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सचिन पायलट ने जेल में कवासी लखमा से की मुलाकात, कहा- बीजेपी विचारधारा का विरोध करने वालों को दबाने की कोशिश करती है
मुख्य खबर:
छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी सचिन पायलट ने शराब घोटाला मामले में रायपुर सेंट्रल जेल में बंद पूर्व मंत्री कवासी लखमा से मुलाकात की। जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने कहा कि हमारा राजनीतिक संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी की विचारधारा का विरोध करने वालों का चरित्र हनन करने की कोशिश की जाती है और सरकारी एजेंसियों का इस्तेमाल करके उनके मनोबल को तोड़ने की साजिश रची जाती है।
बीजेपी पर निशाना
सचिन पायलट ने कहा कि यह किसी व्यक्ति विशेष की लड़ाई नहीं है बल्कि पूरे देश में जहां-जहां बीजेपी सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है, वहां हम विरोध दर्ज कराएंगे।
कौन-कौन रहा मौजूद?
पायलट की इस मुलाकात के दौरान उनके साथ कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे:
- चरणदास महंत (नेता प्रतिपक्ष)
- दीपक बैज (PCC प्रमुख)
- विजय जांगिड़
- जरिता लैतफलांग
- देवेंद्र यादव
- लखमा के बेटे हरीश कवासी
कांग्रेस की रणनीति पर अहम बैठक
सचिन पायलट दोपहर 2 बजे पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी (PAC) की बैठक करेंगे, जिसमें कांग्रेस के कई बड़े नेता शामिल होंगे। इस बैठक में शामिल प्रमुख नेता होंगे:
- भूपेश बघेल (पूर्व मुख्यमंत्री)
- टीएस सिंहदेव (पूर्व उपमुख्यमंत्री)
- PCC प्रभारी सचिन पायलट
- सहप्रभारी जरिता लैतफलांग
- नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत
बैठक के मुख्य एजेंडे
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चुनावी हार की समीक्षा:
- कांग्रेस को हाल ही में विधानसभा, नगर निगम, नगर पालिका और पंचायत चुनावों में हार का सामना करना पड़ा है।
- पार्टी कई नगर निगमों में महापौर और पंचायतों में अध्यक्ष पद जीतने में असफल रही, जिससे कार्यकर्ताओं में निराशा है।
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संभावित संगठनात्मक बदलाव:
- प्रदेश कांग्रेस संगठन में बदलाव पर भी चर्चा होगी।
- जिला स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक नए चेहरे लाने की मांग उठ रही है।
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भविष्य की रणनीति:
- हार के कारणों का विश्लेषण कर नई रणनीति तैयार की जाएगी।
- कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मनोबल बनाए रखने के लिए जरूरी फैसले लिए जाएंगे।
क्या होती है पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी (PAC)?
PAC कांग्रेस का एक रणनीतिक निकाय है जो चुनावी रणनीति और संगठन को मजबूत करने के फैसले लेता है। जब पार्टी को हार का सामना करना पड़ता है, तो PAC की बैठक में समीक्षा की जाती है और भविष्य की रणनीति पर मंथन होता है।
बीजेपी का पलटवार
छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम अरुण साव ने कांग्रेस की बैठक पर तंज कसते हुए कहा कि:
“कांग्रेस की बैठकों में क्या होता है, यह सबको पता है। वे अपनी कमियों पर विचार करने की बजाय एक-दूसरे पर हार का ठीकरा फोड़ेंगे और किसी और को दोषी ठहराने की कोशिश करेंगे।”
निष्कर्ष
कांग्रेस इस समय छत्तीसगढ़ में राजनीतिक अस्तित्व बचाने की चुनौती का सामना कर रही है। हार की समीक्षा और संगठनात्मक बदलावों पर चर्चा से यह तय होगा कि पार्टी भविष्य में किस दिशा में आगे बढ़ेगी।