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मुख्यमंत्री की विशेष पूजा: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रायपुर के चंदखुरी स्थित माता कौशल्या मंदिर में पूजा-अर्चना की।
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प्रदेश की सुख-समृद्धि की प्रार्थना: मुख्यमंत्री ने माता कौशल्या और प्रभु श्रीराम के दर्शन कर राज्य की खुशहाली की कामना की।
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वैद्यराज सुषेण मंदिर और दशरथ दरबार के दर्शन: मुख्यमंत्री ने अन्य धार्मिक स्थलों का भी भ्रमण किया।
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कछुओं को खिलाया दाना: मंदिर परिसर स्थित जलसेन सरोवर में कछुओं को आहार देकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।
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मंदिर सौंदर्यीकरण के निर्देश: मंदिर परिसर के रखरखाव और सौंदर्यीकरण को लेकर मुख्यमंत्री ने जरूरी दिशानिर्देश दिए।
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गणमान्य लोगों की उपस्थिति: इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधि और मंदिर समिति के सदस्य मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने माता कौशल्या मंदिर में की पूजा, प्रदेश की खुशहाली की कामना
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज रायपुर जिले के ग्राम चंदखुरी स्थित माता कौशल्या मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि की कामना की। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा सहित कई अन्य जनप्रतिनिधि और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
माता कौशल्या और प्रभु श्रीराम के दर्शन
मुख्यमंत्री श्री साय ने मंदिर में माता कौशल्या और प्रभु श्रीराम के समक्ष नमन किया और राज्य की उन्नति, शांति और सामाजिक समरसता की प्रार्थना की। उन्होंने कहा,
“छत्तीसगढ़ की भूमि माता कौशल्या की जन्मस्थली होने के कारण विशेष धार्मिक महत्व रखती है। मैं भगवान श्रीराम और माता कौशल्या से प्रदेशवासियों की समृद्धि और मंगलमय जीवन के लिए प्रार्थना करता हूं।”
वैद्यराज सुषेण मंदिर और दशरथ दरबार के दर्शन
मुख्यमंत्री ने मंदिर परिसर में स्थित वैद्यराज सुषेण मंदिर और राजा दशरथ दरबार के दर्शन किए। उन्होंने कहा कि ये ऐतिहासिक और पौराणिक स्थल हमारी संस्कृति की अमूल्य धरोहर हैं, जिन्हें संरक्षित और विकसित करने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री को भेंट किया गया माता कौशल्या और श्रीराम का चित्र
इस अवसर पर माता कौशल्या जन्मभूमि सेवा संस्थान के सदस्यों ने मुख्यमंत्री को माता कौशल्या और प्रभु श्रीराम का छायाचित्र भेंट किया। मुख्यमंत्री ने संस्था के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इस पवित्र स्थल का विकास सभी श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण है।
जलसेन सरोवर में कछुओं को दाना खिलाया
मुख्यमंत्री ने मंदिर परिसर में स्थित जलसेन सरोवर में कछुओं को दाना खिलाकर प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। उन्होंने कहा,
“हमारी परंपराएं हमें प्रकृति से जोड़ती हैं। जलसेन सरोवर का धार्मिक और प्राकृतिक महत्व है, इसे साफ-सुथरा और संरक्षित रखना हमारी जिम्मेदारी है।”
मंदिर सौंदर्यीकरण और रखरखाव को लेकर निर्देश
मुख्यमंत्री ने मंदिर परिसर के सौंदर्यीकरण और रखरखाव को लेकर विशेष निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मंदिर परिसर को और अधिक आकर्षक और सुविधाजनक बनाया जाएगा, ताकि श्रद्धालु बेहतर अनुभव प्राप्त कर सकें। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को मंदिर के विकास कार्यों की रूपरेखा तैयार करने को कहा।
मुख्यमंत्री की अपील: प्रदेशवासी अपनी संस्कृति से जुड़े रहें
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रदेशवासियों से अपनी संस्कृति, धार्मिक धरोहरों और परंपराओं से जुड़े रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ भगवान श्रीराम की ननिहाल और माता कौशल्या की जन्मस्थली है, इसलिए हमें इस ऐतिहासिक धरोहर को सहेजकर रखना होगा।
आगे क्या?
मुख्यमंत्री की इस यात्रा के बाद मंदिर परिसर के विकास और रखरखाव को लेकर कई नए कदम उठाए जाने की संभावना है। राज्य सरकार माता कौशल्या मंदिर को राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रमुख तीर्थस्थल के रूप में विकसित करने के लिए नई योजनाओं पर काम कर सकती है।
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