रायपुर में हिट एंड रन हादसा: महिला 20 मिनट तक तड़पती रही, कार की टक्कर से ई-रिक्शा के नीचे दब गई, एंबुलेंस न आई, बाद में कार से अस्पताल पहुंचाई गई

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रायपुर में एक दर्दनाक हिट एंड रन घटना सामने आई है, जहां एक तेज रफ्तार कार ने एक ई-रिक्शा को टक्कर मारी, जिसके बाद एक महिला ई-रिक्शे के नीचे दब गई। यह घटना भगत सिंह चौक पर हुई, और इस हादसे में महिला के सिर पर गंभीर चोटें आईं। हादसा इतना गंभीर था कि महिला सड़क पर 20 मिनट तक तड़पती रही, लेकिन उस समय तक एंबुलेंस की कोई मदद नहीं पहुंची। यह घटना उस समय हुई जब लोग उसे बचाने के लिए दौड़े और फोन करके मदद बुलाने की कोशिश की, लेकिन मदद मिलने में देरी हो गई।

 

 

घटना का विस्तृत विवरण

हादसा उस समय हुआ जब तेज रफ्तार में एक अल्टो कार ने ई-रिक्शा को टक्कर मारी। ई-रिक्शा सड़क पर पैदल चल रही महिला के ऊपर गिर पड़ा। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, महिला गंभीर रूप से घायल हो गई थी और उसके सिर से खून बह रहा था। घटना के बाद कार चालक मौके से फरार हो गया, जबकि लोग उसकी मदद करने के लिए इधर-उधर दौड़े, लेकिन वह कार चालक भागने में सफल रहा।

महिला का 20 मिनट तक तड़पना

एक व्यक्ति ने घटना के बारे में बताया कि महिला 20 मिनट तक सड़क पर पड़ी रही और उसे लगातार दर्द से तड़पते हुए देखा गया। इतने समय में कोई भी व्यक्ति मदद करने के लिए रुकने को तैयार नहीं था। यह देखकर उस व्यक्ति ने पुलिस और एंबुलेंस को फोन किया, लेकिन कोई मदद नहीं आई। एंबुलेंस की मदद आने में समय लग रहा था, इस कारण उसने पास से गुजर रहे अन्य वाहन चालकों से मदद मांगी। लेकिन कोई भी रुककर उसकी मदद करने के लिए तैयार नहीं हुआ।

एंबुलेंस और पुलिस की मदद की कमी

घटनास्थल पर मदद की कोशिशें जारी रही, लेकिन वहां से गुजरने वाले वाहन चालकों ने कोई ध्यान नहीं दिया। 20 मिनट के बाद, एक व्यक्ति ने अपनी कार रोकी और उस व्यक्ति की मदद से महिला को अस्पताल पहुंचाया। जब तक महिला को अस्पताल पहुंचाया गया, तब तक वह काफी कमजोर हो चुकी थी और खून की कमी के कारण उसकी हालत गंभीर हो गई थी।

 

 

महिला के घायल होने का कारण

इस हादसे में महिला के घायल होने की मुख्य वजह थी ई-रिक्शा का उस पर गिरना। हालांकि ई-रिक्शा में सवार अन्य लोग सुरक्षित रहे, लेकिन महिला को गंभीर चोटें आईं। महिला सड़क पर चल रही थी, और जैसे ही ई-रिक्शा उस पर गिरा, उसकी स्थिति खराब हो गई।

कार चालक की पहचान और वाहन

इस घटना में जिस कार ने ई-रिक्शा को टक्कर मारी, उसकी चालक एक महिला थी। हालांकि, कार चालक ने हादसे के बाद मौके से फरार हो गया। उसकी पहचान अभी तक नहीं हो पाई है, लेकिन महिला चालक की तलाश की जा रही है। इस मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और कार चालक के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

पहले भी हुआ था हिट एंड रन का हादसा

यह हिट एंड रन का पहला मामला नहीं है। इससे पहले, 4 दिन पहले ही रायपुर के सिविल लाइन थाना क्षेत्र में एक और हिट एंड रन घटना घटी थी। इस घटना में एक एक्टिवा सवार युवती को एक तेज रफ्तार कार ने टक्कर मार दी थी। उस समय भी कार चालक मौके से फरार हो गया था, और युवती को गंभीर चोटें आई थीं। बाद में युवती को रायपुर के अंबेडकर अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

प्रशासन की ओर से कदम उठाने की आवश्यकता

रायपुर में हुई इस घटना ने कई सवाल उठाए हैं, खासकर एंबुलेंस और पुलिस की प्रतिक्रिया के बारे में। जब किसी गंभीर घटना के समय एंबुलेंस और पुलिस की मदद नहीं मिलती, तो यह समाज के लिए चिंताजनक हो सकता है। अधिकारियों को इस मामले में शीघ्र कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों के दौरान लोगों को समय पर मदद मिल सके।

 

 

मीडिया और समाज की भूमिका

इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि जब किसी दुर्घटना के समय लोग मदद के लिए एकजुट नहीं होते, तो मदद मिलना बेहद मुश्किल हो जाता है। यह हमें यह सिखाता है कि समाज में एकजुटता और सहायता की भावना को बढ़ावा देना जरूरी है। अगर हर कोई मिलकर एक-दूसरे की मदद करता, तो शायद इस महिला को 20 मिनट तक तड़पने की स्थिति में नहीं पहुंचना पड़ता।

हिट एंड रन मामलों की बढ़ती संख्या

रायपुर में हिट एंड रन जैसे हादसों की संख्या बढ़ती जा रही है। यह एक गंभीर समस्या बन चुकी है, जिसमें वाहन चालक दुर्घटनाओं के बाद मौके से फरार हो जाते हैं। इससे न केवल दुर्घटनाओं का आंकड़ा बढ़ता है, बल्कि पीड़ितों को सही समय पर इलाज और सहायता भी नहीं मिल पाती है। पुलिस को इस प्रकार के मामलों पर कड़ी निगरानी रखनी चाहिए और भागने वाले चालकों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

रायपुर में हुई इस दुर्घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि हम सभी को एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में अपनी भूमिका निभानी चाहिए। यह घटना न केवल एक व्यक्ति की जीवन रक्षक सहायता की आवश्यकता को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि समय पर सहायता न मिलने से जीवन को खतरा हो सकता है। प्रशासन और समाज को मिलकर इस प्रकार की घटनाओं की रोकथाम के लिए कदम उठाने होंगे। साथ ही, एंबुलेंस और पुलिस की कार्यप्रणाली को और बेहतर बनाने की आवश्यकता है ताकि दुर्घटनाओं के बाद तुरंत मदद मिल सके।

 

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