खबर का सारांश:
छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में एक दर्दनाक घटना सामने आई है। 9वीं कक्षा में पढ़ने वाले एक नाबालिग छात्र ने सप्लीमेंट्री (पूरक परीक्षा) आने से परेशान होकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक छात्र डीएवी स्कूल का विद्यार्थी था और सप्लीमेंट्री आने के बाद से ही वह काफी तनाव में था। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
घटना का विवरण:
छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में एक दुखद घटना घटी, जहां 9वीं कक्षा के छात्र ने परीक्षा में पूरक आने के चलते आत्महत्या कर ली। यह घटना जिले के बिश्रामपुर थाना क्षेत्र में हुई।
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मृतक छात्र डीएवी स्कूल का विद्यार्थी था।
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परीक्षा में पूरक (सप्लीमेंट्री) आने के कारण वह मानसिक तनाव में था।
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काफी समय से वह उदास और चिंतित नजर आ रहा था।
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आखिरकार उसने फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। बिश्रामपुर पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
इंदागांव में 20 दिनों में 15 आत्महत्या के प्रयास, प्रशासन चिंतित
गरियाबंद जिले के इंदागांव से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। बीते 20 दिनों में गांव के 15 लोगों ने आत्महत्या करने की कोशिश की, जिसमें से 3 लोगों की मौत हो गई। इस बढ़ती घटनाओं से प्रशासन सकते में है और गांव में काउंसलिंग शुरू कर दी गई है।
गांव में बढ़ते आत्महत्या के मामलों पर प्रशासन की नजर:
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20 दिनों में 15 लोगों ने आत्महत्या की कोशिश की।
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इनमें से 3 लोगों की मौत हो चुकी है।
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प्रशासनिक अधिकारियों और डॉक्टरों की टीम गांव पहुंची।
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ग्रामीणों से बातचीत कर डिप्रेशन और अन्य कारणों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है।
ग्रामीणों का धार्मिक सहारा:
गांव में लगातार बढ़ती आत्महत्याओं के चलते ग्रामीणों में डर का माहौल है। इसके समाधान के लिए लोग प्रशासन के प्रयासों के साथ-साथ धार्मिक अनुष्ठान भी कर रहे हैं।
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गांव में देवी-देवताओं की पूजा शुरू कर दी गई है।
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ग्रामीण सुख-शांति के लिए लगातार धार्मिक अनुष्ठान कर रहे हैं।
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“नाबालिग छात्र ने सप्लीमेंट्री परीक्षा के कारण की आत्महत्या, 9वीं कक्षा में करता था पढ़ाई”प्रशासन ने स्वास्थ्य एवं मानसिक रोग विशेषज्ञों की टीम को गांव में शिविर लगाने का निर्देश दिया है।
गांव के सरपंच, ग्राम पुजारी और स्थानीय निवासियों ने बताया कि वे अचानक बढ़ रही आत्महत्या की घटनाओं से डरे हुए हैं और प्रशासन से लगातार मदद की अपील कर रहे हैं।
निष्कर्ष:
छत्तीसगढ़ में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं गंभीर रूप ले रही हैं। खासकर छात्रों में परीक्षा से जुड़ा तनाव और गांवों में बढ़ता अवसाद प्रशासन के लिए चिंता का विषय है। इस स्थिति को सुधारने के लिए उचित परामर्श सेवाएं और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है, ताकि ऐसी दुखद घटनाओं को रोका जा सके।