कुश अग्रवाल – बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ में ग्राम पंचायत सचिवों की अनिश्चितकालीन हड़ताल चल रही है। अनिश्चितकालीन हड़ताल का आज 31वें दिन पूरा हो गया। शासकीयकरण की मांग को लेकर पंचायत सचिव 18 मार्च से हड़ताल पर बैठे हुए हैं।
प्रदेश पंचायत सचिव संघ के जिला अध्यक्ष ने बताया कि, विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान भारतीय जनता पार्टी ने ‘मोदी गारंटी’ के तहत पंचायत सचिवों को शासकीयकरण का आश्वासन दिया गया था। रायपुर में 7 जुलाई 2024 को आयोजित राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और अन्यं मंत्रियों की उपस्थिति में इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया गया था। मुख्यमंत्री ने 2-3 माह के भीतर समिति गठित कर निर्णय लेने की बात कही थी, परंतु अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई है।
शासन ने नहीं लिया निर्णय, तो होगा उग्र आंदोलन
संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि, आने वाले वर्ष 2026 तक प्रदेश में 3000 से अधिक पंचायत सचिव सेवानिवृत्त हो रहे हैं। ऐसे में भविष्य को लेकर गहरी चिंता है। बच्चों के बेहतर भविष्य और सामाजिक सुरक्षा के लिए यह आंदोलन अब आर-पार की लड़ाई का रूप ले चुका है। संघ ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया, तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा।