नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया-राहुल के खिलाफ ED की चार्जशीट के विरोध में कांग्रेस का देशव्यापी प्रदर्शन”

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क्या है पूरा मामला?
कांग्रेस पार्टी की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नेशनल हेराल्ड केस में चार्जशीट दायर की है। इसी चार्जशीट के विरोध में आज यानी 16 अप्रैल को कांग्रेस पार्टी पूरे देश में प्रदर्शन कर रही है। इस विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य केंद्र सरकार और उसकी जांच एजेंसियों के खिलाफ आवाज उठाना है, जिन्हें कांग्रेस ‘राजनीतिक हथियार’ बता रही है।

छत्तीसगढ़ में भी होगा विरोध प्रदर्शन
राजधानी रायपुर समेत प्रदेश के अन्य जिलों में भी कांग्रेस कार्यकर्ता सड़कों पर उतरेंगे। रायपुर में कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता दोपहर 12 बजे ED ऑफिस के सामने एकत्रित होंगे और केंद्र सरकार की कार्यशैली और ED की कार्रवाई का विरोध करेंगे।

पूरी तैयारी कांग्रेस संगठन की
इस विरोध को सफल बनाने के लिए कांग्रेस संगठन ने पहले से ही विस्तृत तैयारियां की हैं।

  • प्रदेश कांग्रेस कार्यालय से सभी ज़िला, नगर और ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों को निर्देश भेजे गए हैं।

  • इन निर्देशों में कहा गया है कि सभी कार्यकर्ता अपने-अपने ज़िला मुख्यालय या ED दफ्तरों के बाहर इकट्ठा होकर प्रदर्शन में हिस्सा लें।

  • यह प्रदर्शन सिर्फ रायपुर में नहीं बल्कि प्रदेश के हर जिले में आयोजित किया जाएगा।

प्रदर्शन में कौन-कौन रहेगा शामिल?

  • कांग्रेस के वरिष्ठ नेता

  • वर्तमान विधायक और पूर्व विधायक

  • सांसद

  • महिला कांग्रेस की सदस्याएं

  • कांग्रेस के विभिन्न मोर्चा, प्रकोष्ठ और प्रचार विभाग से जुड़े कार्यकर्ता

  • संगठन से जुड़े हजारों कार्यकर्ता

कांग्रेस ने क्या कहा?
कांग्रेस पार्टी का कहना है कि यह प्रदर्शन किसी व्यक्ति विशेष के लिए नहीं, बल्कि देश में लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए किया जा रहा है। पार्टी का दावा है कि ED और दूसरी जांच एजेंसियों का उपयोग केंद्र सरकार राजनीतिक विरोधियों को दबाने के लिए कर रही है।


टीएस सिंहदेव का बड़ा बयान: “कांग्रेस दबने वाली नहीं”

छत्तीसगढ़ के पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने इस मुद्दे पर खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा:

“राहुल गांधी जिस तरह से देशभर में सक्रिय हो रहे हैं, और AICC (अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी) के अधिवेशन में जो फैसले लिए गए हैं, उससे यह साफ था कि केंद्र सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया जरूर आएगी। लेकिन यह उम्मीद नहीं थी कि ED जैसी संस्था इस स्तर तक गिर जाएगी।”

उन्होंने कहा कि CBI और ED जैसी जांच एजेंसियों ने अपनी सीमाएं पार कर दी हैं, और अब वे केवल एक राजनीतिक एजेंडा चला रही हैं।

टीएस सिंहदेव का कहना था:

“सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नाम चार्जशीट में डालकर कांग्रेस को दबाने की कोशिश की जा रही है। लेकिन कांग्रेस पहले भी नहीं झुकी थी, अब भी नहीं झुकेगी। पूरा देश कांग्रेस के साथ खड़ा है।”


क्या है नेशनल हेराल्ड केस?

नेशनल हेराल्ड एक पुराना अखबार है, जिसे आजादी के आंदोलन के दौरान शुरू किया गया था। यह अखबार एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) के अंतर्गत आता है।

विवाद तब शुरू हुआ जब यह आरोप लगे कि AJL की संपत्तियों को कांग्रेस पार्टी से जुड़ी एक अन्य संस्था ‘यंग इंडियन’ के ज़रिए ट्रांसफर किया गया, और इस प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर मनी लॉन्ड्रिंग (धन शोधन) हुआ।

भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने इस मामले में 2012 में एक शिकायत दर्ज की थी, जिसके आधार पर यह केस खड़ा हुआ।


ED की कार्रवाई और चार्जशीट

  • 16 अप्रैल को ED ने इस मामले में पहली चार्जशीट दायर की है।

  • इसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे के नाम शामिल हैं।

  • यह चार्जशीट नेशनल हेराल्ड और AJL से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों से जुड़ी है।

  • इस केस की अगली सुनवाई 25 अप्रैल को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में होगी।

  • कोर्ट ने ED से केस की डायरी और अन्य दस्तावेज भी मांगे हैं।


हाल ही की ED की कुछ प्रमुख कार्रवाई

  • 12 अप्रैल को ED ने दिल्ली, लखनऊ और मुंबई में एक साथ छापेमारी की।

  • इस दौरान लगभग 661 करोड़ रुपये की संपत्तियों को जब्त किया गया।

  • इसके अलावा, रॉबर्ट वाड्रा से भी गुरुग्राम लैंड डील से जुड़ी पूछताछ की गई।


कांग्रेस की रणनीति क्या है?

कांग्रेस इस मुद्दे को जनता के बीच ले जाकर केंद्र सरकार के खिलाफ एक माहौल बनाना चाहती है।

  • पार्टी का दावा है कि मोदी सरकार संविधान और लोकतंत्र को कमजोर करने में लगी है।

  • कांग्रेस इसे राजनीतिक प्रतिशोध की नीति बता रही है।

  • पार्टी जनता को यह दिखाना चाहती है कि भाजपा सरकार विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।


विरोध प्रदर्शन का संदेश

कांग्रेस का यह प्रदर्शन केवल एक राजनीतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक साफ संदेश है कि

  • वो किसी भी दबाव में नहीं आने वाली।

  • राहुल और सोनिया गांधी के खिलाफ की गई कार्रवाई को राजनीतिक साजिश बताया जा रहा है।

  • पार्टी कार्यकर्ता इसे संविधान और लोकतंत्र की लड़ाई के रूप में देख रहे हैं।


निष्कर्ष (Conclusion)

कांग्रेस के लिए नेशनल हेराल्ड मामला केवल एक कानूनी लड़ाई नहीं, बल्कि एक राजनीतिक और नैतिक युद्ध बन गया है। इस केस के जरिए पार्टी जनता के बीच अपनी ताकत और एकता को दिखाना चाहती है। वहीं, केंद्र सरकार और उसकी एजेंसियों पर लगातार सवाल उठ रहे हैं कि क्या ये कार्रवाई निष्पक्ष है या सिर्फ विपक्ष को निशाना बनाने की रणनीति?

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