2161 करोड़ का शराब घोटाला:पूर्व आबकारी मंत्री के बाद पूर्व सीएम तक पहुंची जांच, कार्रवाई 11 घंटे तक चली

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भूपेश के बंगले के बाहर प्रदर्शन करते समर्थक। बताया गया है कि कुछ लोगों ने वाहनों पर पथराव किया। इस दौरान एक कार का कांच टूट गया।

  • भूपेश और उनके करीबियों के 14 ठिकानों पर ईडी का छापा

  • पूर्व सीएम का दावा-33 लाख कैश, पेनड्राइव, जमीन के दस्तावेज मिले

राज्य के 2161 करोड़ के शराब घोटाले में पूर्व मंत्री कवासी लखमा के बाद प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) की जांच पूर्व सीएम भूपेश बघेल तक पहुंच गई है। लखमा को गिरफ्तार करने के 53 दिन बाद ईडी ने सोमवार को भूपेश बघेल और उनके करीबी नेताओं, कारोबारियों के 14 ठिकानों पर छापेमारी की। सुबह 7 बजे से शुरू हुई जांच शाम 6 बजे तक 11 घंटे चली। करीब 20 ईडी अफसरों की टीम सीआरपीएफ के जवानों के साथ सीधे पदुम नगर स्थित पूर्व मुख्यमंत्री के निवास पहुंची।

इस समय पूर्व मुख्यमंत्री बघेल अपने कैंप कार्यालय में बैठे हुए चाय पी रहे थे। ईडी के अफसरों ने उन्हें अपना परिचय दिया। निवास स्थान की तस्दीक की। उनके निवास के दो ब्लॉक हैं। नए ब्लॉक यानी कैंप कार्यालय के संबंध में निर्देश नहीं होने की वजह से टीम उनके निवास में गई। घर के भीतर उनकी पत्नी, बहू, बेटे, बेटियां और नाती-पोतों के कमरों की तलाशी की। वहां रखे सामान की जांच की।

जांच के दौरान दोपहर 2:47 बजे एसबीआई से नोट गिनने की मशीन मंगाई गई। इसके बाद नोटों की गिनती की गई। शाम 5.30 बजे तक ईडी की कार्रवाई चली। इस दौरान घर के बाहर कांग्रेसी कार्यकर्ता नारेबाजी करते रहे। मुख्यद्वार के सामने नगाड़े बजाते हुए बैठे रहे। कार्रवाई के बाद पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके निवास से 33 लाख रुपए नकद मिले हैं। स्त्री धन शामिल है। 150 एकड़ जमीन के पेपर की जांच की।

कार्रवाई के बाद मीडिया से चर्चा में कहा पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके निवास से 33 लाख रुपए नकद मिले हैं। इसमें स्त्री धन आदि शामिल है। 150 एकड़ जमीन के पेपर की जांच की। सभी जगह से कैश, ज्वेलरी, प्रॉपर्टी का दस्तावेज जब्त किया गया है। नोट गिनने के लिए ईडी ने स्टेट बैंक से मशीन भी मंगाई। कुछ लोगों को समन जारी कर पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर बुलाया गया है। ईडी की कार्रवाई का विधानसभा के सदन से लेकर भिलाई तक प्रदर्शन हुआ है।

कांग्रेसी कार्यकर्ता पूर्व सीएम के घर के बाहर सुबह से शाम तक बैठे रहे और नारेबाजी करते रहे। कार्रवाई खत्म होने के बाद पूर्व सीएम भूपेश ने कहा कि उनके निवास से 33 लाख रुपए नकद और 150 एकड़ जमीन के दस्तावेज ईडी साथ ले गई। स्त्री धन और ज्वेलरी भी ले गए है। उनके पास सबका हिसाब है।

ईडी की टीम सुबह सीआरपीएफ के जवानों के साथ भिलाई पदुम नगर स्थित पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश के निवास पहुंची। भूपेश अपने कैंप कार्यालय में बैठकर चाय पी रहे थे। ईडी के अधिकारियों ने पहुंचते ही मकान की तलाशी शुरू कर दी। घर के भीतर उनकी पत्नी, बहू, बेटे, बेटियां और नाती-पोतों के कमरों की तलाशी की। वहां रखे सामान की जांच की। जांच के दौरान दोपहर 2:47 बजे एसबीआई से नोट गिनने की मशीन मंगाई गई। इसके बाद नोटों की गिनती की गई। शाम 6 बजे टीम निकल गई।

सदन में कांग्रेस विधायकों का हंगामा, बाहर धरने पर बैठे

ईडी की कार्रवाई के विरोध में कांग्रेस ​विधायकों ने सदन में हंगामा किया। प्रश्नकाल में उन्होंने कार्रवाई पर अपनी बात रखनी चाही तो स्पीकर ने कहा कि शून्यकाल में उन्हें पर्याप्त समय दिया जाएगा। लेकिन कांग्रेस विधायक शांत नहीं हुए। उमेश पटेल ने कहा कि कवासी लखमा भ्रष्टाचार पर प्रश्न उठाते हैं तो उनके घर ईडी आ जाती है। अजय चंद्राकर ने कहा कि ईडी विधानसभा का ​विषय नहीं है। कुंवर सिंह निषाद ने कहा कि यह लोकतंत्र को दबाने का प्रयास है। कांग्रेस ​विधायक नारेबाजी करते हुए वेल में जा पहुंचे। जिसके कारण वे स्वमेव निलंबित हो गए। बाद में उन्होंने परिसर में गांधी प्रतिमा के पास बैठकर धरना दिया।

भूपेश के समर्थन में 24 विधायक

कार्रवाई के खिलाफ पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव, देवेंद्र यादव समेत 28 विधायक भिलाई पहुंचे। विधायक मकान के बाहर बैठे रहे। कांग्रेसियों ने नगाड़े बजाकर विरोध किया।

भूपेश समेत इनके यहां छापा

ट्रांसपोर्टर संदीप ​सिंह, जिला अध्यक्ष मुकेश चंद्राकर, बिल्डर मनोज राजपूत, बिल्डर अजय चौहान, चैतन्य के दोस्त अभिषेक ठाकुर, होटल संचालक कमल अग्रवाल, राइस मीलर सुनील अग्रवाल, सराफा कारोबारी सुनील जैन, राइस मीलर मनोज मित्तल, पूर्व अध्यक्ष सहकारी बैंक राजेंद्र साहू व पप्पी बंसल के यहां कार्रवाई की गई।

सदन में सवाल पूछना गुनाह हो गया: भूपेश

ईडी की टीम के लौटने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि विधानसभा में सवाल पूछना गुनाह हो गया। पहले पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने सवाल पूछा तो उसके ठीक आठ दिन बाद उनके निवास पर ईडी ने कार्रवाई की। मैंने पिछले दिनों सवाल पूछा था, तो उसके ठीक चौथे दिन ईडी की टीम मेरे निवास पर आई है। मुख्य बात यह है कि ईडी के अधिकारी कोई ईसीआईआर नंबर नहीं दे पाए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा कि मेरे घर में ईडी को तीन चीजें मिली हैं। पहली- मंतूराम और डॉ. पुनीत गुप्ता (डॉ. रमन सिंह जी के दामाद) के बीच करोड़ों के लेनदेन की बातचीत की पेनड्राइव। दूसरी- डॉ. रमन सिंह के पुत्र अभिषेक सिंह की सेल कंपनी के कागज। तीसरी- पूरे संयुक्त परिवार में खेती, डेयरी, स्त्रीधन, ‘कैश इन हैंड’ मिलाकर लगभग 33 लाख रुपए।

बरामदे में चाय की चुस्की…

ईडी जब निवास में कार्रवाई में लगी थी। तब भूपेश बरामदे में परिवार के साथ चाय की चुस्कियां ले रहे थे।

लखमा 53 दिन पहले गिरफ्तार

16 जनवरी को ईडी ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लकमा को गिरफ्तार किया है। लखमा रायपुर जेल में बंद हैं। अब भूपेश के घर ईडी पहुंची। ईडी का दावा है कि शराब घोटाले का पैसा पूर्व सीएम तक पहुंचता था। कारोबारी त्रिलोक सिंह ढिल्लन और पप्पू बंसल पिछले सरकार में शराब का कारोबार देख रहे थे। दोनों ही पैसा वसूलते थे। इसी पैसे से चैतन्य बघेल ने 4 करोड़ रुपए का मकान लिया है। इसका ट्रांजेक्शन डिटेल ईडी को मिला है। इसके अलावा बंसल से भी लेन-देन का सबूत मिला है। इसके अलावा पूर्व सीएम पर आबकारी नीति बदलने और अरुणपति त्रिपाठी की दूसरी सर्विस से आबकारी में नियुक्त का आरोप लगाया है।

चैतन्य को समन, आज बुलाया

ईडी ने भूपेश के बेटे चैतन्य को समन देकर मंगलवार को पेश होने के लिए कहा है। जिनके यहां कार्रवाई की गई उनमें चैतन्य के 2 दोस्त, कांग्रेस जिला अध्यक्ष, बिल्डर, होटल संचालक, राइस ​मिलर,समेत 12 लोगों के ठिकाने पर रेड करने पहुंची थी। टीम ने चरोदा, भिलाई, दुर्ग और पोटियाकला, कुम्हारी में छापे मारे।

कार्रवाई से कांग्रेस भड़की, भाजपा का भी पलटवार

छापा केंद्र की राजनीतिक प्रतिशोध की मंशा को उजागर करता है। ईडी, सीबीआई जैसी एजेंसियां को विपक्ष को डराने के लिए इस्तेमाल हो रही हैं। कांग्रेसी डरेंगे नहींं। -सचिन पायलट, छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रभारी

छापेमारी किस केस में की जा रही है,ये किसी को नहीं मालूम। कुछ दिनों पहले कोर्ट ने सीबीआई का एक केस जो बघेल के खिलाफ था, उसे खारिज कर दिया था। -पवन खेड़ा, कांग्रेस नेता

केंद्रीय एजेंसियां की जांच में राज्य सरकार की कोई दखल नहीं है। सभी जानते हैं कि कांग्रेस सरकार में कई घोटाले हुए थे। केंद्रीय एजेंसियां इनकी जांच कर रही हैं। -विष्णुदेव साय, मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़

आज अचानक कोई कार्रवाई की गई है। ईडी लंबे समय से जांच कर रही है। अगर आपकी कोई भूमिका नहीं है तो डरने या घबराने की कोई बात नहीं होनी चाहिए। -अरुण साव, डिप्टी सीएम

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