दुर्ग पुलिस ने एक बड़ी धोखाधड़ी के मामले में लुटेरी दुल्हन के फर्जी भाई को मध्यप्रदेश के इंदौर से गिरफ्तार किया है। यह मामला एक व्यापारी से फर्जी शादी कर उसके परिवार को ठगने और महंगे सामान व नकद लेकर भागने से जुड़ा है। महिला और उसके गिरोह ने पहले भी कई लोगों को इसी तरह ठगा है।
कैसे हुई शुरुआत?
दुर्ग जिले के शनिचरी बाजार निवासी व्यापारी संतोष जैन के पिता उसके लिए दुल्हन की तलाश कर रहे थे। इसी दौरान ठगों के एक गिरोह ने उन्हें निशाना बनाया। सरला जैन नाम की एक महिला ने संतोष के पिता से संपर्क किया और बताया कि उसके पास एक अच्छा रिश्ता है।
महिला ने उन्हें दुल्हन के ‘फर्जी भाई’ से मिलवाया। बातचीत के बाद दोनों परिवारों में रिश्ता तय हो गया। 17 मार्च 2023 को संतोष जैन और भारती जैन नाम की लड़की की शादी पूरे रीति-रिवाज के साथ संपन्न हुई।
शादी के बाद बदले रंग
शादी के कुछ दिन बाद ही भारती ने महंगे गहनों और अन्य चीजों की मांग शुरू कर दी। संतोष और उसके परिवार ने शुरुआत में इन मांगों को पूरा किया, लेकिन भारती की डिमांड लगातार बढ़ने लगी। इस वजह से घर में विवाद शुरू हो गया।
संतोष के परिवार ने जब भारती से उसके परिवार के अन्य सदस्यों का नाम, आधार कार्ड और पहचान पत्र मांगे, तो वह टालमटोल करने लगी।
फर्जीवाड़े का पर्दाफाश
संतोष और उसके परिवार को भारती पर शक होने लगा। उन्होंने उसकी पिछली जिंदगी के बारे में छानबीन शुरू की। इस दौरान उन्हें पता चला कि भारती पहले भी एक व्यक्ति से शादी कर चुकी थी। उस शादी से उसे एक बेटी भी हुई थी। लेकिन उसने उस व्यक्ति को भी लूटकर तलाक ले लिया था।
जब संतोष के परिवार ने भारती को सच्चाई बताने के लिए दबाव डाला, तो उसने उन्हें दहेज उत्पीड़न के फर्जी केस में फंसाने की धमकी दी। इसी बीच, संतोष के घरवालों ने उसकी असली पहचान उजागर कर दी। इसके बाद भारती घर से नकद और कीमती सामान लेकर फरार हो गई।
गिरोह के सदस्यों की असली पहचान
दुर्ग पुलिस ने जांच के बाद गिरोह के सभी सदस्यों की असली पहचान उजागर की।
- लुटेरी दुल्हन: भारती का असली नाम भारती नरगावेप है।
- फर्जी भाई: जिसने खुद को संतोष जैन बताया, उसका असली नाम संतोष शर्मा है।
- महिला एजेंट: जिसने सरला जैन बनकर शादी तय कराई, उसका असली नाम सरला जाधव उर्फ हर्षा है। वह इंदौर में दलाली का काम करती है।
- लड़की का रिश्तेदार: महावीर गांधी नाम से पहचान बनाने वाले व्यक्ति का असली नाम शिवराज जाधव है।
फर्जी पहचान और नई साजिश
शादी के कुछ समय बाद जब संतोष के परिवार ने कुलदेवी की पूजा में शामिल होने के लिए सभी रिश्तेदारों के आधार कार्ड मांगे, तो भारती ने इसे टालने की कोशिश की। जब परिवार ने इस पर जोर दिया, तो उसने विवाद शुरू कर दिया।
सच्चाई सामने आने के बाद भारती ने घर में रखा नकद और कीमती सामान समेटा और मौके से फरार हो गई।
कैसे पकड़ी गई महिला और गिरोह?
दुर्ग पुलिस ने व्यापारी संतोष जैन की शिकायत पर मामला दर्ज किया। पुलिस ने जांच शुरू की और तकनीकी सबूतों के आधार पर भारती के फर्जी भाई संतोष शर्मा को इंदौर से गिरफ्तार किया।
जांच में पता चला कि गिरोह ने पहले भी इस तरह की ठगी की घटनाओं को अंजाम दिया है। वे अपनी असली पहचान छिपाकर लोगों को ठगते थे।
पुलिस की अपील
दुर्ग पुलिस ने लोगों से अपील की है कि शादी जैसे महत्वपूर्ण फैसले लेने से पहले पूरी तरह से जांच-पड़ताल करें। किसी भी अनजान व्यक्ति की बातों पर भरोसा करने से बचें और सभी दस्तावेजों की अच्छी तरह से जांच करें।
यह घटना दिखाती है कि ठगी करने वाले लोग कैसे मासूम परिवारों को अपना शिकार बनाते हैं। शादी जैसे पवित्र बंधन का इस्तेमाल धोखाधड़ी के लिए करना बेहद गंभीर अपराध है। समाज को ऐसे मामलों से सावधान रहना चाहिए और पुलिस की मदद लेनी चाहिए।