रायपुर। लोकसभा एवं राज्यसभा सांसदों की तरह विधायकों को जारी होने वाली विधायक निधी के उपयोग की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और प्रभारी बनाने के लिए छत्तीसगढ़ शासन ने एमएलए लैड्स ऑनलाइन पोर्टल लांच किया है। पोर्टल के लांच होने के साथ हरिभूमि की खबर पर भी मुहर लगी है। करीब माहभर पहले हरिभूमि ने इस संबंध में प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी और बताया था कि राज्य में एमएलए लैड्स पोर्टल तैयार किया जा रहा है, जिसे जल्द ही प्रोजेक्ट पायलेट के रूप में लांच किया जाएगा। इस पोर्टल को सबसे पहले रायपुर जिले में लागू किया गया है। इस पोर्टल के लांच होने के बाद शासन द्वारा विधायकों को विधायक निधि के तहत जारी की जाने वाली राशि के एक-एक पाई का हिसाब पोर्टल में दर्ज होगा।
पोर्टल से संबंधित दिया गया प्रशिक्षण
ऑनलाइन एमएलए लैड्स पोर्टल की प्रक्रिया की जानकारी देने के लिए गुरुवार को कलेक्टोरेट स्थित रेडक्रास भवन में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने डेमो के माध्यम से सभी को ऑनलाइन पोर्टल की कार्य प्रणाली, आवेदन प्रक्रिया, स्वीकृति एवं निगरानी तंत्र की जानकारी दी।
डिजिटल इंडिया अभियान के तहत महत्वपूर्ण कदम
योजना एवं सांख्यिकी विभाग के अपर संचालक नारायण बुलीवाल ने बताया कि, एमएलए लैड्स पोर्टल डिजिटल इंडिया अभियान के तहत महत्वपूर्ण कदम है। इस पोर्टल से विधायक निधि का उपयोग अधिक प्रभावी तरीके से होगा।
एमपीलैड्स की तर्ज पर बनाया गया एमएलएलैड्स पोर्टल
एमपीलैड्स ऑनलाइन पोर्टल की तर्ज पर एमएलए लैड्स पोर्टल बनाया गया है। अभी तक एमपीलैड्स पोर्टल में सांसदों के लिए जारी गाइड लाइन, सांसद निधी, व्यय का ब्योरा, अनुशंसित, स्वीकृत एवं पूरे हुए कार्यों का संक्षिप्त ब्योरा सहित अन्य कई तरह की जानकारियां पोर्टल में उपलब्ध हैं। एमपीलैड्स की तरह ही विधायकों के लिए एमएलए लैड्स ऑनलाईन पोर्टल बना है। इस पोर्टल में भी विधायक निधी की गाइड लाइन, विधायक निधी, व्यय का ब्योरा, स्वीकृत व पूरे हुए कार्यों का ब्योरा सहित अन्य तमाम जानकारी उपलब्ध रहेगी। यह पोर्टल पब्लिक डोमेने में में है, जिससे प्रदेश के आम लोग भी पोर्टल के माध्यम से जानकारी ले सकेंगे कि उनके राज्य एवं विधानसभा क्षेत्र में विधायक निधी से कौन-कौन से कार्यों के लिए अनुशंसा किए जाने का प्रावधान के साथ स्वीकृति दी गई है। पोर्टल में विधायकों को कब और कितना फंड जारी हुआ तथा फंड से कौन-कौन से विकास कार्यों को स्वीकृति दी गई है तथा कितने पूर्ण और अपूर्ण हैं, इसकी भी जानकारी रहेगी।
खर्च का दिया जाएगा ब्योरा
पोर्टल के शुरू से हो विधायक निधि की राशि से जिस कार्य में भी जितनी भी राशि खर्च की जाएगी, उसकी पाई-पाई का हिसाब होगा। सूत्र के अनुसार विधायक निधि की अनुशंसा के बाद स्वीकृत होने वाले कार्य के निर्माण के लिए एजेंसी को चार हिस्सों में राशि जारी की जाएगी। इस तरह पहली 25 प्रतिशत राशि देने के बाद दूसरी किस्त 50 प्रतिशत कार्य पूर्ण, तीसरी किस्त 75 प्रतिशत और अंतिम किस्त की राशि कार्य पूर्ण होने के बाद जारी की जाएगी। इससे निर्माण एजेंसी पर भी समय-सीमा में कार्य पूर्ण करने का दबाव रहेगा। कार्य की प्रगति की रिपोर्ट भी पोर्टल में अपलोड होगी। इस तरह पोर्टल के माध्यम से विधायक निधि की राशि की पाई-पाई का हिसाब भी रखा जाएगा।
पायलेट प्रोजेक्ट में जिले के सातों विधानसभा शामिल
पायलेट प्रोजेक्ट में रायपुर जिले के सातों विधानसभाओं को लिया गया है। इसमें रायपुर उत्तर, रायपुर पश्चिम, रायपुर दक्षिण, रायपुर ग्रामीण, धरसींवा, अभनपुर एवं आरंग शामिल है।