शहर की आइसक्रीम दुकान में काम करने राजस्थान से पहुंचे दो युवक ने एडवांस रकम नहीं देने पर काम छोड़ने की बात कही तो संचालक ने उन्हें यातना दी। गोदाम में बंधक बनाकर उनकी डंडे से पिटाई की गई, फिर बिजली के करंट लगाए गए। क्रूरता यहीं नहीं रुकी, बल्कि प्लायर से उनके पैरों के नाखून खींचे गए।
राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के कानिया गांव भीलों का गढ़ है, जहां रहने वाले अभिषेक भांबी और विनोद भांबी को शंभूगढ़ के छोटू गुर्जर व चित्तौड़गढ़ निवासी मुकेश शर्मा ने आइसक्रीम दुकान में काम करने कोरबा शहर बुलाया था। यहां काम करने के कुछ दिन बाद उनमें से एक युवक ने 20 हजार रुपए एडवांस मांगा। रुपए देने से इंकार करने पर उन्होंने काम छोड़ने की बात कही, जिसे सुनकर संचालक आक्रोशित हो गया।
उसने दोनों को गोदाम में बंधक बनाकर डंडे से उनकी पिटाई करने के बाद उनमें से एक को बिजली करंट दिया। इतनी क्रूरता के बाद भी मन नहीं भरा तो प्लायर से उनके पैरों के नाखून खींचे। हालत बिगड़ने के बाद भी वे दोनों युवक किसी तरह शहर से भागकर अपने गांव पहुंचे, जहां छोटू गुर्जर व मुकेश शर्मा भी उनके पीछे पहुंचे।
उन्होंने घटना के बारे में किसी को नहीं बताने की धमकी दी। घटना की रिपोर्ट पर शुक्रवार को भीलवाड़ा जिले में शून्य पर प्रकरण कायम कर कोरबा पुलिस को सूचना दी गई। कोरबा पुलिस मामले में विवेचना कर आगे कार्रवाई करेगी।
क्रूरता की हदें पार, वीडियो बना किया वायरल आइसक्रीम दुकान संचालकों के क्रूरता का शिकार हुए दोनों युवकों ने न तो कोरबा में पुलिस को घटना की सूचना दी थी और न ही गांव लौटने के बाद वहां की पुलिस थाने में रिपोर्ट लिखाने पहुंचे थे। दरअसल, क्रूरता करते समय आइसक्रीम व्यापारियों ने उस दौरान की वीडियो मोबाइल पर बनाई थी, जो गुरुवार को सोशल मीडिया में वायरल हुआ। तब पुलिस-प्रशासन को घटना का पता चला और संज्ञान में लेकर त्वरित कार्रवाई की गई।
विधिसम्मत कार्रवाई होगी एसपी सिद्धार्थ तिवारी के मुताबिक शहर में हुए तथाकथित पिटाई की घटना की सूचना पीड़ितों ने कोरबा में पुलिस को नहीं दी है। भीलवाड़ा पुलिस ने शून्य पर अपराध कायम कर सूचित किया है। मामले में आगे विवेचना करते हुए विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी।