रायपुर कोर्ट में वकील और आरोपी के बीच विवाद, मारपीट और हंगामा; पुलिस भी रही असहाय…!

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रायपुर कोर्ट में शुक्रवार को एक चौंकाने वाली घटना सामने आई, जहां वकीलों ने एक युवक को बुरी तरह पीटा। युवक पर एक वकील को जान से मारने की कोशिश का आरोप था। पुलिस जब उसे कोर्ट में पेश करने लाई, तो वकीलों ने न केवल उसे बाल पकड़कर घसीटा, बल्कि उसकी पैंट खींचकर उसे अर्धनग्न कर दिया। इस घटना के कारण कोर्ट परिसर में जमकर हंगामा हुआ और पुलिस भी इस स्थिति को संभालने में असमर्थ दिखी।

 

 

 

विवाद की शुरुआत कैसे हुई?

इस घटना की शुरुआत 16 जनवरी को खमतराई थाना क्षेत्र में हुई। वकील दीर्घेश कुमार शर्मा और मनोज कुमार सिंह, जो रिश्ते में साढ़ू भाई हैं, महादेव मंदिर में पूजा कर रहे थे। तभी अजय सिंह नाम का एक व्यक्ति वहां पहुंचा।

अजय ने वकील दीर्घेश पर आरोप लगाया कि वह मनोज का केस लड़ रहा है। यह कहते हुए उसने गाली-गलौज शुरू कर दी और दीर्घेश को थप्पड़ मारा। इसके बाद, अजय ने पत्थर से हमला किया, जिससे वकील घायल हो गए। खून निकलने पर भी अजय नहीं रुका और चाकू लेकर मनोज पर हमला करने की कोशिश की।

लोगों ने बीच-बचाव किया

घटना के दौरान आसपास मौजूद लोगों ने किसी तरह अजय को रोका और पुलिस को सूचना दी। इस वारदात के बाद खमतराई थाने में अजय के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। उस पर मारपीट, गाली-गलौज और जानलेवा हमला करने के आरोप लगाए गए।

पुलिस आरोपी को कोर्ट लेकर पहुंची

शुक्रवार को पुलिस अजय सिंह को कोर्ट में पेश करने लाई। कोर्ट परिसर में वकील पहले से इकट्ठा थे। जैसे ही उन्होंने आरोपी को देखा, वे आक्रोशित हो गए। वकीलों ने पुलिस सुरक्षा के बावजूद आरोपी पर हमला कर दिया।

 

 

वकीलों ने किया हंगामा और आरोपी को पीटा

वकीलों ने आरोपी को बाल पकड़कर घसीटा और पीटा। इस दौरान उन्होंने उसकी पैंट खींच दी, जिससे वह अर्धनग्न हो गया। पुलिस ने आरोपी को बचाने की कोशिश की, लेकिन वकीलों की बड़ी संख्या के कारण वे नाकाम रहे।

पुलिस और वकीलों में झड़प

इस घटना में पुलिस और वकीलों के बीच भी झड़प हुई। कोर्ट परिसर में लगी स्टील की रेलिंग टूट गई। रायपुर के एएसपी ग्रामीण कीर्तन राठौर, सिविल लाइन के सीएसपी अजय कुमार, और कोतवाली सीएसपी योगेश साहू समेत कई पुलिस अधिकारी और बल मौजूद थे। इसके बावजूद, वकील आरोपी पर हावी हो गए।

 

 

 

पुलिस कर्मियों को भी चोटें आईं

इस झड़प में कई पुलिसकर्मियों को चोटें आईं। घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें दिख रहा है कि आरोपी को पुलिस सुरक्षा में लाने के बावजूद वकील उसे घसीटते और मारते हैं।

आरोपी पर हत्या की कोशिश का मामला दर्ज

अजय सिंह के खिलाफ हत्या की कोशिश और मारपीट का मामला दर्ज है। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था। लेकिन वकीलों की ओर से हुए इस हिंसक हंगामे ने कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

 

 

 

क्या कहती है पुलिस?

पुलिस का कहना है कि वे आरोपी को बचाने की पूरी कोशिश कर रहे थे। वकीलों की बड़ी संख्या के चलते हालात बेकाबू हो गए। इस घटना के बाद पुलिस ने सुरक्षा के और सख्त इंतजाम करने की बात कही है।

न्याय प्रक्रिया पर असर

इस पूरे घटनाक्रम से न्याय प्रक्रिया पर नकारात्मक असर पड़ा है। वकीलों और पुलिस के बीच इस प्रकार के संघर्ष से न्यायपालिका की गरिमा पर सवाल उठते हैं। अदालत, जो न्याय का मंदिर है, उसमें हिंसा और हंगामा किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है।

 

रायपुर कोर्ट की यह घटना न्याय व्यवस्था और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न खड़े करती है। यह जरूरी है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं। कोर्ट परिसर में ऐसी हिंसा न केवल कानून के राज को कमजोर करती है, बल्कि आम जनता के विश्वास को भी चोट पहुंचाती है।

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