बस्तर में गृह मंत्री अमित शाह के दौरे की तैयारियां जोरों पर
छत्तीसगढ़ के बस्तर में होने वाले बस्तर पंडुम महोत्सव के समापन समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे की तैयारियां तेज कर दी गई हैं। यह दौरा 5 अप्रैल को संभावित है और इसे लेकर प्रशासनिक स्तर पर व्यापक तैयारियां चल रही हैं।
बस्तर पंडुम महोत्सव का समापन समारोह
दंतेवाड़ा के हाईस्कूल मैदान में होगा कार्यक्रम।
मुख्य मंच और विशाल डोम बनाए जा रहे हैं।
सरकारी योजनाओं से जुड़े स्टॉल भी लगाए जा रहे हैं।
बस्तर में लगातार चल रहे नक्सल विरोधी अभियानों, नक्सलियों के सरेंडर और जवानों की कार्रवाई के बीच शाह का दौरा महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
नक्सलवाद खत्म करने के लक्ष्य पर जोर
गृह मंत्री अमित शाह पहले ही मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद पूरी तरह समाप्त करने की घोषणा कर चुके हैं। हाल ही में नक्सल प्रभावित इलाकों में लगातार मुठभेड़ हो रही हैं और बड़ी संख्या में नक्सली मारे गए हैं।
4 अप्रैल को नक्सलियों ने बीजापुर बंद का ऐलान किया है।
इसके अगले ही दिन, 5 अप्रैल को अमित शाह का दौरा संभावित है।
सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए पूरे क्षेत्र में विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं।
जवानों और सरेंडर नक्सलियों से संवाद करेंगे शाह
अधिकारिक सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्री अमित शाह सुरक्षा बलों के जवानों और पुलिस अधिकारियों से बातचीत कर सकते हैं। इसके अलावा, वे उन नक्सलियों से भी संवाद करेंगे जो आत्मसमर्पण कर चुके हैं और अब मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं।
डीआरजी (District Reserve Guard) के उन जवानों से भी चर्चा हो सकती है, जो पहले नक्सली थे और अब पुलिस बल का हिस्सा बन गए हैं।
बस्तर में नक्सलवाद और सुरक्षा को लेकर एक बड़ी बैठक होने की संभावना है।
यह बैठक नक्सल प्रभावित जिलों की सुरक्षा रणनीति को और मजबूत बनाने के लिए हो सकती है।
अमित शाह का पिछला दौरा और इस दौरे का महत्व
गृहमंत्री शाह इससे पहले 15 दिसंबर 2024 को बस्तरिया ओलंपिक के समापन समारोह में जगदलपुर आए थे।
अब महज 4 महीने के भीतर ही उनका फिर से बस्तर आना, इस क्षेत्र में सरकार की नक्सल उन्मूलन नीति की गंभीरता को दर्शाता है।
करीब एक महीने से पूरे संभाग में बस्तर पंडुम की धूम मची हुई है और इसका अंतिम समापन समारोह अब दंतेवाड़ा में होगा।
बस्तर पंडुम: बस्तर की संस्कृति को बढ़ावा देने की पहल
बस्तर पंडुम सिर्फ एक महोत्सव नहीं है, बल्कि यह बस्तर की समृद्ध जनजातीय संस्कृति, खेलकूद और पारंपरिक कलाओं को बढ़ावा देने का एक मंच भी है।
इस आयोजन में बस्तर संभाग के सभी जिलों के प्रशासन और पुलिस अधिकारी जुटे हुए हैं।
कमिश्नर, आईजी, कलेक्टर, एसपी समेत तमाम सरकारी अधिकारी इस आयोजन का हिस्सा हैं।
ब्लॉक और जिला स्तर पर कार्यक्रमों का आयोजन हुआ, अब संभाग स्तरीय समापन कार्यक्रम होने जा रहा है।
क्या-क्या हो रहा है बस्तर पंडुम में?
लोक नाट्य कला, मंडई नाचा, लोक वाद्य यंत्रों की प्रस्तुति।
जनजातीय वेषभूषा और शिल्पकला की प्रदर्शनी।
पारंपरिक पेय पदार्थ और व्यंजन का प्रदर्शन।
खेल-कूद और सांस्कृतिक प्रतियोगिताएं।
राज्य सरकार का उद्देश्य बस्तर की अनोखी संस्कृति और परंपराओं को देश-विदेश में पहचान दिलाना है।
बस्तर में सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था
गृह मंत्री अमित शाह के आगमन को देखते हुए बस्तर में सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है।
CRPF, पुलिस और अन्य सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर हैं।
सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए स्पेशल कमांडो टीम को भी तैनात किया गया है।
ड्रोन और आधुनिक उपकरणों से निगरानी की जा रही है।
अमित शाह का यह दौरा क्यों अहम है?
1️⃣ बस्तर में लगातार चल रहे नक्सल विरोधी अभियानों की समीक्षा होगी।
2️⃣ सरेंडर नक्सलियों के पुनर्वास को लेकर चर्चा होगी।
3️⃣ सुरक्षाबलों के मनोबल को बढ़ाने के लिए यह दौरा महत्वपूर्ण साबित होगा।
4️⃣ राज्य सरकार की नीतियों और योजनाओं की समीक्षा की जाएगी।
5️⃣ बस्तर की जनजातीय संस्कृति को राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देने की पहल को बल मिलेगा।
निष्कर्ष:
✅ गृहमंत्री अमित शाह 5 अप्रैल को बस्तर दौरे पर आ सकते हैं।
✅ वे जवानों, पुलिस अधिकारियों और सरेंडर नक्सलियों से संवाद करेंगे।
✅ बस्तर पंडुम महोत्सव के समापन समारोह के लिए दंतेवाड़ा में बड़े स्तर पर तैयारियां चल रही हैं।
✅ सुरक्षा को देखते हुए पूरे इलाके में कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
✅ यह दौरा नक्सलवाद को खत्म करने की सरकार की प्रतिबद्धता को और मजबूत करेगा।
बस्तर पंडुम का यह समापन समारोह न सिर्फ इस क्षेत्र की संस्कृति को संजोने का काम करेगा, बल्कि सरकार की नक्सल विरोधी रणनीति के लिए भी मील का पत्थर साबित हो सकता है।