निगम परिसर में नशाखोरी को लेकर महापौर अल्का बाघमार ने कड़ा रूख अख्तियार कर लिया है। उन्होंने साफ कर दिया है कि परिसर में शराब पीते मिलने पर कर्मचारियों को सीधे नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है। वहीं घूस लेते पाए जाने पर निलंबन की कार्रवाई की जाएगी। इतना ही नहीं ठेकेदारों पर भी एक्शन लेने की तैयारी है। यदि ठेकेदार निगम परिसर में शराबखोरी करते मिले तो शहर सरकार ठेका निरस्त करने की कार्रवाई करेगी।
महापौर ने बुधवार को निगम के अफसर-कर्मियों की बैठक ली, जिसमें लोगों के साथ अच्छा व्यवहार करने की नसीहत देते हुए निगम परिसर में अनुशासन का पालन करने पर जोर दिया। इसके लिए वह परिसर का कभी भी औचक निरीक्षण करेंगी। फिर ड्यूटी टाइम खत्म होने के बाद का ही समय क्यों न हो। इस दौरान कोई भी शराब पीते नजर आया तो कर्मचारी होने की स्थिति में बर्खास्तगी और ठेकेदार होने पर ठेका निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि 6 महीने पहले स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के साथ अन्य लोग का निगम परिसर में दिनदहाड़े शराब पीते वीडियो वायरल हुआ था। जिसके बाद कर्मचारियों को निलंबित किया गया था। हालांकि यह कार्रवाई कुछ दिनों के लिए ही की गई। सप्ताहभर में निलंबन समाप्त कर दिया गया था। उस घटना के बाद भी निगम परिसर में शराबखोरी जारी रही। हालांकि उस कार्रवाई के बाद पीने-पिलाने का दौर दिनदहाड़े करने की बजाए ऑफिस बंद होने पर शाम 6 बजे के बाद की जा रही थी। इसे देखते हुए महापौर अलका बाघमार को कड़ा रूख अपनाना पड़ा।
काम लेकर आने वाले लोगों को घुमाने का काम न करें, घूस लेने की शिकायत पर होगी कार्रवाई महापौर ने काम के सिलसिले में निगम ऑफिस आने वाले लोगों के साथ कर्मचारियों से अच्छा व्यवहार करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि उनके कार्यों को अनावश्यक लटकाने का काम न किया जाए। न ही काम के एवज में किसी तरह की घूस ले। यदि इस तरह की शिकायत मिली तो ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की जाएगी।