कलेक्टरों को डॉग बाइट पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश:एक साल में कुत्तों ने एक लाख से ज्यादा को काटा, आयोग ने कहा-नसबंदी करें

Spread the love

विश्व नसबंदी या बंध्यकरण दिवस मंगलवार को मनेगा। प्रदेश में सालभर में 1 लाख 19 हजार 928 लोगों को कुत्तों ने काटा है। कोरबा, राजनांदगांव और बलौदाबाजार में 1-1 लोगों की मौत भी हो चुकी है। इस वजह से प्रदेश मानवाधिकार आयोग ने राज्यभर के निकायों को स्ट्रीट डॉग्स की नसबंदी करने के निर्देश दिए हैं। आयोग ने शिकायतों और समाचारों के आधार पर जिलों से मंगवाई रिपोर्ट मंगवाई थी। इसके बाद आयोग ने खतरनाक कुत्तों की नसबंदी करने और उनका व्यवस्थापन करने के निर्देश नगरीय निकायों को दिए हैं।

आयोग ने कलेक्टरों से डॉग बाइट पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। आयोग ने स्वास्थ्य विभाग को कुत्तों के काटने की जानकारी नगरीय निकायों को भेजने को कहा है, ताकि ऐसे स्थानों से आवारा कुत्तों को पकड़ा जा सके। इनकी रोकथाम, बधियाकरण या व्यवस्थापन किया जा सके। सरकारी अस्पतालों में एंटी रैबीज इंजेक्शन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रखने के निर्देश दिए हैं। नगरीय निकायों को भी हिंसक कुत्तों पर विधिवत कार्यवाही कर आयोग ने प्रतिवेदन मांगा है।

इधर, स्वास्थ्य विभाग का भी दावा है कि उसने सभी 1,19,928 लोगों का इलाज किया है। प्रभावितों को 1 लाख 20 हजार 486 वैक्सीनें लगाई हैं। नगर निगम के अफसरों का दावा है कि शहर में लगभग 16 हजार स्ट्रीट डॉग हैं। इनमें से 5054 की नसबंदी की है। हर दिन 20-25 की नसबंदी करते हैं। सरोना में स्ट्रीट डॉग के लिए रहवास बन रहा है।

सुझाव : मुआवजे का हो प्रावधान –

प्रदेश में सांप-बिच्छू आदि के डंसने से मौत पर चार लाख रुपए मुआवजा मिलता है। कुत्तों के काटने पर मुआवजे प्रावधान नहीं है। राजस्व पुस्तक परिपत्र की धारा 6 (4) में इसे प्राकृतिक आपदा मानकर संशोधन कर केवल डाग बाइट और जोड़ दिया जाए तो हजारों लोगों को मुआवजे का फायदा हो सकता है। राजधानी में महीनेभर में तीन दर्जन लोगों को कुत्तों ने काटा है। वर्ष 2023 में 1929 व 2024 में 2832 कुत्तों का शिकार बने हैं। राजनांदगांव में कुत्ते से काटने पर मौत का मामला हाईकोर्ट पहुंचा था। तब हाईकोर्ट के आदेश पर जिला प्रशासन को लगभग 6.50 लाख रुपए मुआवजा देना पड़ा था। इसके लिए किसी फंड का भी प्रावधान न होने पर केस ग्रामीण इलाके से संबंधित होने पर पंचायत विभाग से राशि का जुगाड़ कर मुआवजा दिया गया था।

एक नजर जिलेवार केस –

  • रायपुर – 15953
  • बिलासपुर – 12301
  • दुर्ग 11084
  • कोरबा – 8401
  • राजनांदगांव – 6328
  • जांजगीर चांपा – 6323
  • बलौदाबाजार – 5035
  • जशपुर – 4898
  • धमतरी – 3916
  • सरगुजा – 3690

इन जिलों में भी घटनाएं – रायगढ़ 3643, धमतरी 944, बालोद 3121, कबीरधाम 20250, कोरिया 1625, कांकेर 2996, बीजापुर 422, सूरजपुर 2613, कोंडागांव 1678, नारायणपुर 527, मुंगेली 3234, गौरला- पेंड्रा- मारवाही 1932, सुकमा 422, बलरामपुर 1767, गरियाबंद 1698, सारंगढ़ 1376, बलौदाबाजार 5035, सक्ती 2754, खैरागढ़ छुईखदान 844, मनेंद्रगढ़ 1431, मानपुर -मोहला 909, बस्तर 1755

क्या है विश्व नसबंदी दिवस विश्व नसबंदी या बंध्यकरण दिवस हर साल फरवरी के अंतिम मंगलवार को मनाया जाता है। इसमें अनियोजित रूप से बच्चों के जन्म को रोकने और आवारा पशुओं की संख्या को कम करने के लिए पालतू जानवरों की बंध्यकरण और नसबंदी को लेकर जागरूक करता है। कई जानवर वसंत में प्रजनन करना शुरू करते हैं। यह जिम्मेदार पालतू स्वामित्व के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाता है। पालतू जानवरों के स्वास्थ्य में सुधार, पशुओं की पीड़ा में कमी और आश्रयों में मारे जाने वाले पशुओं की संख्या में कमी भी शामिल हैं।

मानव जीवन कीमती: नायक राज्य मानवाधिकार आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष गिरिधारी नायक ने कहा कि हिंसक और पागल हो चुके आवारा कुत्तों की पहचान कर नियमानुसार अनुसार कार्रवाई करने को कहा गया है। इंसान की जान से जानवरों की जान से बड़ी है। यदि कोई कुत्ता पागल है या उसके काटने से लोगों को खतरा है, तो उसके बारे में अंतिम निर्णय करना जरूरी है। मैड डॉग्स को बचाना मानवीय सुरक्षा के लिए खतरा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *