सरपंच चुनाव जीतने की चाह में युवक ने रची लूट की झूठी कहानी, पुलिस जांच में सच आया सामने…!

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रायपुर में सरपंच चुनाव जीतने के लिए एक अजीब और झूठी घटना सामने आई है। एक युवक ने पुलिस को बताया कि उसके साथ चाकू की नोक पर साढ़े चार लाख रुपये की लूट हुई। लेकिन, जांच के दौरान यह कहानी झूठी निकली। उसने यह साजिश इसलिए रची ताकि अपने गांव में फेमस होकर आगामी सरपंच चुनाव जीत सके।

घटना धरसींवा थाना क्षेत्र के सिलयारी चौकी की है। चेतन लाल धीवर (40), जो एक जियो टेलीकॉम डिस्ट्रीब्यूटर के रूप में काम करता है, ने पुलिस को बताया कि वह 10 जनवरी की रात करीब 8:30 बजे अपने घर लौट रहा था। उसके छोटे भाई थनेश्वर ने अलग-अलग दुकानों से पैसे इकट्ठे किए थे, जिनकी कुल राशि लगभग 4 लाख 44 हजार रुपये थी। ये सभी पैसे एक काले बैग में रखे गए थे।

 

 

रास्ते में रुक गया भाई, और हुआ ‘लूट’ का नाटक

चेतन ने बताया कि उसके भाई थनेश्वर ने रास्ते में अंडा रोल खाने के लिए बाइक रोक दी। लेकिन चेतन आगे बढ़ गया। जब वह अकोली गांव के पास सुनसान सड़क पर पहुंचा, तभी एक बाइक पर सवार दो लोग आए। उन्होंने चेतन की गाड़ी रोककर चाकू दिखाया और बैग लूटकर मांढर की ओर भाग गए। बैग में साढ़े चार लाख रुपये थे।

 

पुलिस को हुआ शक

चेतन की शिकायत के बाद, रायपुर एंटी क्राइम यूनिट इस मामले की जांच में जुट गई। टीम का नेतृत्व डीएसपी संजय सिंह और प्रभारी परस पांडेय कर रहे थे। जब चेतन से पूछताछ की गई, तो उसकी बातें संदिग्ध लगीं।

पुलिस ने घटनास्थल पर जाकर पूरे सीन को रीक्रिएट करवाया। साथ ही, चेतन के मोबाइल नंबर की लोकेशन की भी जांच की गई। सख्त सवालों और तकनीकी सबूतों के आधार पर अंततः चेतन ने सच उगल दिया। उसने कबूल किया कि लूट की कहानी पूरी तरह से झूठी थी।

 

 

झूठ क्यों बोला?

चेतन ने बताया कि वह पहले सरपंच चुनाव लड़ चुका है लेकिन हार गया था। अब, वह फिर से चुनाव लड़ना चाहता था। चुनाव जीतने के लिए वह अपने इलाके में लोकप्रिय और चर्चित होना चाहता था। इसी वजह से उसने यह झूठी घटना गढ़ी।

पुलिस ने बरामद किए पैसे

पुलिस ने चेतन के पास से करीब 2 लाख रुपये बरामद किए। बाकी पैसे उसने अपनी उधारी चुकाने में खर्च कर दिए थे। पुलिस अब शेष राशि की रिकवरी कर रही है।

यह घटना बताती है कि लोकप्रियता पाने और चुनाव जीतने के लिए लोग किसी भी हद तक जा सकते हैं। लेकिन, सच्चाई छिपाना आसान नहीं होता। पुलिस की जांच और तकनीकी विशेषज्ञता ने इस झूठ को बेनकाब कर दिया।

 

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