भाजपा ने पूरे विधायकों को बुलाया रायपुर; सीएम की रेस में डॉ. रमन, विष्णुदेव और अरुण साव…!

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छत्तीसगढ़ में भाजपा ने 54 सीटों के साथ सरकार बना ली। अपने इतिहास में भाजपा ने सबसे ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज की। इसी तरह कांग्रेस ने अब तक सबसे कम 35 सीटें हासिल की है।

भाजपा का बहुमत आने के बाद जब CM रेस की बात आई, तो रायगढ़ से जीते ओपी चौधरी के बारे में तेजी से अफवाह फैली कि उन्हें दिल्ली बुला लिया गया है। आखिर में ओपी चौधरी को ट्वीट करना पड़ा कि ये झूठी खबर फैलाई गई है।

इधर, पिछली बार भारतीय जनता पार्टी का वोट शेयर 32.97 प्रतिशत था, इस बार 14 प्रतिशत बढ़कर 46.27 प्रतिशत हो गया है। यह अब तक भाजपा का सर्वाधिक वोट शेयर प्रतिशत है।

CM के लिए पहला नाम डॉ. रमन सिंह का

बहुमत मिलने के बाद भाजपा में अब CM की रेस है। डॉ. रमन सिंह का नाम सबसे आगे है, लेकिन पार्टी शुरुआत से ही OBC की बात करती रही है। ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और धरमलाल कौशिक बड़ा चेहरा हैं। वहीं आदिवासी चेहरे के रूप में विष्णुदेव साय और रामविचार नेताम बड़ा नाम हैं।

दूसरी ओर नेता प्रतिपक्ष के लिए कांग्रेस की ओर से चरणदास महंत और भूपेश बघेल का नाम पहली कतार में है। भूपेश बघेल OBC के रूप में कांग्रेस के पास राष्ट्रीय चेहरा हैं, इसलिए हो सकता है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस इसे भुनाना चाहे।

मंत्रिमंडल में अनुभवी और युवाओं का मिश्रण
चर्चा है कि मंत्रिमंडल ऐसा होगा, जिसमें युवा चेहरे भी शामिल होंगे और अनुभवी लोगों को भी शामिल किया जाएगा। अनुभवी लोगों में बृजमोहन अग्रवाल, अमर अग्रवाल, अजय चंद्राकर, राजेश मूणत, धरमलाल कौशिक, रामविचार नेताम, केदार कश्यप शामिल हैं, जबकि नए और युवा चेहरों में अरुण साव, ओपी चौधरी, विजय शर्मा जैसे नाम शामिल हैं।

भाजपा के तीन सांसद जीते, विजय बघेल हारे, कांग्रेस के सांसद हारे

इस चुनाव में भाजपा ने चार सांसदों को मैदान में उतारा। रायगढ़ सांसद गोमती साय को पत्थलगांव से, दुर्ग सांसद विजय बघेल को पाटन से, बिलासपुर के सांसद अरुण साव को लोरमी से और सरगुजा सांसद रेणुका सिंह को भरतपुर-सोनहत से मैदान में उतारा। इनमें गोमती साय, अरुण साव और रेणुका सिंह ने जीत दर्ज की, जबकि विजय बघेल, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से हार गए। कांग्रेस ने अपने एक सांसद दीपक बैज को चित्रकोट से उतारा, वे भाजपा के विनायक गोयल से चुनाव हार गए।

पहले चरण में भाजपा को 20 में 11 और दूसरे चरण में 70 में से 42 सीटें भाजपा को

7 नवंबर को पहले चरण का मतदान हुआ था। इसमें बस्तर संभाग की 12 और राजनांदगांव लोकसभा की 8 सीटों के लिए वोटिंग हुई थी। इन 20 सीटों में भाजपा ने 11 सीटें जीती हैं, जबकि कांग्रेस को 9 सीटें मिलीं। दूसरे चरण की वोटिंग 17 नवंबर को हुई। इसमें भाजपा को 42 सीट मिली और कांग्रेस को 26 सीट मिली। एक सीट गोंडवाना गणतंत्र पार्टी को मिली।

कांग्रेस ने जिन 22 विधायकों के टिकट काटे, उनमें से 15 सीटें हारीं
कांग्रेस को 22 विधायकों का टिकट काटना भारी पड़ गया। जिन 22 विधायकों के टिकट काटे गए, उनमें से 15 सीटों पर उसे हार का सामना करना पड़ा है। कांग्रेस ने प्रतापपुर, पंडरिया, नवागढ़, रामानुजगंज, जगदलपुर, महासमुंद, सामरी, कांकेर, धरसीवां, चित्रकोट, अंतागढ़, दंतेवाड़ा, रायपुर ग्रामीण, मनेंद्रगढ़ और पाली तानाखार से सीटिंग एमएलए की टिकट काटी थी। भाजपा ने बिंद्रानवागढ़ और बेलतरा से विधायकों की टिकट काटी थी। इनमें एक में जीत और एक में हार का सामना करना पड़ा।

70 साल से ज्यादा उम्र के 12 प्रत्याशी, 6 जीते और 6 हारे
चुनाव में 70 साल से ज्यादा उम्र के 12 प्रत्याशी रहे। भाजपा से डोमनलाल कोर्सेवाड़ा 75 साल के, बैकुंठपुर से भैयालाल राजवाड़े 71 साल के, मुंगेली से पुन्नूलाल मोहले 72 साल के, धर्मजीत सिंह 70 साल और राजनांदगांव से डा. रमन सिंह 70 के साल के हैं। सभी ने चुनाव जीते। कांग्रेस के 70 पार वाले चुनाव हार गए। इनमें मनेंद्रगढ़ से रमेश सिंह 72 साल, प्रेमनगर से खेलसाय सिंह 76 साल के, टीएस सिंहदेव 71 साल के, रामपुकार सिंह 86 साल के और ताम्रध्वज साहू 74 साल के हैं।

छत्तीसगढ़ का ये ट्रेंड कायम रहा
हमेशा से कहा जाता रहा है कि कोटा से कभी भाजपा नहीं जीती। इस बार भी यही हुआ। कांग्रेस के अटल श्रीवास्तव जीतकर आए।

हमेशा से एक ट्रेंड रहा है कि नेता प्रतिपक्ष कभी चुनाव नहीं जीते। इस बार भी नारायण चंदेल जांजगीर चांपा से चुनाव हार गए।

भिलाई और सीतापुर का ट्रेंड टूटा

भिलाई में हमेशा एक बार भाजपा तो एक बार कांग्रेस जीतती रही, लेकिन इस बार ये ट्रेंड टूट गया। यहां से देवेंद्र यादव ने भाजपा के प्रेमप्रकाश पांडेय को हरा दिया। वहीं सीतापुर में आज तक कांग्रेस के अलावा किसी भी दूसरी पार्टी ने जीत दर्ज नहीं की थी। सेना से इस्तीफा देकर चुनाव लड़ रहे रामकुमार टोप्पो को भाजपा ने मैदान में उतारा और यह ट्रेंड बदल दिया। 20 साल के विधायक व मंत्री अमरजीत भगत को उन्होंने हरा दिया।

चुनाव मैदान में थीं 155 महिलाएं

चुनाव में भाजपा-कांग्रेस सहित अन्य दलों और निर्दलीय मिलाकर 1181 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला हुआ। पहले चरण में 223 प्रत्याशियों में 198 पुरुष और 25 महिलाएं थीं। वहीं दूसरे चरण में 958 उम्मीदवारों में 827 पुरुष और 130 महिलाएं चुनावी मैदान में थे। भाजपा ने इस बार 15 और कांग्रेस से 18 महिलाओं को टिकट दिया था।

पिछले चुनाव यानी 2018 में 132 महिला प्रत्याशी चुनाव में उतरी थीं, लेकिन इनमें से सिर्फ 13 को ही जीत मिली। भाजपा ने तब 14 महिलाओं को टिकट दिया, जिसमें सिर्फ 1 को जीत मिली, वहीं कांग्रेस की 13 में से 10 महिला प्रत्याशी जीतकर विधानसभा पहुंची थी।

इन महिला प्रत्याशियों को मिली जीत

सीटजीतीं
भरतपुर-सोनहतरेणुका सिंह (भाजपा)
सामरीउद्धेश्वरी पैकरा (भाजपा)
जशपुररायमुनि भगत (भाजपा)
पत्थलगांवगोमती साय (भाजपा)
कोंडागांवलता उसेंडी (भाजपा)
भटगांवलक्ष्मी राजवाड़े (भाजपा)
प्रतापपुरशकुंतला सिंह पोर्ते (भाजपा)
पंडरियाभावना बोहरा (भाजपा)
सिहावाअंबिका मरकाम (कांग्रेस)
सारंगढ़उत्तरी जांगड़े (कांग्रेस)
सरायपालीचातुरी नंद (कांग्रेस)
बिलाईगढ़कविता प्राण लहरे (कांग्रेस)
लैलूंगाविद्यावती सिदार (कांग्रेस)
बालोदसंगीता सिन्हा (कांग्रेस)
डौंडीलोहाराअनिला भेंडिया (कांग्रेस)
भानुप्रतापपुरसावित्री मंडावी (कांग्रेस)
खैरागढ़यशोदा वर्मा (कांग्रेस)
डोंगरगढ़हर्षिता बघेल (कांग्रेस)

सरगुजा में कांग्रेस पूरी साफ, बस्तर में भाजपा 12 में 8

2003 से 2023 तक जितने भी विधानसभा चुनाव हुए, उनमें 2013 के ट्रेंड को छोड़कर सभी में एक बात कॉमन थी कि बस्तर और सरगुजा से वोटिंग एक तरफा हुई। इस बार भी ये ट्रेंड दिख रहा है। बस्तर की 12 सीटों में से 8 में भाजपा जीत गई, जबकि सरगुजा में 14 में से 14 सीटें भाजपा के खाते में आ गई। पिछली बार बस्तर की 12 में 12 कांग्रेस के पास थी।

सरगुजा का परिणाम इसलिए चौंकाने वाला है क्योंकि पिछली बार 14 की 14 सीटें कांग्रेस के पास थीं। खुद डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव अपनी सीट बचाने में भी नाकाम रहे। कांग्रेस को मैदानी इलाकों से उम्मीद थी, क्योंकि यहां किसान ज्यादा हैं, लेकिन यहां भी कांग्रेस सिमट गई। जनता को कर्जमाफी से ज्यादा धान के बोनस पर आकर्षण लगा।

दुर्ग संभाग से 10 और बिलासपुर संभाग से 13 सीटें कांग्रेस को

दुर्ग संभाग की 20 सीटों में से 10 सीटें कांग्रेस को तो 10 सीटें भाजपा को मिली। संभागों में सबसे ज्यादा सीटें बिलासपुर और दुर्ग से ही कांग्रेस बढ़त में है। बिलासपुर संभाग की 25 सीटों में 13 सीटें कांग्रेस ने जीतीं, जबकि भाजपा ने 10 सीटें हासिल की है। पिछली बार 7 सीटों पर भाजपा थी, जबकि कांग्रेस 12 पर आगे थी। 3 जोगी कांग्रेस व 2 पर बसपा थी।

दिग्गज और चर्चित सीटों का हाल

सीटमुकाबलाजीते/हारे
पाटनभूपेश बघेल (कांग्रेस) v/s विजय बघेल (भाजपा)भूपेश बघेल 19723 वोटों से जीते
राजनांदगांवरमन सिंह (भाजपा) v/s गिरीश देवांगन (कांग्रेस)रमन सिंह 45084 वोटों से जीते
सक्तीडॉ. चरण दास महंत (कांग्रेस) v/s डॉ. खिलावन साहू (भाजपा)डॉ. चरण दास महंत 12395 वोटों से जीते
लोरमीअरुण साव (भाजपा) v/s थानेश्वर साहू (कांग्रेस)अरुण साव 45891 वोटों से जीते
कोंटाकवासी लखमा (कांग्रेस) v/s सोयम मुक्का (भाजपा) v/s मनीष कुंजाम (निर्दलीय)कवासी लखमा 1981 वोटों से जीते
चित्रकोटदीपक बैज (कांग्रेस) v/s विनायक गोयल (भाजपा)दीपक बैज 8370 वोटों से हारे
जांजगीर-चांपानारायण चंदेल (भाजपा) v/s व्यास नारायण कश्यप (कांग्रेस)नारायण चंदेल 6971 वोटों से हारे
कुरुदअजय चंद्राकर (भाजपा) v/s तारिणी चंद्राकर (कांग्रेस)अजय चंद्राकर 8090 वोटों से जीते
रायगढ़​​ओपी चौधरी (भाजपा) v/s प्रकाश नायक (कांग्रेस)ओपी चौधरी 64443 वोटों से जीते
रामानुजगंजरामविचार नेताम (भाजपा) v/s डॉ. अजय तिर्की (कांग्रेस)रामविचार नेताम 29663 वोटों से जीते
कोटारेणु जोगी (जेसीसीजे) v/s प्रबल प्रताप सिंह (भाजपा) v/s अटल श्रीवास्तव (कांग्रेस)अटल श्रीवास्तव 7957वोटों से जीते
रायपुर दक्षिणबृजमोहन अग्रवाल (भाजपा) v/s महंत राम सुंदर दास (कांग्रेस)बृजमोहन अग्रवाल 67719वोटों से जीते
कोंडागांवमोहन मरकाम (कांग्रेस) v/s लता उसेंडी (भाजपा)मोहन मरकाम 18572 वोटों से हारे
खरसियाउमेश पटेल (कांग्रेस) v/s महेश साहू (भाजपा)उमेश पटेल 21656 वोटों से जीते
बिलासपुरअमर अग्रवाल (भाजपा) v/s शैलेष पांडेय (कांग्रेस)अमर अग्रवाल 28959 वोटों से जीते
आरंगशिव डहरिया (कांग्रेस) v/s खुशवंत साहेब (भाजपा)शिव डहरिया 16538 वोटों से हारे

जोगी कांग्रेस का अस्तित्व खतरे में, गोंगपा ने 23 साल बाद खाता खोला
इस चुनाव में जोगी कांग्रेस ने 80 प्रत्याशी उतारे। माना जा रहा था कि ज्यादातर जगहों पर वो वोट काटेंगे। पिछली बार जहां उन्होंने 5 सीटें जीती थीं, इस बार एक भी सीट नहीं जीत पाए। वहीं गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने 23 साल बाद खाता खोला और पाली तानाखार से तुलेश्वर सिंह मरकाम जीते। वे स्व. हीरा सिंह मरकाम के बेटे हैं। इस बार बहुजन समाज पार्टी भी आश्चर्यजनक रूप से एक भी सीट नहीं जीत पाई। बिलाईगढ़, जैजैपुर और पामगढ़ से उनकी जीत मानी जा रही थी।

94 वोट से हारे सिंहदेव, लेकिन री-काउंटिंग नहीं ली सिंहदेव ने
डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव सिर्फ 94 वोटों से हारे। भाजपा के राजेश अग्रवाल ने उन्हें हराया। लेकिन टीएस सिंहदेव ने री-काउंटिंग कराने से मना कर दिया। इसी तरह कांग्रेस के कांकेर से प्रत्याशी शंकर ध्रुव सिर्फ 16 वोट से हारे। उन्होंने री काउंटिंग के लिए आवेदन किया, लेकिन फिर आवेदन वापस ले लिया।

एकमात्र धनेंद्र साहू ने ईवीएम को लेकर आरोप लगाए

हर बार ईवीएम पर आरोप लगाने वाली कांग्रेस से इस बार किसी ने भी ईवीएम पर आरोप नहीं लगाया। अभनपुर से हारने वाले प्रत्याशी धनेंद्र साहू एकमात्र विधायक थे, जिन्होंने कहा कि ईवीएम में गड़बड़ी की गई है।

कांग्रेस के बागियों ने हराया, भाजपा में फर्क नहीं पड़ा

कांग्रेस में करीब 13 सीटों पर बागी मैदान में उतरे। हर जगह थोड़ा बहुत नुकसान किया, लेकिन चार सीटों पर पूरी तरह से समीकरण बिगाड़ दिया। जबकि भाजपा में 5 बागी उतरे, लेकिन कोई फर्क नहीं डाल पाए।

कांग्रेस के इन बागियों ने बिगाड़ा गणित

सीटबागी प्रत्याशीकितने वोट मिलेकांग्रेस ने इन्हें दिया टिकटइस पार्टी के प्रत्याशी जीते
अंतागढ़अनूप नाग-निर्दलीय9415रुप सिंह पोटाईबीजेपी के विक्रम मंडावी जीते
रायपुर उत्तरअजीत कुकरेजा- निर्दलीय22,939कुलदीप जुनेजाबीजेपी के पुरंदर मिश्रा जीते
लोरमीसागर सिंह- JCCJ15,910थानेश्वर साहूबीजेपी के अरुण साव जीते
जशपुरप्रदीप खेस्स- निर्दलीय7571विनय भगतबीजेपी की रायमुनि भगत जीतीं

बीजेपी के ये बागी थे मैदान में

सीटबागी प्रत्याशी/ वोटों की संख्यापार्टीइन्हें मिला टिकट
गुण्डरदेहीराजेन्द्र राय- 407जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़वीरेंद्र साहू
रायपुर उत्तरसावित्री जगत- 371निर्दलीयपुरंदर मिश्रा
रायगढ़गोपिका गुप्ता- 166निर्दलीयओपी चौधरी
वैशाली नगरसंगीता शाह- 403निर्दलीयरिकेश सेन
मस्तुरीचांदनी भारद्वाज- 1181जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़कृष्णमूर्ति बांधी

जहां-जहां मोदी, शाह वहां भाजपा जीती

प्रधानमंत्री की सभा महासमुंद, मुंगेली, डोंगरगढ़, कांकेर, दुर्ग, भटगांव, प्रेमनगर, रायगढ़, रायपुर और बिलासपुर में हुई, जबकि अमित शाह ने राजनांदगांव, चंद्रपुर, बिलासपुर, बस्तर, जगदलपुर, कोंडागांव, कांकेर, कवर्धा, जशपुुर, मोहला मानपुर, बेमेतरा, पंडरिया, साजा, कोरबा और जांजगीर चांंपा में सभाएं की। इन दोनों ने इस तरह पूरे छत्तीसगढ़ को नाप लिया। इन सभी जगह क्षेत्रों में ज्यादातर भाजपा की सीटें आई हैं।

जहां जहां राहुल-प्रियंका गए, वहां कांग्रेस को ज्यादा फायदा नहीं

जवाब. राहुल गांधी ने बेमेतरा, बलौदा बाजार, अंबिकापुर, जशपुर, खरसिया, जगदलपुर, रायगढ़, कवर्धा, राजनांदगांव, भानुप्रतापुर (फरसगांव), बिलासपुर और रायपुर में सभाएं की। इसी तरह प्रियंका गांधी ने प्रियंका गांधी ने रायपुर, कुरुद, बालोद, बिलासपुर, खैरागढ़, कांकेर, भिलाई , जगदलपुर में सभाएं कीं। इन सभी इलाकों से भी भाजपा को ज्यादा सीटें मिलीं।

दो राष्ट्रीय पार्टी का खाता ही नहीं खुला, JCCJ भी साफ

राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त बहुजन समाज पार्टी (BSP) और आम आदमी पार्टी (AAP) का खाता ही नहीं खुला है। वहीं पिछली बार 5 सीटें जीती छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस- जे (JCCJ) पूरी तरह से इस बार साफ हो गई। पार्टियों के प्रदेश अध्यक्ष भी अपनी सीट नहीं बचा सके। वहीं गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (GGP) ने दो दशक बाद एक सीट जीती है।

रमन सिंह ने कहा- मोदी की गारंटी पर जनता का तिलक

पूर्व सीएम रमन सिंह ने कहा कि, छत्तीसगढ़ महतारी की जय! छत्तीसगढ़ में भाजपा की इस प्रचंड जीत के पीछे प्रदेशवासियों के आशीर्वाद के साथ ही के केंद्रीय नेतृत्व का परिश्रम और कुशल नेतृत्व समाहित रहा है। उन्होंने कहा कि मोदी जी की गारंटी पर जनता ने विजय तिलक लगाया है। हम मिलकर छत्तीसगढ़ का विकास करेंगे।

सैलजा बोलीं- ये जनादेश निराशाजनक, पर कांग्रेस निराश नहीं

प्रदेश कांग्रेस प्रभारी कुमारी सैलजा ने कहा कि, जनता का जनादेश स्वीकार है। 5 साल पूरी निष्ठा के साथ छत्तीसगढ़ की सेवा की। हर वर्ग के लिए हर तरह से हमारा प्रयास रहा, लेकिन हम अपना संदेश लोगो तक नही पहुंचा पाए। उन्होंने कहा कि, यह जनादेश निराशाजनक है, लेकिन कांग्रेस निराश नहीं है।

उन्होंने कहा कि, हार कर फिर खड़ा होना है, हमारे कार्यकर्ता तैयार रहेंगे। वंचित लोगों के हक की लड़ाई लड़ते रहेंगे। उन्होंने कहा कि, जो जीते है उन्हें बधाई देते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि बीजेपी की सरकार लोगों का ध्यान रखे, लोक तंत्र का ख्याल रखे, हमने जो कार्य शुरू किए हैं उन्हें आगे जारी रखें।

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