“सुकमा में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़, 16 नक्सली ढेर – भारी मात्रा में हथियार बरामद”

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सुकमा के गोगुंडा में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के गोगुंडा की पहाड़ियों में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ जारी है। सुबह से दोनों ओर से लगातार फायरिंग हो रही है और अब तक सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है। सूत्रों के अनुसार, अब तक 16 नक्सली मारे जा चुके हैं और उनके शव बरामद किए गए हैं। इस मुठभेड़ में दो जवानों को मामूली चोटें आई हैं, लेकिन उनकी स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है।

मुठभेड़ की प्रमुख बातें:

✅ गोगुंडा की पहाड़ियों में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ जारी।
✅ अब तक 16 नक्सली मारे गए, शव बरामद किए गए।
✅ दो जवानों को मामूली चोटें आईं, लेकिन वे सुरक्षित हैं।
✅ घटनास्थल से इंसास, SLR और अन्य हथियार बरामद हुए।


नक्सल संगठन को बड़ा झटका – आत्मसमर्पण करने लगे नक्सली

बीते कुछ समय से सुरक्षाबलों के लगातार सफल ऑपरेशनों के कारण नक्सली संगठनों में भारी डर और दहशत का माहौल है। इस दबाव के चलते रविवार को 22 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें से 6 नक्सलियों पर 11 लाख रुपये तक का इनाम था।

कौन-कौन से नक्सली हुए सरेंडर?

  • AOB डिवीजन के सदस्य

  • तेलंगाना स्टेट कमेटी के सदस्य

  • कई प्लाटून कमांडर और सदस्य

इन्होने CRPF के DIG देवेंद्र सिंह नेगी और ASP डॉक्टर यूलेण्डन यॉर्क के सामने आत्मसमर्पण किया। इससे पहले बीजापुर में भी 107 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं।

सरेंडर से जुड़ी प्रमुख बातें:

✅ 22 नक्सलियों ने सरेंडर किया।
✅ 6 नक्सलियों पर 11 लाख रुपये तक का इनाम था।
✅ बीजापुर में अब तक 107 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं।
✅ सुरक्षाबलों की लगातार कार्रवाई से नक्सल संगठन कमजोर हो रहा है।


20 मार्च को हुए थे 30 नक्सली ढेर

यह पहली बार नहीं है जब सुरक्षाबलों ने नक्सलियों को भारी नुकसान पहुंचाया है। 20 मार्च को बस्तर संभाग में सुरक्षाबलों ने 30 नक्सलियों को मार गिराया था।

बीजापुर जिले में सबसे बड़ी मुठभेड़ हुई, जहां 26 नक्सली मारे गए।
कांकेर जिले में भी 4 नक्सली मारे गए।
इस मुठभेड़ में एक जवान शहीद हुआ था।

इस सफलता से सुरक्षाबलों का मनोबल बढ़ा है और सरकार का “नक्सल-मुक्त बस्तर” का संकल्प और मजबूत हुआ है।

20 मार्च की मुठभेड़ के मुख्य बिंदु:

✅ बस्तर संभाग में 30 नक्सली मारे गए।
✅ बीजापुर में 26 और कांकेर में 4 नक्सली ढेर।
✅ मुठभेड़ में एक जवान शहीद हुआ।


बड़ी मात्रा में हथियार बरामद – नक्सलियों की ताकत कमजोर

सुरक्षाबलों ने न केवल नक्सलियों को मार गिराया, बल्कि भारी मात्रा में उनके हथियार भी बरामद किए। इससे उनकी ताकत कमजोर हुई है और वे कमजोर होते जा रहे हैं।

✅ AK-47 राइफल, SLR, इंसास राइफल बरामद।
✅ 303, 315 बोर की बंदूकें, 12 बोर बंदूकें और भरमार हथियार जब्त।
✅ मुठभेड़ स्थल से बड़ी मात्रा में गोलाबारूद भी बरामद।

नक्सलियों के बड़े नेताओं के मारे जाने और हथियार खोने से अब वे कमजोर पड़ते जा रहे हैं।


नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षाबलों की रणनीति

छत्तीसगढ़ में सरकार और सुरक्षाबल “नक्सल-मुक्त बस्तर” के मिशन पर लगातार काम कर रहे हैं। इसी के तहत सुरक्षाबलों ने अब तक कई बड़े ऑपरेशन सफलतापूर्वक अंजाम दिए हैं।

सुरक्षाबलों की रणनीति:

नक्सल प्रभावित इलाकों में लगातार सर्च ऑपरेशन।
नक्सलियों के गढ़ों को ध्वस्त करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्रवाई।
स्थानीय लोगों को विश्वास में लेकर नक्सलियों के खिलाफ खुफिया जानकारी जुटाना।
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को पुनर्वास योजना के तहत लाभ देना।

सरकार और सुरक्षाबलों की इस नीति के कारण अब कई नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं और कई मारे जा रहे हैं। इससे बस्तर और अन्य प्रभावित इलाकों में धीरे-धीरे शांति स्थापित हो रही है।


निष्कर्ष:

छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों ने एक और बड़ी सफलता हासिल करते हुए सुकमा में 16 नक्सलियों को मार गिराया है। इससे पहले 20 मार्च को 30 नक्सली मारे गए थे और 107 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं।

क्या यह संकेत है कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद का अंत निकट है?

✅ लगातार मुठभेड़ों में नक्सली मारे जा रहे हैं।
✅ नक्सली संगठन के शीर्ष नेता या तो मारे जा रहे हैं या सरेंडर कर रहे हैं।
✅ सरकार की आत्मसमर्पण नीति सफल हो रही है।
✅ स्थानीय लोग भी अब नक्सलियों का समर्थन छोड़ रहे हैं।

अगर यही सिलसिला जारी रहा, तो आने वाले समय में छत्तीसगढ़ “नक्सल-मुक्त राज्य” बनने की दिशा में आगे बढ़ सकता है। सुरक्षाबलों की यह रणनीति एक नई उम्मीद लेकर आई है कि अब छत्तीसगढ़ में शांति और विकास का नया दौर शुरू होगा।

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