छत्तीसगढ़ भाजपा में बड़े बदलाव: नए प्रदेशाध्यक्ष का ऐलान शुक्रवार को, ओबीसी पर दांव लगाने की चर्चा…!

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छत्तीसगढ़ भाजपा में बड़े बदलाव की तैयारी हो रही है। पार्टी के नए प्रदेशाध्यक्ष की घोषणा शुक्रवार को की जाएगी। इस बार भाजपा ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) पर दांव खेल सकती है, क्योंकि राज्य की राजनीति में फिलहाल आरक्षण का मुद्दा गरमाया हुआ है।

पार्टी के फैसले अक्सर चौंकाने वाले रहे हैं

भाजपा के फैसले हमेशा अप्रत्याशित होते हैं, चाहे वह विधानसभा और लोकसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों का चयन हो या मुख्यमंत्री और मंत्री पद पर नियुक्तियां। यही वजह है कि प्रदेशाध्यक्ष के चयन में भी किसी बड़े बदलाव की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

 

 

 

क्यों महत्वपूर्ण है यह नियुक्ति?

  1. राज्य में जल्द ही नगरीय निकाय चुनाव होने वाले हैं।
  2. भाजपा इस बार ओबीसी वर्ग को संतुष्ट करना चाहती है, क्योंकि आरक्षण मुद्दे पर कांग्रेस आक्रामक रुख अपनाए हुए है।
  3. भाजपा चाहती है कि नए नेतृत्व से राज्य में संगठन को मजबूत किया जाए और ओबीसी वर्ग की नाराजगी को दूर किया जा सके।

घोषणा का कार्यक्रम

गुरुवार:

  • शाम 5 बजे से 7 बजे तक नामांकन प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

शुक्रवार:

  • नए प्रदेशाध्यक्ष की आधिकारिक घोषणा होगी।
  • इस दौरान राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े, प्रदेश प्रभारी नितिन नवीन और चुनाव पर्यवेक्षक गजेंद्र पटेल मौजूद रहेंगे।

अब तक की प्रगति:

  • बूथ स्तर से लेकर जिलास्तर तक संगठन का चुनाव पूरा कर लिया गया है।
  • 36 संगठन जिलों में जिला अध्यक्षों की नियुक्ति हो चुकी है।

ओबीसी वर्ग पर भाजपा का फोकस

भाजपा ओबीसी वर्ग को साधने के लिए नए प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी ओबीसी नेता को सौंप सकती है।

  • राज्य में ओबीसी आरक्षण को लेकर विवाद गहराया हुआ है।
  • कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा ने जानबूझकर आरक्षण में कटौती कराई है, जिससे वर्ग संघर्ष की स्थिति पैदा हो।
  • ओबीसी वर्ग की नाराजगी पार्टी के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है।

 

 

 

 

 

चर्चा में नाम:

  1. धरमलाल कौशिक (विधायक और वरिष्ठ नेता)
  2. नारायण चंदेल (पूर्व नेता प्रतिपक्ष)
  3. विजय बघेल (दुर्ग के पूर्व सांसद)
  4. विक्रम उसेंडी (पूर्व मंत्री)
  5. शिवरतन शर्मा (पूर्व विधायक)

किरण सिंह देव को मिल सकती है नई जिम्मेदारी

वर्तमान प्रदेशाध्यक्ष किरण सिंह देव को पार्टी द्वारा मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं।

  • वे राजनीति में करीब 30 सालों से सक्रिय हैं।
  • 2009-14: के बीच वे जगदलपुर के महापौर रह चुके हैं।
  • 2024 में उन्हें प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया था।
  • उनके नेतृत्व में लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 11 में से 10 सीटों पर जीत दर्ज की थी।

मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना:

  • केंद्रीय मंत्री तोखन ने हाल ही में संकेत दिया था कि छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल का विस्तार होगा।
  • संभावित नाम:
    • अमर अग्रवाल (बिलासपुर विधायक)
    • गजेंद्र यादव (दुर्ग विधायक)
    • राजेश मूणत (पूर्व मंत्री)
    • अजय चंद्राकर (पूर्व मंत्री)
    • सुनील सोनी (विधायक)

ओबीसी आरक्षण का राजनीतिक महत्व

विवाद की जड़:

छत्तीसगढ़ में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए एक भी सीट ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित नहीं की गई।

  • इससे भाजपा को स्थानीय निकाय चुनावों में नुकसान उठाना पड़ सकता है।
  • पार्टी के नेता मानते हैं कि प्रदेशाध्यक्ष के रूप में ओबीसी चेहरे को लाकर इस वर्ग की नाराजगी को कम किया जा सकता है।

भाजपा की रणनीति:

  • संगठन के विभिन्न स्तरों पर नए चेहरों को मौका दिया गया है।
  • 37 में से 33 जिला अध्यक्ष बदले गए हैं।
  • मंडल अध्यक्षों के लिए भी युवाओं को प्राथमिकता दी गई है।

प्रदेशाध्यक्ष के चयन में प्रमुख बातें

  1. सर्वसम्मति से चयन:
    • भाजपा ने स्पष्ट किया है कि नया प्रदेशाध्यक्ष सर्वसम्मति से चुना जाएगा।
    • यह प्रक्रिया पार्टी की एकजुटता को दर्शाती है।
  2. ओबीसी कार्ड खेलने का फायदा:
    • छत्तीसगढ़ में ओबीसी वर्ग की संख्या काफी अधिक है।
    • भाजपा इस वर्ग को साधकर आगामी चुनावों में बढ़त बनाना चाहती है।

भाजपा के पिछले फैसले और उनका प्रभाव

प्रत्याशियों का चयन:

  • भाजपा ने हमेशा ऐसे उम्मीदवारों का चयन किया है, जो चौंकाने वाले रहे हैं।
  • पार्टी का मानना है कि यह रणनीति विरोधियों को असमंजस में डालती है।

ओबीसी आरक्षण का मुद्दा:

  • कांग्रेस भाजपा पर ओबीसी वर्ग की अनदेखी का आरोप लगाती रही है।
  • भाजपा ने इस आरोप का जवाब देने के लिए संगठन स्तर पर ओबीसी वर्ग को प्राथमिकता दी है।

लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन:

  • 2024 में भाजपा ने लोकसभा की 11 में से 10 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
  • यह पार्टी के मजबूत संगठनात्मक ढांचे और नेतृत्व की सफलता को दर्शाता है।

भाजपा के लिए आगे की राह

  1. संगठन की मजबूती:
    • प्रदेशाध्यक्ष के नेतृत्व में भाजपा को जमीनी स्तर पर मजबूत संगठन बनाना होगा।
    • बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं को सक्रिय करना जरूरी है।
  2. आरक्षण विवाद को सुलझाना:
    • भाजपा को ओबीसी वर्ग की नाराजगी दूर करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।
    • पार्टी को यह संदेश देना होगा कि वह सभी वर्गों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
  3. चुनावी तैयारियां:
    • नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव के लिए उम्मीदवारों का चयन सोच-समझकर करना होगा।
    • भाजपा को यह सुनिश्चित करना होगा कि आरक्षित सीटों पर योग्य उम्मीदवार खड़े किए जाएं।

बड़े बदलावों की ओर भाजपा

छत्तीसगढ़ भाजपा में नए प्रदेशाध्यक्ष की नियुक्ति पार्टी के लिए बड़ा बदलाव साबित हो सकती है।

  • ओबीसी वर्ग पर फोकस करके भाजपा ने राजनीतिक संतुलन साधने की कोशिश की है।
  • अगर नए प्रदेशाध्यक्ष के नेतृत्व में पार्टी सही दिशा में काम करती है, तो आगामी चुनावों में इसे फायदा हो सकता है।

 

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