खाताधारकों की गिरफ्तारी से खुलासा, लाखों में बिक रहे म्यूल-खाते:रायपुर के बैंकों में खुले 2000 म्यूल अकाउंट इनमें 200 खाताधारकों पर 12 राज्यों में केस

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छत्तीसगढ़ में म्यूल अकाउंट यानी बैंक खाता किराए पर देने और बेचने वालों पर पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है। अकेले रायपुर में ही 2000 म्यूल अकाउंट को चिह्नित किया गया है। इसमें से 400 खाताधारकों पर रायपुर में ठगी का केस दर्ज है। ये जानकारी तब सामने आई, जब रायपुर पुलिस ने 100 ऐसे खाताधारकों गिरफ्तार किया, जिन्होंने एक से डेढ़ लाख में खाता बेचा या फर्जी तरीके से खाता खोला है। इसमें सिम उपलब्ध कराने वाले भी शामिल हैं। पुलिस ने उनके खातों की जानकारी निकाली। पड़ताल में पता चला है कि रायपुर के 200 म्यूल अकाउंट के मालिकों पर 12 राज्यों में 1500 एफआईआर दर्ज हैं। अलग-अलग राज्यों की पुलिस उन्हें ढूंढ़ रही है। इन खातों के मालिकों को इसकी जानकारी ही नहीं है।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अकेले रायपुर में ही 2000 म्यूल खातों की पहचान की गई है। जबकि राज्य में यह आकड़ा 10 हजार से ज्यादा है। इनमें हुए ट्रांजैक्शन की जांच की जा रही है। पुलिस ने दूसरे राज्यों की पुलिस से कार्रवाई की जानकारी शेयर की है।

म्यूल अकाउंट क्या है ठगी में अपराधी अपने बैंक अकाउंट का इस्तेमाल नहीं करते। वह किसी दूसरे का बैंक खाता इस्तेमाल करते हैं। ऐसे खाते “म्यूल अकाउंट’ कहलाते हैं। इन्हें खाताधारक से किराए पर खरीदा जाता है।

इसके बाद राजस्थानी, दिल्ली और महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों की पुलिस ने छत्तीसगढ़ पुलिस से संपर्क किया है। एक टीम पहुंच भी गई है। वह अपने यहां दर्ज मामलों के आरोपी को अपनी गिरफ्त में ले सकती है।

सब्जी ठेले वाले का करोड़ों का ट्रांजैक्श मंदिर हसौद के मनोज धीवर रोड के किनारे सब्जी ठेला लगाता है। उसने अपने नाम से एक कंपनी रजिस्ट्रेशन कराई। इसमें अपने रिश्तेदारों को पार्टनर बनाया। बैंक में कार्पोरेट अकाउंट खुलावाया। उसके खाते में एक साल में 5 करोड़ से ज्यादा का ट्रांजैक्शन हुआ है।

विदेश में भी उपयोग आ रहे म्यूल अकाउंट पुलिस की पड़ताल में यह भी खुलासा हुआ है कि कार्रवाई से बचने के लिए गिरोह म्यूल अकाउंट को अब विदेश में बेच रहे है। दुबई, थाइलैंड, वियतनाम, कंबोडिया, म्यांमार और लाओस में म्यूल अकाउंट 10-10 लाख रुपए में बेचे जा रहे हैं। खाते के साथ एटीएम, क्रेडिट कार्ड और सिम बेची जा रही हैं। जहां इंटरनेशनल रोमिंग में सिम का उपयोग कर ठगी कर रहे हैं।

70% म्यूल का उपयोग सट्टेबाजी में, 30% फायनेंस फ्रॉड में, 20 करोड़ का लेनदेन

पुलिस का दावा है कि म्यूल अकाउंट में 20 करोड़ से ज्यादा का लेनदेन किया गया है। पुलिस ने रायपुर के मामले में इन खातों में 4 करोड़ रुपए होल्ड कराए हैं। कोर्ट के आदेश के बाद पीड़ितों को यह पैसा मिल जाएगा। ठगी के पुराने मामलों में भी अब म्यूल अकाउंट की जांच शुरू कर दी गई है। म्यूल अकाउंट का ज्यादातर उपयोग सट्टेबाजी गिरोह कर रहे है।

70 फीसदी म्यूल अकाउंट का उपयोग सट्टे में होता है। जबकि 30 फीसदी अकाउंट का उपयोग फायनेंस फ्रॉड में हो रहा है। महादेव सट्टा में जितने भी खातों में लेन-देन किया जा रहा है। वह म्यूल अकाउंट है। लोग पैसों के लालच में अपना खाता किराए पर दे रहे हैं।​​​​​​​

सटोरियों को खाता बेचने वाले तीन गिरफ्तार, 10 खाते में 5 करोड़ मिले

साइबर अपराधियों को अकाउंट बेचने तीन आरोपियों को पुलिस ने रायपुर के राजेंद्र नगर में छापा मारकर शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के 10 बैंक खाते थे, जिसमें 6 माह में 5 करोड़ रुपए का ट्रांजैक्शन हुआ। आरोपी दिल्ली और मुंबई के गिरोह को एक-एक लाख रुपए में खाता बेच रहे थे। पुलिस के मुताबिक आरोपियों का नाम राजेंद्र नगर निवासी निखिल आहूजा, संजय पसवानी और महावीर नगर का भूपेंद्र सिंह धुना उर्फ कैप्टन हैं। तीनों दोस्त हैं और गरीब लोगों को ढूंढते और उन्हें पैसों का लालच देकर बैंक में खाता खुलवाते थे। फिर उन खातों को अपराधियों को बेच देते थे।

निखिल और संजय महादेव सट्‌टा के प्रमोटर को भी खाता उपलब्ध कराते थे। दो साल पहले राजेंद्र नगर पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया था।

सरगना तक पहुंच नहीं पा रही पुलिस

250 रुपए की दिहाड़ी मजदूरी करने वाले को अगर खाता खोलने के लिए 1 लाख रुपए दिया जा रहा है, तो वह जेल तक जाने को तैयार हो रहा है। उन्हें यह भी जानकारी नहीं होती है कि उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी। भारत में ऐसा ही हो रहा है। चंद पैसों के लिए खाता खोलकर बेच रहे हैं, सिम खरीदकर दे रहे हैं।

पुलिस जब कार्रवाई करती हैं तो इन्हीं म्यूल अकाउंट मालिक तक पहुंच पाती है। जबकि ठगी करने वाले असली सरगना तक पुलिस पहुंच नहीं पा रही है, क्योंकि सिम से लेकर खाता उनके नाम पर नहीं है। जिन लोगों ने खाते-सिम बेचे हैं। वे भी मास्टर माइंड या गिरोह के सरगना को जानते ही नहीं है। पुलिस को इसमें तह तक जाकर कार्रवाई करना चाहिए।

म्यूल अकाउंट पर लगातार पुलिस कार्रवाई कर रही है। इसमें 6 लेयर तक जांच हो रही है। म्यूल अकाउंट में लेन-देन करने वालों को भी पकड़ा जा रहा है। पुलिस गिरोह के सरगना तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। -अमरेश मिश्रा, रेंज आईजी रायपुर​​​​​​​

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