छत्तीसगढ़ के किसानों को राज्य बनने के 23 साल बाद इस साल सबसे ज्यादा पैसा मिलने जा रहा है। भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल तथा 31 सौ रुपे प्रति क्विंटल धान खरीदने का वादा किया है। प्रदेश में इस साल धान बेचने के लिए 26 लाख 86 हजार किसान पंजीकृत हैं और इनसे 130 लाख टन धान खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यदि सरकार इतना धान खरीदती है तो किसानों की जेब में इस खरीफ सीजन में लगभग 35 हजार करोड़ रुपए जाएंगे।
दरअसल धान और किसान 23 साल बाद भी छत्तीसगढ़ की राजनीति का सबसे बड़ा केन्द्र बना हुआ है। छत्तीसगढ़ में धान ही एकमात्र ऐसा कारण है जिसके दम पर भाजपा ने लगातार तीन बार सत्ता हासिल की और चौथी बार भी उसे सत्त्ता से बेदखली भी धान के कारण होना पड़ा। अब पांचवे चुनाव में भाजपा की वापसी का बड़ा कारण किसानों को ही माना जा रहा है।
2018 में 25 सौ बना था कांग्रेस का ट्रंप कार्ड
2018 में कांग्रेस ने 2500 रुपए प्रति क्विंटल में धान खरीदी और किसानों की कर्जमाफी के दम पर सत्ता हासिल की थी और लगातार पांच साल से प्रदेश के किसानों को उनकी फसल का भरपूर दाम मिल रहा था लेकिन भाजपा ने उसे ही आधार बनाकर कांग्रेस से सत्ता हथिया ली। कांग्रेस ने इसी धान के कारण साल 2018 में अप्रत्याशित जीत दर्ज कर सरकार बनाई और 90 में से 68 सीटें जीतने में कामयाब रही।
महतारी वंदन से लगभग 50 लाख होंगे लाभान्वित
प्रदेश में लगभग एक करोड़ 2 लाख महिला वोटर हैं। भाजपा की घोषणा पत्र के मुताबकि राज्य की ऐसी सभी विवाहित महिलाओं को महतारी वंदन योजना का लाभ दिया जाएगा जो कामकाजी नहीं बल्कि गृहिणी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदेश में लगभग 50 लाख महिलाएं गृहिणी हैं। इन सभी को यदि सरकार हर महीने एक हजार रुपए देगी तो यह राशि लगभग पांच सौ करोड़ रुपए होगी।
दो साल का बोनस भी देंगे किसानों को
भाजपा ने किसानों को 2016-17 और 2017-18 का बकाया बोनस देने की भी घोषणा की है। भाजपा शासनकाल में किसानों से 2016-17 में 58 लाख और 2017-18 में 62 लाख टन धान की खरीदी की गई थी। भाजपा ने 300 रुपए प्रति क्विंटल धान का बोनस देने की घोषणा की थी इस लिहाज से किसानों को दो साल का 24 सौ करोड़ रुपए बकाया बोनस भी दिया जाएगा।
इस साल 130 लाख टन धान खरीदी का लक्ष्य
छत्तीसगढ़ में इस साल 26.86 पंजीकृत किसानों से 130 लाख टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है। भाजपा ने किसानों से 21 क्विंटल प्रति एकड़ तथा एकमुश्त 31 सौ रुपए देने का वादा किया है। पिछले साल 107 लाख टन धान खरीदा गया था।