रायगढ़। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ क्षेत्र में ईएनटी विभाग के विशेषज्ञ डॉक्टर द्वारा कैंसर पीड़ित सुमित्रा महंत का सफल इलाज कर उनकी मुस्कान वापस लौटाई गई। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय राज्य के विकास के लिए संकल्पित हैं। तरक्की और सुशासन का ये सफर स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार के रूप में भी नजर आ रहा है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल के साथ मिलकर स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार और नई सुविधाओं के विकास पर विशेष जोर दिया है। इसी दिशा में स्व. श्री लखीराम अगव्राल स्मृति शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय संबद्ध संत बाबा गुरु घासीदास जी स्मृति शासकीय चिकित्सालय रायगढ़ लगातार अपनी सुविधाओं को बढ़ाने के लिए प्रयासरत है और मरीज के बेहतर इलाज के लिए प्रतिबद्ध है। इस कड़ी में कान नाक गला विभाग द्वारा बिलाईगढ़, सिदवा जिला चांपा निवासी सुमित्रा महंत उम्र 44 वर्ष का सफल ऑपरेशन अधिष्ठाता डॉ. विनीत जैन एवं अस्पताल अधीक्षक डॉ. मनोज कुमार मिंज के मार्गदर्शन में सफलता पूर्वक किया गया।
मरीज को बाहर जाने में महसूस होती थी हीनता
मरीज सुमित्रा महंत विगत 6 माह से होठो में बढ़ती गठान से परेशान थी उसका चेहरा विकृत हो रहा था। वह कहीं आने जाने में हीनता महसूस करती थी। धीरे – धीरे उसे बात करने और खाने में भी असुविधा होने लगी उसने आस पास के सभी प्रकार के डॉक्टरों को दिखाया इलाज कराया पर कहीं राहत नहीं मिली बल्कि उसका दुख बढ़ता ही रहा। तभी स्वास्थ्य केंद्र में उसे बताया गया कि आपका इलाज मेडिकल कॉलेज रायगढ़ के कान नाक गला विभाग में हो सकता है।
वह संशय के साथ रायगढ़ मेडिकल कॉलेज पहुंची, विशेषज्ञ चिकित्सक, डॉ. जय, डॉ. दिनेश, डॉ. नीलम ने उनकी जाँच की और उन्हे कैंसर होना बताया गया। जिसे जानकर वह इलाज को लेकर आशंकित और भयभीत हो गयी लेकिन विशेषज्ञ ने उन्हे बताया इसका इलाज यहां संभव है।वह भी सरकारी हॉस्पिटल में उनकी शंका और झिझक को दूर किया गया। उन्होंने अपने ऑपरेशन की सहमति दी, ईएनटी विभाग के विशेषज्ञ डॉक्टर द्वारा सुमित्रा महंत का सफल इलाज कर उनकी मुस्कान वापस लौटाई गई। अंततः रोगी पूर्णतः स्वस्थ हैं और उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया है।
इलाज में मरीज के विकृत हिस्से को निकाला जाता है
डॉ. दिनेश पटेल , विशेषज्ञ सर्जन और सहप्राध्यापक ईएनटी ने बताया कि मरीज़ को होठ का कैंसर था। यह सिर के कैंसर का एक प्रकार है जिसमे होंठ विकृत हो जाते है और मरीज को मुस्कुराने ,बात करने ,खाने में ,कठिनाई होती है इसमें विकृत हिस्सा निकाल दिया जाता है और आसपास के ऊतको से चेहरा दुबारा बनाया जाता है। यह चेहरा का प्लास्टिक सर्जरी है। यह इलाज पहले बड़े जगह पर ही संभव था। इस ऑपरेशन में लगभग 2-3 लाख का खर्च होता है। जो यहां आयुष्मान योजना के तहत हुआ है, मरीज का किसी भी तरह का पैसा नहीं लगा हैं।
इन डॉक्टरों की रही अहम भूमिका
कान नाक गला रोग विभाग की सर्जन टीम में विभागाध्यक्ष डॉ. जया साहू, डॉ. दिनेश पटेल सहप्राध्यापक, डॉ. नीलम नायक सहायक प्राध्यापक, डॉ. आयुषी सिंह, डॉ. अनिता कुमारी, डॉ. स्वाति पवार, डॉ. रमेश पटेल, डॉ. भावेश साहू, डॉ. ख़ुशबू पटेल, डॉ. तरुण शर्मा, डॉ. निहारिका अम्बस्ट एवं निश्चेतना विभाग टीम के विभागाध्यक्ष डॉ. ए.एम. लकड़ा के विशेष सहयोग द्वारा जटिल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक किया गया ।