समाचार का सरल एवं विस्तृत विवरण:
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के रायपुर और भिलाई स्थित आवासों पर CBI की छापेमारी पूरी हो गई है। बुधवार शाम को जब CBI की टीम जांच पूरी कर वापस लौट रही थी, तब कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनकी गाड़ियों को रोकने का प्रयास किया।
इस दौरान अधिकारियों ने इसका वीडियो रिकॉर्ड किया, जिससे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ FIR दर्ज की जा सकती है। इस कार्रवाई के विरोध में कांग्रेस ने पूरे प्रदेश में केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।
CBI की छापेमारी के दौरान क्या हुआ?
बुधवार को जब CBI की टीम भूपेश बघेल के बंगले से बैग लेकर बाहर निकल रही थी, तब कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। इस पूरी घटना का एक वीडियो भी सामने आया है।
कांग्रेस इस कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध बता रही है और जिला स्तर पर बड़े पैमाने पर प्रदर्शन कर रही है। इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस के तमाम बड़े नेता शामिल होंगे।
CBI क्यों कर रही है जांच?
CBI की यह कार्रवाई महादेव सट्टा ऐप घोटाले से जुड़ी हुई है। इस मामले में पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जांच की थी और अब CBI ने इसे अपने हाथ में लिया है। बुधवार को रायपुर, भिलाई सहित छत्तीसगढ़ में 24 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की गई।
CBI ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, उनके करीबी नेताओं, अधिकारियों और कारोबारियों के घरों पर भी दबिश दी।
कांग्रेस का क्या कहना है?
भूपेश बघेल ने CBI की छापेमारी को पूरी तरह से राजनीतिक बताया। उन्होंने कहा,
“30 तारीख को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छत्तीसगढ़ आ रहे हैं। उनके भाषण का कंटेंट तैयार करने के लिए यह रेड डाली गई है।”
“मेरे घर में कुछ नहीं मिला, तो CBI मेरे 3 मोबाइल फोन ले गई।”
“CBI ने मेरी सभी प्रॉपर्टी और जमीन के ओरिजनल दस्तावेज ले लिए। ये वही प्रॉपर्टी है जिसकी पहले रमन सिंह सरकार, फिर ED और अब CBI जांच कर रही है। अगर कुछ गलत होता तो पहले ही सामने आ चुका होता।”
महादेव सट्टा ऐप घोटाले का पूरा मामला
अगस्त 2024 में छत्तीसगढ़ सरकार ने महादेव सट्टा ऐप घोटाले की जांच CBI को सौंप दी थी।
जनवरी 2024 में ED ने इस मामले की जांच शुरू की थी।
मार्च 2025 में ACB ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल की, जिसमें भूपेश बघेल को आरोपी बनाया गया।
उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 11 के तहत केस दर्ज हुआ।
CBI ने बैंक ट्रांजेक्शन, प्रॉपर्टी डील और अन्य आर्थिक लेन-देन से जुड़े कई डिजिटल डिवाइसेज जब्त किए।
कांग्रेस का प्रदेशव्यापी प्रदर्शन
CBI और ED की कार्रवाई के खिलाफ छत्तीसगढ़ के सभी जिला मुख्यालयों में कांग्रेस कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे हैं।
राज्य सरकार और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की जा रही है।
बीजेपी सरकार पर विपक्ष को दबाने के लिए जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया जा रहा है।
लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष के नेताओं को डराने की साजिश बताई जा रही है।
CBI छापेमारी से जुड़े अन्य तथ्य
CBI ने छत्तीसगढ़, दिल्ली, भोपाल और कोलकाता समेत 4 राज्यों में 60 ठिकानों पर छापेमारी की।
छत्तीसगढ़ में रायपुर, दुर्ग और भिलाई के कई बड़े नेताओं और अधिकारियों के घरों पर भी छापे पड़े।
जांच की जद में आए लोग –
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पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
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भिलाई विधायक देवेंद्र यादव
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पूर्व मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा
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पूर्व IAS अधिकारी अनिल टुटेजा
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पूर्व OSD मनीष बंछोर
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CM सचिवालय की पूर्व उप सचिव सौम्या चौरसिया
निष्कर्ष
CBI की यह कार्रवाई लोकसभा चुनाव से पहले राजनीतिक हलचल तेज होने का संकेत देती है। कांग्रेस इसे बीजेपी सरकार की चुनावी रणनीति बता रही है, जबकि CBI का कहना है कि यह सिर्फ एक कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा है। आने वाले दिनों में यह मामला और अधिक राजनीतिक तूल पकड़ सकता है।