देश में नेता-अभिनेता भी सुरक्षित नहीं: भूपेश बघेल का भाजपा और आरएसएस पर हमला…!

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देश में नेता-अभिनेता भी सुरक्षित नहीं: बघेल का भाजपा सरकार पर हमला

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरुवार को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भाजपा और आरएसएस पर तीखा हमला किया। उन्होंने RSS प्रमुख मोहन भागवत के बयान, सैफ अली खान पर हुए हमले, और बस्तर में भ्रष्टाचार को उजागर करने पर नेताओं और पत्रकारों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार को लेकर केंद्र सरकार और भाजपा की आलोचना की। बघेल ने कहा,

“देश में नेता और अभिनेता तक सुरक्षित नहीं हैं, तो आम जनता की सुरक्षा की क्या गारंटी है?”

 

 

भागवत के बयान पर बघेल का तीखा प्रहार

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने हाल ही में इंदौर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि,

“श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के दिन को भारत की सच्ची स्वतंत्रता मानना चाहिए।”

इस पर भूपेश बघेल ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा,

“भागवत जी का यह बयान स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष का अपमान है। इसका मतलब है कि आरएसएस आज भी संविधान और आजादी की लड़ाई को महत्व नहीं देता।”

बघेल ने तर्क दिया कि यह बयान उन लाखों स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान का अनादर है, जिन्होंने भारत को आजादी दिलाने के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी। उन्होंने यह भी कहा कि आरएसएस को तिरंगे को अपनाने में 52 साल लग गए थे, और अब ऐसे बयान देकर वे स्वतंत्रता संग्राम के महत्व को कम कर रहे हैं।

मुंबई में भी सुरक्षित नहीं हैं अभिनेता

भूपेश बघेल ने सैफ अली खान पर हुए हमले का जिक्र करते हुए मुंबई की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा,

“अगर देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में नेता और अभिनेता सुरक्षित नहीं हैं, तो आम जनता की क्या स्थिति होगी?”

बघेल ने बताया कि सैफ अली खान के अपार्टमेंट में रात 2:30 बजे घुसकर हमला किया गया। यह घटना दिखाती है कि मुंबई, जो कभी सबसे सुरक्षित शहरों में गिना जाता था, अब अपराधियों के निशाने पर है।

उन्होंने बाबा सिद्दीकी की हत्या का जिक्र करते हुए कहा कि,

“डबल इंजन की सरकार में हर कोई डरा हुआ है। जब नेता-अभिनेता सुरक्षित नहीं, तो आम जनता के बारे में सोचें।”

 

 

 

बस्तर में भ्रष्टाचार उजागर करने पर कार्रवाई

बघेल ने बस्तर में भ्रष्टाचार को उजागर करने वाले नेताओं और पत्रकारों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कवासी लखमा की गिरफ्तारी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि लखमा ने 2021-22 में पुल निर्माण में हो रहे भ्रष्टाचार को उजागर किया था।

क्या था मामला?

  • लखमा ने विधानसभा सत्र के दौरान सवाल पूछा था कि आचार संहिता के दौरान बिना स्वीकृति और बजट के पुल का निर्माण कैसे शुरू हो गया।
  • जिस दिन सवाल पूछा गया, उसी दिन टेंडर जारी किया गया।
  • लखमा ने यह भी बताया कि बस्तर में दो पुल ऐसे थे, जो बिना किसी स्वीकृति के बन रहे थे।

बघेल ने कहा कि भ्रष्टाचार उजागर करने के बाद दोषी अधिकारियों और ठेकेदारों पर कार्रवाई नहीं की गई। इसके बजाय ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने लखमा और उनके परिवार पर छापेमारी कर दी।

 

 

 

ED की कार्रवाई और गिरफ्तारी

बघेल ने आरोप लगाया कि लखमा की गिरफ्तारी राजनीतिक बदले की भावना से की गई। उन्होंने कहा,

“छापेमारी में न तो पैसे मिले, न ही कोई आपत्तिजनक दस्तावेज। फिर भी उन्हें गिरफ्तार किया गया। यह इसलिए हुआ क्योंकि उन्होंने सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर किया।”

इसके साथ ही बघेल ने यह भी बताया कि बस्तर में सड़क निर्माण में हुए भ्रष्टाचार को उजागर करने वाले एक पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या कर दी गई। उन्होंने कहा,

“भ्रष्टाचार की सच्चाई सामने लाने वाले लोगों को या तो जेल में डाल दिया जाता है, या फिर उनकी हत्या कर दी जाती है।”

 

भाजपा पर निशाना

बघेल ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में डबल इंजन की सरकार के नाम पर सिर्फ भय का माहौल बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा,

“नेता, अभिनेता, और पत्रकार—कोई भी सुरक्षित नहीं है। जब सत्ता में बैठे लोग खुद असुरक्षा का माहौल बना रहे हैं, तो जनता को न्याय कैसे मिलेगा?”

बघेल ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है, जब भ्रष्टाचार उजागर करने वाले किसी नेता या पत्रकार को निशाना बनाया गया हो।

बस्तर में सुशासन या डर का माहौल?

भूपेश बघेल ने बस्तर में हो रहे भ्रष्टाचार और हिंसा को लेकर कहा,

“बस्तर में जो लोग सच्चाई सामने लाने की कोशिश करते हैं, उन्हें या तो जेल में डाल दिया जाता है, या उनकी हत्या कर दी जाती है। सुशासन का दावा करने वाली सरकार ने बस्तर को डर और अन्याय का गढ़ बना दिया है।”

उन्होंने यह भी कहा कि बस्तर जैसे इलाकों में विकास और सुरक्षा को लेकर सरकार की नीतियां पूरी तरह विफल साबित हो रही हैं।

आरएसएस और भाजपा को आड़े हाथों लिया

बघेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भाजपा और आरएसएस का उद्देश्य जनता के मुद्दों से ध्यान भटकाना है।
उन्होंने कहा,

“भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, और सुरक्षा जैसे मुद्दों पर भाजपा के पास कोई ठोस जवाब नहीं है। इसलिए वे मंदिर और धर्म के मुद्दे उठाकर असल समस्याओं से जनता का ध्यान हटाना चाहते हैं।”

भूपेश बघेल ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा सरकार, आरएसएस, और डबल इंजन की नीतियों पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने नेताओं, पत्रकारों, और अभिनेताओं की सुरक्षा, बस्तर में हो रहे भ्रष्टाचार, और आरएसएस के बयानों को लेकर गंभीर सवाल उठाए।

उनका कहना था कि आज देश में न तो नेता सुरक्षित हैं, न अभिनेता, और न ही आम जनता। सरकार को इन मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए, न कि जनता का ध्यान भटकाने के लिए धार्मिक बयानबाजी करनी चाहिए।

 

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