सट्टे के पैसे का प्रॉपर्टी और कारोबार में निवेश, ईओडब्ल्यू की बड़ी कार्रवाई
छत्तीसगढ़ में महादेव सट्टा ऐप घोटाले में एक और बड़ी कार्रवाई हुई है। ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा) ने जेल में बंद ASI चंद्रभूषण वर्मा के चचेरे भाई किशन वर्मा और सिपाही भीम सिंह यादव के भाई सहदेव यादव को गिरफ्तार किया है।
सहदेव यादव भी पुलिस विभाग में सिपाही है।
दोनों आरोपी अपने भाइयों के सट्टे से जुड़े पैसों को मैनेज कर रहे थे।
ये लोग सट्टे के पैसों को प्रॉपर्टी, कारोबार और ब्याज के धंधे में लगा रहे थे।
ईडी की जांच में नाम आया, ईओडब्ल्यू ने की पूछताछ
इस घोटाले में पहले से ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच चल रही थी, जिसमें किशन वर्मा और सहदेव यादव के नाम सामने आए।
ईओडब्ल्यू ने दोनों को पूछताछ के लिए बुलाया।
पुख्ता सबूत मिलने के बाद गिरफ्तारी कर ली गई।
किशन वर्मा को कोर्ट में पेश कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
सिपाही सहदेव को भी जल्द ही कोर्ट में पेश किया जाएगा।
सबसे बड़ा खुलासा यह हुआ कि किशन वर्मा के माध्यम से 58 करोड़ रुपये का लेनदेन किया गया था।
सिपाही सहदेव यादव की गिरफ्तारी और उसका नेटवर्क
सिपाही सहदेव यादव दुर्ग जिले में पदस्थ था और पहले से निलंबित चल रहा था।
उसके खिलाफ विभागीय जांच भी जारी थी।
लंबे समय से फरार रहने के बाद उसे राजनांदगांव के पास से गिरफ्तार किया गया।
सिपाही भीम सिंह यादव के दो और भाई अर्जुन यादव और सहदेव यादव भी पुलिस में हैं।
तीनों भाई महादेव सट्टा के प्रमोटरों से जुड़े हुए थे।
ईओडब्ल्यू अब इस पूरे पुलिस नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही है।
सट्टे के बड़े नेटवर्क से जुड़े लिंक
ईओडब्ल्यू को जांच में पता चला है कि भीम यादव और सहदेव यादव दुर्ग जिले के दो व्यक्तियों – सतनाम और दीपक – के संपर्क में थे।
सतनाम और दीपक महादेव सट्टा नेटवर्क के मुख्य ऑपरेटर बताए जा रहे हैं।
इनका लिंक सीधे दुबई से होने की संभावना है।
दोनों के कई बड़े राजनेताओं से संबंध होने की भी चर्चा है।
इसी वजह से इनके खिलाफ जांच को गोपनीय रखा गया है।
ईओडब्ल्यू इन दोनों व्यक्तियों की भूमिका की भी जांच कर रही है और जल्द ही इन पर भी कार्रवाई हो सकती है।
महादेव सट्टा ऐप घोटाले की गहराई – पुलिस और प्रशासन में हलचल
महादेव सट्टा ऐप घोटाला सिर्फ ऑनलाइन सट्टे तक सीमित नहीं है। इस केस ने पुलिस विभाग, प्रशासनिक अधिकारियों और राजनीतिक लोगों की संलिप्तता को उजागर कर दिया है।
इस घोटाले में अब तक कई पुलिसकर्मी और सरकारी अधिकारी जांच के घेरे में आ चुके हैं।
पुलिस अधिकारियों के परिवार के लोग भी इस रैकेट में शामिल पाए गए।
58 करोड़ रुपये का लेनदेन महज एक व्यक्ति के जरिए होने से सट्टे के बड़े नेटवर्क की पुष्टि होती है।
महादेव सट्टा ऐप घोटाले की जड़ें अब दुबई तक पहुंच रही हैं, जिससे अंतरराष्ट्रीय जांच की भी जरूरत हो सकती है।
मुख्य बिंदु:
✅ ईओडब्ल्यू ने ASI चंद्रभूषण वर्मा के रिश्तेदार किशन वर्मा और सिपाही भीम यादव के भाई सहदेव यादव को गिरफ्तार किया।
✅ दोनों आरोपी सट्टे के पैसों को प्रॉपर्टी और कारोबार में निवेश कर रहे थे।
✅ किशन वर्मा के जरिए 58 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ था।
✅ सिपाही सहदेव यादव पहले से निलंबित था और लंबे समय से फरार था।
✅ भीम यादव और सहदेव यादव का लिंक दुर्ग के सतनाम और दीपक से मिला, जिनका संबंध दुबई से हो सकता है।
✅ ईओडब्ल्यू अब इस पूरे नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही है, जल्द ही और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
महादेव सट्टा ऐप घोटाले की जांच आगे बढ़ने के साथ ही कई बड़े खुलासे होने की संभावना है।