मुख्य बातें:
- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय दो दिवसीय दिल्ली दौरे से लौटे।
- पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।
- नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई और शांति व्यवस्था पर चर्चा हुई।
- मंत्रिमंडल विस्तार और निगम मंडलों में नियुक्ति पर जल्द फैसला होगा।
- कांग्रेस की बैठक पर बोले: “सचिन पायलट से मुलाकात हुई, बैठक उनका आंतरिक मामला।”
सीएम विष्णुदेव साय का दिल्ली दौरा
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय दो दिवसीय दिल्ली दौरे से लौट आए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर कई अहम मुद्दों पर चर्चा की।
पीएम मोदी से चर्चा के प्रमुख बिंदु:
- छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई
- शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाए गए कदम
- 30 मार्च को प्रधानमंत्री के छत्तीसगढ़ दौरे की तैयारियां
- नगरीय निकाय चुनावों में मिली ऐतिहासिक जीत की बधाई
सीएम साय ने बताया कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद से निपटने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह से भी इस विषय पर विस्तार से चर्चा की।
मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर क्या बोले सीएम साय?
छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार बनने के बाद से मंत्रिमंडल विस्तार और निगम मंडलों में नियुक्तियों का इंतजार हो रहा है। इस बारे में पूछे जाने पर सीएम साय ने कहा:
“मंत्रिमंडल का विस्तार और निगम मंडलों में नियुक्तियां जल्द की जाएंगी, बस थोड़ा और इंतजार करें।”
यह बयान संकेत देता है कि सरकार इस पर विचार कर रही है और जल्द ही नई नियुक्तियों की घोषणा कर सकती है।
सचिन पायलट से मुलाकात पर क्या बोले सीएम साय?
दिल्ली से रायपुर लौटते वक्त सीएम साय की फ्लाइट में कांग्रेस नेता सचिन पायलट भी मौजूद थे। इस पर उन्होंने कहा:
“हम दोनों एक ही विमान से रायपुर आए हैं। रास्ते में मुलाकात हुई, लेकिन उनकी बैठक कांग्रेस का आंतरिक मामला है।”
यह बयान दिखाता है कि भाजपा कांग्रेस की गतिविधियों पर अधिक ध्यान नहीं देना चाहती और वह अपने कार्यों पर फोकस कर रही है।
क्या है मंत्रिमंडल विस्तार में देरी की वजह?
छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार बनने के बाद से ही मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा चल रही है, लेकिन अब तक कोई घोषणा नहीं हुई। इसके पीछे कुछ अहम कारण हो सकते हैं:
1. पार्टी के भीतर संतुलन बनाने की कोशिश
- भाजपा नेतृत्व जातीय और क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखना चाहता है।
- अनुभवी और नए नेताओं के बीच संतुलन बनाना जरूरी है।
2. लोकसभा चुनाव की रणनीति
- भाजपा लोकसभा चुनाव से पहले किसी भी विवाद से बचना चाहती है।
- संभावित मंत्रियों का चयन इस आधार पर भी हो सकता है कि वे चुनावों में पार्टी के लिए कितने फायदेमंद साबित होंगे।
3. केंद्रीय नेतृत्व की मंजूरी
- भाजपा नेतृत्व केंद्रीय स्तर पर चर्चा के बाद ही अंतिम निर्णय लेना चाहता है।
- प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से चर्चा के बाद ही विस्तार की घोषणा होगी।
मंत्रिमंडल विस्तार में किन नेताओं को मौका मिल सकता है?
मंत्रिमंडल में किन नए चेहरों को जगह मिलेगी, इसे लेकर कई अटकलें लगाई जा रही हैं। संभावित नामों में शामिल हो सकते हैं:
- रामविचार नेताम (अनुभवी आदिवासी नेता)
- ब्रजमोहन अग्रवाल (वरिष्ठ नेता, संगठन पर मजबूत पकड़)
- अरुण साव (लोकप्रिय ओबीसी चेहरा)
- अजय चंद्राकर (पूर्व मंत्री, प्रशासनिक अनुभव)
- रजनी त्रिपाठी (महिला नेतृत्व को बढ़ावा देने के लिए)
छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार की चुनौतियां
1. नक्सलवाद पर कड़ा रुख
- सरकार को बस्तर और अन्य प्रभावित इलाकों में मजबूत कार्रवाई करनी होगी।
- नक्सल समस्या को सिर्फ सुरक्षा दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि विकास के नजरिए से भी देखना होगा।
2. किसानों और युवाओं के मुद्दे
- कांग्रेस की पूर्व सरकार की योजनाओं का समीक्षा करना और नई योजनाएं लागू करना।
- रोजगार और कृषि क्षेत्र में सुधार लाने के लिए कदम उठाने होंगे।
3. भाजपा को मजबूत करना
- विधानसभा चुनाव में मिली जीत को लोकसभा चुनाव में भी दोहराना भाजपा का लक्ष्य है।
- पार्टी को जमीनी स्तर पर संगठन मजबूत करने पर ध्यान देना होगा।
आने वाले दिनों में क्या होगा?
- मंत्रिमंडल विस्तार की आधिकारिक घोषणा जल्द हो सकती है।
- 30 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी छत्तीसगढ़ दौरे पर आएंगे, जिससे सरकार के कामों को गति मिल सकती है।
- भाजपा सरकार नक्सलवाद, रोजगार और विकास से जुड़े अहम फैसले ले सकती है।
निष्कर्ष:
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का दिल्ली दौरा राज्य की राजनीति और सरकार की योजनाओं के लिए अहम रहा।
- पीएम मोदी और अमित शाह से नक्सलवाद और विकास के मुद्दों पर चर्चा हुई।
- मंत्रिमंडल विस्तार जल्द होने के संकेत मिले, लेकिन अभी इंतजार करना होगा।
- सचिन पायलट से हुई मुलाकात को लेकर भाजपा कोई खास रुचि नहीं दिखा रही।
अब देखना होगा कि सरकार अपने अगले कदम कब और कैसे उठाती है और यह राज्य की राजनीति को कैसे प्रभावित करता है।