नूतन सिंह ठाकुर बीजेपी से 6 साल के लिए निष्कासित, मंत्री लखनलाल देवांगन को नोटिस
छत्तीसगढ़ के कोरबा नगर निगम में बड़ा राजनीतिक उलटफेर हुआ है। बीजेपी ने पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी हितानंद अग्रवाल के खिलाफ चुनाव लड़कर जीत हासिल करने वाले नवनिर्वाचित सभापति नूतन सिंह ठाकुर को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। साथ ही, बीजेपी ने मंत्री लखनलाल देवांगन को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया है, जिसमें उनसे 48 घंटे के भीतर जवाब मांगा गया है।
कैसे हुआ कोरबा नगर निगम में बड़ा उलटफेर?
कोरबा नगर निगम में 8 मार्च को सभापति चुनाव हुआ, जिसमें बीजेपी ने हितानंद अग्रवाल को अपना आधिकारिक उम्मीदवार घोषित किया था। लेकिन इसी चुनाव में बीजेपी के बागी उम्मीदवार नूतन सिंह ठाकुर भी मैदान में उतरे और निर्दलीय उम्मीदवार अब्दुल रहमान के साथ मुकाबला किया।
चुनाव परिणामों में बड़ा उलटफेर देखने को मिला –
✔ नूतन सिंह ठाकुर को 33 पार्षदों का समर्थन मिला और वे जीत गए।
✔ बीजेपी के अधिकृत प्रत्याशी हितानंद अग्रवाल को केवल 18 वोट मिले।
✔ निर्दलीय प्रत्याशी अब्दुल रहमान को 16 वोट प्राप्त हुए।
बीजेपी का फैसला: अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं
नूतन सिंह ठाकुर की इस बगावत को बीजेपी ने अनुशासनहीनता माना और उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया। इस फैसले की जानकारी बीजेपी के कोरबा जिला अध्यक्ष मनोज शर्मा ने दी।
उन्होंने कहा –
“नूतन सिंह ने पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ा, जो अनुशासनहीनता है। प्रदेश नेतृत्व को इसकी जानकारी दी गई थी, जिसके बाद निष्कासन का निर्णय लिया गया।”
मंत्री लखनलाल देवांगन को नोटिस, 48 घंटे में मांगा जवाब
कोरबा नगर निगम के सभापति चुनाव के दौरान मंत्री लखनलाल देवांगन ने मीडिया में बागी उम्मीदवार नूतन सिंह ठाकुर को समर्थन देने वाला बयान दिया। उन्होंने कहा था –
“पार्टी ने हितानंद अग्रवाल को प्रत्याशी बनाया था, लेकिन सभी पार्षदों ने एकमत होकर नूतन सिंह को चुना। हम सबका फैसला मानते हैं और उनका सहयोग करेंगे।”
बीजेपी ने इसे अनुशासनहीनता मानते हुए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर 48 घंटे में जवाब देने को कहा है।
जानिए 8 मार्च को क्या हुआ था?
✅ बीजेपी ने रायपुर उत्तर के विधायक पुरंदर मिश्रा को पर्यवेक्षक बनाया था।
✅ पार्षदों को मनाने के लिए बंद कमरे में लंबी बैठक चली।
✅ हालांकि, पार्षदों का झुकाव पहले से ही नूतन सिंह की ओर था।
✅ फिर भी, संगठन ने हितानंद अग्रवाल को आधिकारिक प्रत्याशी घोषित कर दिया।
लेकिन इसके बाद जो हुआ, उसने सबको चौंका दिया –
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मीटिंग के दौरान नूतन सिंह ठाकुर वॉशरूम जाने के बहाने बैठक से बाहर निकले और सीधे सभागार में जाकर नामांकन दाखिल कर दिया।
चुनाव में जब वोटिंग हुई, तो बीजेपी के कई पार्षदों ने पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार को छोड़कर नूतन सिंह को वोट दिया।
कोरबा नगर निगम में वोटिंग का गणित
➡️ नगर निगम में कुल 67 पार्षद हैं।
➡️ बीजेपी के 45, कांग्रेस के 11 और 11 निर्दलीय पार्षद हैं।
➡️ सभापति चुनाव के लिए हुए मतदान में –
नूतन सिंह ठाकुर (बीजेपी के बागी उम्मीदवार) – 33 वोट
हितानंद अग्रवाल (बीजेपी के अधिकृत प्रत्याशी) – 18 वोट
अब्दुल रहमान (निर्दलीय प्रत्याशी) – 16 वोट
हितानंद अग्रवाल की प्रतिक्रिया
बीजेपी के आधिकारिक प्रत्याशी रहे हितानंद अग्रवाल ने कहा –
“पार्टी के फैसले का सम्मान करना जरूरी है। बीजेपी एक अनुशासनात्मक संगठन है और उसका हर सदस्य पार्टी के निर्देशों का पालन करता है।”
नूतन सिंह ठाकुर की सफाई – ‘मैं बीजेपी का था, हूं और रहूंगा’
बीजेपी से निष्कासित किए जाने पर नूतन सिंह ठाकुर ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा –
“पार्षदों ने मुझे चुना है, यह जनता का जनादेश है। मैं बीजेपी का छोटा कार्यकर्ता था, हूं और हमेशा रहूंगा।”
उन्होंने आगे कहा कि –
“मैं कोरबा नगर निगम के 67 पार्षदों के हितों की रक्षा करूंगा और नगर निगम को ईमानदारी से चलाने का प्रयास करूंगा।”
राजनीतिक विश्लेषण: बीजेपी में अंतर्कलह?
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, कोरबा नगर निगम में हुए इस घटनाक्रम से बीजेपी के अंदर गुटबाजी और आंतरिक कलह साफ नजर आ रही है।
पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी की हार और बागी उम्मीदवार की जीत पार्टी के लिए एक बड़ा झटका है।
45 बीजेपी पार्षदों में से 33 ने अधिकृत प्रत्याशी को छोड़कर बागी उम्मीदवार को वोट दिया, जो नेतृत्व पर सवाल खड़े करता है।
मंत्री लखनलाल देवांगन का बयान और उसके बाद जारी नोटिस यह दिखाता है कि पार्टी में अनुशासन को लेकर कड़ा रुख अपनाया जा रहा है।
क्या आगे होगा?
✔ बीजेपी अब कोरबा नगर निगम में अपनी स्थिति मजबूत करने की रणनीति पर काम करेगी।
✔ मंत्री लखनलाल देवांगन के जवाब के आधार पर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की संभावना है।
✔ नूतन सिंह ठाकुर अब बतौर निर्दलीय नेता काम करेंगे या किसी अन्य दल का समर्थन करेंगे, यह देखने वाली बात होगी।
निष्कर्ष
कोरबा नगर निगम के नवनिर्वाचित सभापति नूतन सिंह ठाकुर को बीजेपी से निष्कासित कर दिया गया है। मंत्री लखनलाल देवांगन को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। यह घटनाक्रम बीजेपी में आंतरिक मतभेद और गुटबाजी को उजागर करता है।
अब सवाल यह है कि – क्या बीजेपी इस स्थिति को संभाल पाएगी, या यह मामला पार्टी के भीतर और अधिक असंतोष को जन्म देगा?