महाशिवरात्रि से पहले फरवरी में कई व्रत और त्योहार आ रहे हैं। इसकी शुरुआत 10 फरवरी से हो रही है। 10 को सोम प्रदोष, 12 को माघी पूर्णिमा, 24 को विजया एकादशी और 26 को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। इन तिथियों में ग्रह, योग और करण का बढ़िया संयोग बना रहा है। इन तिथियों पर दुर्लभ योग-संयोग बनने से इनका महत्व बढ़ गया है। इस दौरान स्नान, दान, व्रत और उपवास के साथ ही खरीदी बिक्री मांगलिक कार्यों की दृष्टि से कई शुभ योग बन रहे हैं। इन अवसरों का लाभ उठाया जा सकता है।
पंचागों के अनुसार 10 फरवरी यानी सोमवार को प्रदोष व्रत पड़ रहा है। सोमवार और प्रदोष तिथि की वजह से इसका महत्व कई गुना बढ़ गया है। इस दिन पुष्य नक्षत्र भी है। साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग और प्रीति योग भी बन रहा है। शिवार्चन की दृष्टि से यह दिन काफी महत्वपूर्ण है। इसके बाद 12 फरवरी को माघ मास की पूर्णिमा तिथि पड़ेगी। इसे स्नान-दान के लिए विशेष माना जा रहा है। इस दिन सौभाग्य, शोभन और शिव वास योग का संयोग बन रहा है। इन संयोगों की वजह से इसका महत्व कई गुना बढ़ गया है। इसी दिन सूर्य मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश करेगा। इससे बुधादित्य योग भी बन रहा है। इस दिन नदियों स्नान करने का अलग महत्व है। इसे ध्यान में रखते हुए नदी तटों पर अलग से तैयारी की जा रही है, ताकि स्नान और दीपदान के लिए नदी तट पर आने वालों को किसी तरह की दिक्कतें ना हो। नदियों के तट पर इस दिन मेले भी लगते हैं। इसकी तैयारियां शहर में चल रही हैं।
24 फरवरी को मनाई जाएगी विजया एकादशी 24 फरवरी को विजया एकादशी मनाई जाएगी। इस दिन ग्रहों के संयोजन से सिद्ध योग बन रहा है। आचार्यों के अनुसार इस दिन व्रत रखने और विष्णु भगवान की आराधना करने का विधान है। मान्यता है कि इससे सभी प्रकार के पापों का विनाश होता है, काम आ रही बाधाएं दूर होती हैं और कार्यों में सफलता मिलती है। इस वजह से इसका अपना एक अलग महत्व बन जाता है। इस तरह इस एकादशी का अपना एक अलग महत्व है। इन दिनों कुंभ का दौर चल रहा है। इसके कारण इसका महत्व स्नान और दान की दृष्टि से और अधिक बढ़ गया है।