टीएस सिंहदेव बोले- लखमा अनपढ़ लेकिन समझदार, ईडी की कार्रवाई बनी सजा, सरकार की जिम्मेदारी सवालों के घेरे में…!

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छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले के मामले में पूर्व मंत्री कवासी लखमा की गिरफ्तारी के बाद राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। लखमा ने गिरफ्तारी के बाद कहा कि वे अनपढ़ हैं और अफसरों ने जहां कहा, उन्होंने वहीं साइन कर दिए। इस बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी।

टीएस सिंहदेव का बयान:
पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सिर्फ फाइलों में साइन करने से घोटाले का मतलब नहीं निकलता। उन्होंने कहा, “फाइलों में डील नहीं होती। भ्रष्टाचार या कमीशन जैसी चीजें फाइलों में दर्ज नहीं होतीं। फाइलों में केवल नीतियां दर्ज की जाती हैं, बाकी सब बाहर होता है।”

 

 

सिंहदेव ने लखमा को समझदार बताया

सिंहदेव ने कहा, “कवासी लखमा अनपढ़ हो सकते हैं, लेकिन वे नासमझ नहीं हैं।” उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि शासन में रहते हुए 19-20 की गलतियां हो सकती हैं। हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार की जिम्मेदारी है कि गलत कामों को रोका जाए।

ईडी की कार्रवाई पर सवाल

टीएस सिंहदेव ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “ईडी की कार्रवाई को ही सजा बना दिया गया है। महीनों तक बेल नहीं मिलती और केवल आरोप लगाए जाते हैं। अगर ईडी के पास सबूत हैं, तो वे गिरफ्तारी से पहले कार्रवाई क्यों नहीं करते?”

सिंहदेव ने इस बात पर भी चिंता जताई कि ईडी के आरोपों के बावजूद कई बार ठोस सबूत नहीं मिलते। उन्होंने महादेव ऐप के मामले का जिक्र करते हुए कहा कि आरोप लगाए गए, लेकिन ठोस सबूत सामने नहीं आए।

भूपेश बघेल पर निशाना

टीएस सिंहदेव ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हमेशा से टारगेट पर रहे हैं। उन्होंने कहा, “चार्जशीट में भूपेश बघेल का नाम होने के बावजूद कार्रवाई नहीं की गई। अगर सबूत हैं, तो केवल आरोप लगाने से बात नहीं बनेगी। कार्रवाई की जाए।”

भूपेश बघेल की प्रतिक्रिया

दिल्ली में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कवासी लखमा की गिरफ्तारी को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “ईडी ने लखमा के यहां छापा मारा, लेकिन 1 रुपये भी नहीं मिला। न कोई कागजात मिले। इसके बावजूद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।”

बघेल ने आरोप लगाया कि लखमा की गिरफ्तारी का कारण उनके द्वारा सुशासन वाली सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर करना है। उन्होंने आगे कहा, “यह केवल लखमा की बात नहीं है। बीजापुर में सड़क निर्माण में हुए भ्रष्टाचार को उजागर करने पर एक पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या कर दी गई।”

 

 

 

सरकार की जिम्मेदारी पर बहस

टीएस सिंहदेव ने कहा कि सरकार किसी की भी हो, गलतियों को रोकने की जिम्मेदारी उसकी होती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भ्रष्टाचार के मामलों में पूरी पारदर्शिता और जिम्मेदारी होनी चाहिए।

ईडी की जांच और उसकी प्रक्रिया

ईडी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए सिंहदेव ने कहा कि उनके पास कार्रवाई करने के अधिकार हैं, लेकिन उन्हें साक्ष्यों के आधार पर त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा, “अगर जांच एजेंसियां केवल आरोप लगाकर लोगों को महीनों तक जेल में रखेंगी, तो यह न्याय का मजाक बनता है।”

घटनाओं का राजनीतिक प्रभाव

लखमा की गिरफ्तारी और पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या ने राज्य में राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। विपक्षी दलों ने इसे लेकर सरकार को निशाने पर लिया है। वहीं, सत्ताधारी पार्टी ने इसे राजनीतिक षड्यंत्र बताया है।

 

 

आगे की चुनौतियां और सच्चाई

टीएस सिंहदेव और मुख्यमंत्री बघेल की बयानबाजी ने यह साफ कर दिया है कि छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक पारदर्शिता और न्याय प्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।
कवासी लखमा का कहना है कि वे अनपढ़ हैं, लेकिन इस तर्क से उनकी जिम्मेदारियों को नकारा नहीं जा सकता। सरकार और ईडी दोनों के लिए यह जरूरी है कि वे इन मामलों में पारदर्शिता बनाए रखें और बिना सबूत के किसी पर कार्रवाई न हो।

कवासी लखमा की गिरफ्तारी और इसके बाद की राजनीतिक बयानबाजी ने छत्तीसगढ़ में प्रशासन और न्यायिक प्रक्रिया पर बहस को जन्म दिया है। ईडी की जांच प्रक्रिया, सरकार की जिम्मेदारी और राजनीतिक दलों की रणनीति पर अब जनता की नजर है।

 

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