मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि कुछ एनजीओ से धर्मांतरण कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि कुछ संदिग्ध गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) से इनपुट मिले हैं, जो हेल्थ और एजुकेशन के नाम पर विदेशी सहायता प्राप्त करते हैं, लेकिन उस पैसे का इस्तेमाल धर्मांतरण के लिए किया जा रहा है। उन्होंने राज्य, केंद्र सरकार और जांच एजेंसियों के माध्यम से यह जांच करने की बात कही कि पैसा कहां से आ रहा है और उसे किस तरीके से उपयोग किया जा रहा है।
जांच के बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी। साय ने कहा कि अशिक्षा, गरीबी, चंगाई या लोक-परलोक के नाम पर लोगों को बहकाकर, प्रलोभन देकर जबरन धर्म परिवर्तन कराया जाता है, तो यह न केवल अनैतिक है, बल्कि संविधान की मूल भावना के भी विरुद्ध है।
कांग्रेस का सवाल- किसकी सरकार में ज्यादा धर्मांतरण: कांग्रेस पर भाजपा की ओर से धर्मांतरण को बढ़ावा देने वाले आरोपों पर पलटवार करते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि, सबसे पहले वो यह बताएं कि प्रदेश में सबसे ज्यादा सालों तक किसकी सरकार रही है ?
ये बताएं कि किसकी सरकार में सबसे ज्यादा धर्म परिवर्तन हुए हैं? बैज ने कहा कि सरकार को यह नौटंकी बंद कर अपना काम करना चाहिए। धर्म परिवर्तन आरक्षण के लिए अगर हो रही है, तो सरकार क्या कर रही है?
बजट सत्र में पेश हो सकता है धर्मांतरण निरोधी कानून सूत्रों की मानें तो इस बजट सत्र में सरकार धर्मांतरण पर सख्ती बरतने नए कानून का प्रस्ताव भी ला सकती है। छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के खिलाफ 11 महीने में करीब 13 एफआईआर दर्ज हुई। बस्तर संभाग में धर्मांतरण की अलग-अलग 23 शिकायतें मिली हैं।