साइबर ठगी का नया तरीका – मनी लॉन्ड्रिंग का डर दिखाकर ठगी
छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में एक इंटीरियर डिजाइनर महिला को मनी लॉन्ड्रिंग में फंसाने की धमकी देकर 3.48 लाख रुपये की ठगी करने वाले चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। ये ठग खुद को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का अधिकारी बताकर लोगों से ठगी कर रहे थे।
कैसे हुई ठगी?
एक महिला को फोन कर खुद को RBI अधिकारी बताया।
मनी लॉन्ड्रिंग में फंसाने की धमकी दी।
डर के कारण महिला ने 15 से 31 जनवरी के बीच क्यूआर कोड स्कैन कर 3.48 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए।
पुलिस ने आरोपियों को किया गिरफ्तार
जैसे ही महिला को ठगी का एहसास हुआ, उसने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। बलौदाबाजार के एडिशनल एसपी हेम सिंह सिदार ने बताया कि जांच के दौरान पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी कैसे करते थे ठगी?
✅ खुद को सरकारी अधिकारी बताकर लोगों को डराते थे।
✅ क्रेडिट कार्ड बकाया, CBI जांच, कोर्ट वारंट जैसी धमकियां देते थे।
✅ फर्जी बैंक खातों (म्यूल अकाउंट) के जरिए ठगी की रकम निकालते थे।
गिरफ्तारी कहां से हुई?
पुलिस ने आरोपियों को बिहार के धनबाद और ओडिशा के नयागांव से गिरफ्तार किया।
साइबर ठगी से बचने के लिए ज़रूरी सावधानियां
आजकल साइबर अपराधी नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को ठग रहे हैं। इस मामले में ठगों ने मनी लॉन्ड्रिंग जैसी गंभीर बात का डर दिखाया। लेकिन इससे बचने के लिए हमें सतर्क रहने की जरूरत है।
कैसे बचें साइबर ठगी से?
अगर कोई खुद को सरकारी अधिकारी बताकर फोन करे, तो तुरंत जांच करें।
कोई भी संदिग्ध कॉल या मैसेज आए तो पुलिस को तुरंत सूचित करें।
किसी अनजान व्यक्ति को OTP, बैंक डिटेल्स या QR कोड स्कैन न करें।
सरकार या बैंक कभी भी फोन पर इस तरह की जानकारी नहीं मांगते।
अगर कोई मनी लॉन्ड्रिंग या कोर्ट केस की धमकी दे तो घबराने के बजाय पहले पुलिस से संपर्क करें।
क्या होते हैं म्यूल अकाउंट और कैसे होते हैं इस्तेमाल?
इस मामले में ठगों ने म्यूल अकाउंट का इस्तेमाल कर पैसा निकाला। लेकिन आखिर यह क्या होता है?
म्यूल अकाउंट क्या है?
फर्जी नाम और दस्तावेजों से खोले गए बैंक अकाउंट को “म्यूल अकाउंट” कहते हैं।
ये अकाउंट साइबर अपराधी इस्तेमाल करते हैं ताकि असली अपराधी पकड़ा न जाए।
ये अकाउंट पैसों को एक से दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर करने के लिए इस्तेमाल होते हैं।
कैसे होते हैं इस्तेमाल?
✅ ठगी का पैसा पहले म्यूल अकाउंट में ट्रांसफर किया जाता है।
✅ फिर कई और खातों में पैसा भेजा जाता है ताकि असली ठग पकड़ में न आएं।
✅ आखिर में पैसा कैश निकालकर ठग गायब हो जाते हैं।
इसलिए अगर कोई आपको बैंक अकाउंट इस्तेमाल करने के लिए कहे, तो सावधान रहें।
साइबर अपराध बढ़ रहे हैं – क्या कहती है सरकार?
आजकल साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। रिजर्व बैंक, CBI और पुलिस लगातार लोगों को जागरूक कर रहे हैं। सरकार ने भी साइबर ठगी रोकने के लिए कई हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं।
जरूरी हेल्पलाइन नंबर
साइबर ठगी हेल्पलाइन: 1930
पुलिस कंट्रोल रूम: 112
राष्ट्रीय साइबर क्राइम पोर्टल: www.cybercrime.gov.in
अगर आपके साथ कोई ऑनलाइन ठगी हो जाए, तो तुरंत 1930 पर कॉल करें या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।
निष्कर्ष:
बलौदाबाजार में एक महिला को मनी लॉन्ड्रिंग का डर दिखाकर 3.48 लाख रुपये की साइबर ठगी की गई।
पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी खुद को RBI अधिकारी बताकर लोगों को धमकाते थे।
गिरफ्तार ठगों को बिहार और ओडिशा से पकड़ा गया।
साइबर ठगी से बचने के लिए सतर्कता और जागरूकता बेहद जरूरी है।
अगर कोई भी संदिग्ध कॉल या मैसेज आए, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें और ठगों के झांसे में न आएं।