिति बन गई। दशरथ सोना नामक व्यक्ति और उनकी पत्नी ने मकान खाली करने के विरोध में आत्मदाह की कोशिश की। इस घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें दशरथ मकान की छत पर मिट्टी का तेल डालते और हाथ में माचिस लिए नजर आ रहे हैं। पुलिस और प्रशासन की सतर्कता से बड़ी घटना को टाल दिया गया।
मकान खाली कराने की कार्रवाई:
मंगलवार सुबह करीब 12 बजे राजस्व विभाग की टीम दशरथ सोना का मकान खाली कराने पहुंची। अधिकारियों का दावा था कि परिवार अवैध तरीके से मकान पर कब्जा किए हुए है। कार्रवाई के दौरान विवाद बढ़ गया और दशरथ और उनकी पत्नी ने जोरदार विरोध शुरू कर दिया।
आत्मदाह की कोशिश:
मकान खाली कराने के दबाव के बीच, दशरथ और उनकी पत्नी ने खुद पर मिट्टी का तेल छिड़क लिया। दशरथ छत पर चढ़कर आत्मदाह की धमकी देने लगे। उनके हाथ में माचिस और मिट्टी तेल की बोतल थी। मौके पर मौजूद पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने उन्हें शांत करने की कोशिश की। लंबी बातचीत के बाद, दशरथ को नीचे उतारा गया और स्थिति को नियंत्रित किया गया।
दशरथ का पक्ष:
दशरथ सोना का कहना है कि वह इस मकान में पिछले 34 सालों से रह रहे हैं। उनके मुताबिक, मकान उनके पिता ने खरीदा था। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ प्रभावशाली लोगों ने अधिकारियों को रिश्वत देकर उनके खिलाफ साजिश रची है। दशरथ का कहना है कि यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है, लेकिन उन्हें जबरन मकान से बेदखल करने की कोशिश की जा रही है।
तहसीलदार का बयान:
इस मुद्दे पर रायपुर तहसीलदार पवन कोसमा ने बताया कि यह कार्रवाई उच्च अधिकारियों के आदेश पर की जा रही थी। मकान पर कब्जा लेने की कार्रवाई को फिलहाल रोक दिया गया है। तहसीलदार ने पुष्टि की कि मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है और कोर्ट का अंतिम निर्णय आने तक कोई कदम नहीं उठाया जाएगा।
- घटना का समय और स्थान:
- रायपुर में मंगलवार को विवादित मकान खाली कराने पहुंचा राजस्व विभाग।
- दशरथ सोना और उनकी पत्नी ने आत्मदाह की कोशिश की।
- कार्रवाई का कारण:
- प्रशासन का दावा: मकान पर दशरथ का अवैध कब्जा।
- दशरथ का पक्ष: मकान उनके पिता ने खरीदा था; साजिश के तहत बेदखल किया जा रहा है।
- तनावपूर्ण स्थिति:
- दशरथ ने छत पर चढ़कर आत्मदाह की धमकी दी।
- पुलिस और प्रशासन ने स्थिति को संभाला और घटना को टाला।
- मामले की स्थिति:
- कब्जा लेने की कार्रवाई को रोका गया।
- मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन।
- प्रभावित परिवार की पीड़ा:
- दशरथ का आरोप: उन्हें न्याय नहीं मिल रहा और अफसरों को रिश्वत देकर उनके खिलाफ काम करवाया जा रहा है।
दशकों पुराना विवाद:
दशरथ सोना और उनका परिवार रायपुर के इस मकान में 34 साल से रह रहा है। उनका कहना है कि यह मकान उनके पिता ने खरीदा था, और उन्होंने कभी किसी कानून का उल्लंघन नहीं किया। प्रशासन का दावा है कि इस मकान पर दशरथ का कब्जा अवैध है, जिसे खाली कराना जरूरी है।
परिवार का विरोध:
दशरथ और उनकी पत्नी का कहना है कि प्रशासन और स्थानीय प्रभावशाली लोग उनके खिलाफ साजिश कर रहे हैं। उनका दावा है कि कोर्ट में लंबित इस मामले को खत्म करने के लिए अधिकारियों पर दबाव बनाया जा रहा है।
प्रशासन का दृष्टिकोण:
रायपुर तहसीलदार पवन कोसमा ने बताया कि मकान खाली कराने का यह कदम कानूनी प्रक्रिया के तहत उठाया गया था। हालांकि, परिवार के विरोध और आत्मदाह की धमकी के कारण इस कार्रवाई को स्थगित करना पड़ा।
सुरक्षा प्रबंधन:
मौके पर मौजूद पुलिस टीम ने तुरंत कार्रवाई कर माहौल को शांत किया। प्रशासनिक अधिकारियों ने परिवार को समझाकर स्थिति को काबू में किया।
कानूनी लड़ाई:
यह मामला हाईकोर्ट में लंबित है। कोर्ट का फैसला आने तक परिवार को मकान में रहने की अनुमति दी गई है। अधिकारियों का कहना है कि भविष्य में कोई कार्रवाई कोर्ट के निर्देशों के अनुसार ही होगी।
सामाजिक और मानवीय दृष्टिकोण:
यह घटना समाज में बढ़ती कानूनी और प्रशासनिक अस्थिरता का प्रतीक है। दशरथ और उनके परिवार की स्थिति उन लोगों की कहानी बयां करती है, जो न्याय पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। प्रशासन और समाज को मिलकर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी भी नागरिक को इस तरह की स्थिति का सामना न करना पड़े।
इस घटना ने न केवल कानूनी प्रक्रियाओं की जटिलताओं को उजागर किया है, बल्कि यह भी दिखाया कि संवेदनशील मुद्दों को कैसे संभालना चाहिए। प्रशासन को चाहिए कि वह न्यायपूर्ण तरीके से विवादों का निपटारा करे और सामाजिक शांति बनाए रखे।