विधायक के बयान पर फिर बवाल, बीजेपी ने माफी की मांग की
छत्तीसगढ़ के बिलाईगढ़ क्षेत्र की कांग्रेस विधायक कविता प्राण लहरे एक बार फिर विवादों में घिर गई हैं। एक साल पहले उन्होंने पंजाब के जालंधर में आयोजित एक धार्मिक सभा में भाग लिया था। वहां का एक वीडियो अब दोबारा वायरल हो रहा है, जिसमें वे पादरी बजिंदर सिंह को “पप्पा जी” कहकर उनका आशीर्वाद लेती नजर आ रही हैं।
अब जब पादरी बजिंदर सिंह को एक महिला के साथ यौन उत्पीड़न के मामले में दोषी करार दिया गया, तो यह वीडियो फिर से चर्चा में आ गया है। इस वीडियो को आधार बनाकर भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधा और मांग की कि विधायक को जनता से माफी मांगनी चाहिए।
क्या है पूरा मामला?
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धार्मिक सभा में विधायक का बयान:
पिछले साल जालंधर में आयोजित एक धार्मिक सभा में विधायक कविता प्राण लहरे ने भाग लिया था। सभा में पादरी बजिंदर सिंह भी मौजूद थे। -
वायरल हुआ वीडियो:
इस सभा के दौरान एक वीडियो बनाया गया, जिसमें विधायक पादरी से आशीर्वाद लेते हुए कह रही हैं—
“मैं जो कुछ भी हूं, पप्पा जी के आशीर्वाद से हूं।” -
भाजपा का विरोध:
जब यह वीडियो पहली बार सामने आया, तो भाजपा ने कांग्रेस पर धर्मांतरण को बढ़ावा देने का आरोप लगाया और विधायक की आलोचना की। -
पादरी के खिलाफ रेप केस:
अब, जब पादरी बजिंदर सिंह पर रेप का आरोप साबित हो चुका है, तो भाजपा ने फिर से यह वीडियो उठाया और विधायक से माफी की मांग की।
बीजेपी ने कांग्रेस को घेरा, माफी की मांग
भाजपा के मीडिया विभाग ने इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। उनका कहना है कि—
✅ जिस पादरी को विधायक “पप्पा जी” कह रही थीं, वह अब रेप केस में दोषी साबित हो चुका है।
✅ ऐसे में विधायक को अपनी गलती स्वीकार करनी चाहिए और जनता से माफी मांगनी चाहिए।
✅ कांग्रेस पर पहले भी धर्मांतरण को बढ़ावा देने के आरोप लगते रहे हैं और यह मामला उसी दिशा में इशारा करता है।
भाजपा के नेताओं ने इस वीडियो को सोशल मीडिया पर फिर से वायरल किया और कांग्रेस पार्टी की नीयत पर सवाल उठाए।
विधायक कविता प्राण लहरे ने दी सफाई
जब विवाद बढ़ने लगा, तो विधायक कविता प्राण लहरे ने अपनी सफाई पेश की। उन्होंने कहा—
“मैं एक जनप्रतिनिधि हूं और सभी धर्मों का सम्मान करती हूं।”
“गुरु घासीदास बाबा के बताए मार्ग पर चलती हूं और हर धर्म के आयोजनों में शामिल होती हूं।”
“धार्मिक सभा में जाना कोई अपराध नहीं है, भाजपा बेवजह इसे मुद्दा बना रही है।”
उन्होंने कहा कि भाजपा राजनीति के लिए अनावश्यक विवाद खड़ा कर रही है।
क्या यह मुद्दा राजनीतिक रंग ले चुका है?
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यह विवाद राजनीति और धर्म से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसे लेकर दोनों पक्षों के अपने-अपने तर्क हैं।
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भाजपा इसे धर्मांतरण और कांग्रेस की नीतियों से जोड़ रही है, जबकि विधायक इसे धार्मिक स्वतंत्रता और राजनीति से प्रेरित हमला बता रही हैं।
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इस विवाद का असर आने वाले चुनावों पर भी पड़ सकता है, क्योंकि भाजपा इसे कांग्रेस के खिलाफ एक बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही है।
जनता का क्या कहना है?
इस मामले में जनता की राय भी बंटी हुई नजर आ रही है।
कुछ लोग मानते हैं कि विधायक को माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि उन्होंने जिस व्यक्ति का समर्थन किया था, वह अब अपराधी साबित हो चुका है।
कुछ लोग इसे भाजपा की राजनीति मान रहे हैं और विधायक का समर्थन कर रहे हैं।
निष्कर्ष : विवाद के पीछे की असली सच्चाई क्या है?
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विधायक धार्मिक स्वतंत्रता की बात कर रही हैं, लेकिन भाजपा इसे धर्मांतरण और अपराध से जोड़ रही है।
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वीडियो वायरल होने के बाद राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है और भाजपा इस मुद्दे को जनता के बीच जोर-शोर से उठा रही है।
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अब देखना यह होगा कि क्या विधायक सार्वजनिक रूप से माफी मांगेंगी या कांग्रेस इस विवाद से बचने के लिए कोई नया कदम उठाएगी।
इस पूरे विवाद से क्या सीख मिलती है?
✅ नेताओं को सार्वजनिक रूप से बयान देने से पहले सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि उनके शब्दों को भविष्य में उनके खिलाफ इस्तेमाल किया जा सकता है।
✅ धार्मिक आयोजनों में भाग लेना व्यक्तिगत पसंद हो सकता है, लेकिन राजनीतिक स्तर पर इसके बड़े निहितार्थ हो सकते हैं।
✅ सोशल मीडिया के इस दौर में कोई भी बयान या वीडियो सालों बाद भी विवाद का कारण बन सकता है।
अगले कदम क्या होंगे?
➡ भाजपा इस मामले को और उछाल सकती है और कांग्रेस को घेरने की कोशिश करेगी।
➡ विधायक कविता प्राण लहरे या कांग्रेस पार्टी इस पर औपचारिक बयान जारी कर सकती है।
➡ आने वाले दिनों में यह मुद्दा चुनावी बहस का हिस्सा बन सकता है।
अब देखना यह होगा कि यह विवाद आगे क्या मोड़ लेता है और इसका राजनीतिक असर कितना गहरा होता है।