छत्तीसगढ़ कांग्रेस में 2 साल से कोषाध्यक्ष की कमी: ED की रेड के बाद फरार रामगोपाल अग्रवाल, टीएस सिंहदेव बोले- पार्टी का बैकबोन हिला हुआ है…!

Spread the love

छत्तीसगढ़ कांग्रेस पिछले दो साल से बिना कोषाध्यक्ष के काम कर रही है। यह एक अजीब स्थिति है, क्योंकि कांग्रेस पार्टी का कोषाध्यक्ष ना सिर्फ पार्टी के वित्तीय मामलों का प्रबंधन करता है, बल्कि पार्टी की पूरी आर्थिक व्यवस्था और खर्चों पर नजर रखने के लिए भी जिम्मेदार होता है। इसके बावजूद, पार्टी में नए कोषाध्यक्ष की नियुक्ति अब तक नहीं की गई है। पार्टी के वर्तमान हालात को देखते हुए, पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा है कि इस स्थिति से पार्टी की रीढ़, यानी ‘बैकबोन’, थोड़ा कमजोर हुई है।

 

 

 

कोषाध्यक्ष क्यों है अहम पद?

कोई भी राजनीतिक पार्टी एक मजबूत आर्थिक ढांचे के बिना नहीं चल सकती। चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार, हर पार्टी को यह बताना होता है कि पार्टी का कोषाध्यक्ष कौन है, जो पार्टी के खाते और खर्चों को संभालता है। कोषाध्यक्ष का काम केवल खर्चों को प्रबंधित करना नहीं है, बल्कि पार्टी की पूरी वित्तीय स्थिति को पारदर्शी बनाना भी है। अगर कोषाध्यक्ष नहीं है, तो यह स्थिति पार्टी के लिए बहुत जटिल हो सकती है।

कोषाध्यक्ष का काम इतना अहम होता है कि पार्टी का वित्तीय बजट, फंडिंग और खर्च सभी इसी पद से जुड़े होते हैं। बिना कोषाध्यक्ष के, बड़े खर्चों के लिए अनुमति नहीं दी जा सकती और इसके लिए कोषाध्यक्ष के दस्तखत जरूरी होते हैं। यह पद पार्टी की संरचना में दूसरा सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। पार्टी के अध्यक्ष की तरह, कोषाध्यक्ष का भी जिम्मा बहुत बड़ा होता है, क्योंकि वह पार्टी की वित्तीय नीति को मजबूत रखने का काम करता है।

 

 

रामगोपाल अग्रवाल का परिचय

रामगोपाल अग्रवाल, जो छत्तीसगढ़ कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रहे हैं, पार्टी के एक वरिष्ठ नेता माने जाते हैं। उन्होंने 1980 के दशक में कांग्रेस से जुड़कर राजनीति में कदम रखा। 2013 में उन्हें छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी का कोषाध्यक्ष नियुक्त किया गया था। हालांकि उन्होंने कभी चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन पार्टी के अंदर संगठनात्मक कामकाजी क्षेत्र में उनकी अहम भूमिका रही है।

लेकिन फरवरी 2023 में, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन से पहले ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने उनके घर समेत अन्य ठिकानों पर छापेमारी की थी। इसके बाद से वे अचानक गायब हो गए और अब तक उनकी कोई सूचना नहीं मिली है।

ED की रेड और फरारी

रामगोपाल अग्रवाल पर आरोप हैं कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया। ED की रेड के दौरान शराब और कोयला घोटालों की जांच की गई, जिसमें अग्रवाल का नाम सामने आया। इसके बाद से वे फरार हो गए। पार्टी के नेताओं ने कहा कि अग्रवाल ने ED से बचने के लिए घर छोड़ दिया है और उनकी तलाश जारी है।

गिरफ्तारी से बचने के बाद से रामगोपाल अग्रवाल ने न तो पार्टी के कार्यक्रमों में हिस्सा लिया और न ही कोई सार्वजनिक गतिविधि दिखाई। उनके सोशल मीडिया अकाउंट पर आखिरी पोस्ट जुलाई 2023 में आई थी, इसके बाद वे पूरी तरह से गायब हो गए हैं।

 

 

गबन के आरोप

कांग्रेस के पूर्व महामंत्री अरुण सिसोदिया ने रामगोपाल अग्रवाल पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि अग्रवाल ने 5 करोड़ 89 लाख रुपये का गबन किया। ये पैसे अग्रवाल ने बिना पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को सूचित किए, गाजियाबाद स्थित एक मीडिया कंपनी को दे दिए थे। यह आरोप पार्टी के भीतर खलबली मचा चुके थे, और पार्टी के अन्य नेताओं ने भी इस मुद्दे को उठाया था।

पार्टी में असर

रामगोपाल अग्रवाल के बिना कोषाध्यक्ष के स्थिति ने कांग्रेस पार्टी के कामकाज पर असर डाला है। पिछले दो सालों में कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव, लोकसभा चुनाव और उपचुनाव तक बिना कोषाध्यक्ष के लड़ा है। यह पार्टी की प्रशासनिक संरचना पर सवाल खड़े करता है।

टीएस सिंहदेव, जो पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं, ने कहा कि कोषाध्यक्ष का पद पार्टी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और इसके बिना पार्टी की रीढ़ कमजोर हो जाती है। उन्होंने कहा कि हालांकि वर्तमान में महामंत्री ने कोषाध्यक्ष के जिम्मे कुछ कामकाज संभाले हैं, लेकिन यह स्थायी समाधान नहीं है।

 

 

नए कोषाध्यक्ष की नियुक्ति

कांग्रेस पार्टी में अब तक नए कोषाध्यक्ष की नियुक्ति नहीं की गई है। दीपक बैज, जो वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष हैं, ने बताया कि नए कोषाध्यक्ष के नाम की सिफारिश हाईकमान को भेजी जा चुकी है, और AICC (अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी) जल्द ही इस पर निर्णय लेगा।

हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि नए कोषाध्यक्ष का नाम कब घोषित किया जाएगा। वर्तमान में पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता इस मुद्दे को लेकर चिंतित हैं और उनका मानना है कि बिना कोषाध्यक्ष के पार्टी का संचालन कठिन हो सकता है।

 

पार्टी की कठिनाइयाँ

छत्तीसगढ़ कांग्रेस की स्थिति से यह साफ पता चलता है कि जब किसी पार्टी के वित्तीय प्रबंधन का ढांचा कमजोर होता है, तो पार्टी की पूरी कार्यप्रणाली पर असर पड़ता है। आगामी चुनावों और पार्टी के आगामी कार्यक्रमों को देखते हुए यह जरूरी है कि कांग्रेस पार्टी जल्द से जल्द एक नए कोषाध्यक्ष की नियुक्ति करे।

 

 

 

छत्तीसगढ़ कांग्रेस की स्थिति को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि पार्टी को एक नए कोषाध्यक्ष की आवश्यकता है जो पार्टी की वित्तीय व्यवस्था को बेहतर तरीके से संभाल सके। रामगोपाल अग्रवाल पर आरोपों और ED की रेड के बाद उनका फरार होना पार्टी के लिए बहुत ही चुनौतीपूर्ण स्थिति बन चुका है। ऐसे में पार्टी को जल्द ही एक स्थायी और सक्षम कोषाध्यक्ष की नियुक्ति करनी चाहिए ताकि पार्टी की कार्यप्रणाली और चुनावी रणनीतियों में कोई बाधा न आए।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *