गर्मी की छुट्टियों और शादियों के सीजन में रेलवे से सफर करने वालों को बड़ा झटका
गर्मी की छुट्टियां शुरू हो चुकी हैं और यह वक्त होता है शादियों और घूमने-फिरने का। हर साल अप्रैल से जून तक ट्रेनों और बसों में भीड़ अपने चरम पर होती है। इस बार भी यही हाल है। लेकिन इस बीच रेलवे ने एक चौंकाने वाला फैसला लिया है। अगले दो महीनों के दौरान रेलवे ने लंबी दूरी की 253 ट्रेनों को रद्द कर दिया है, जिससे कुल 506 फेरे नहीं चलेंगे। इसका सीधा असर उन लोगों पर पड़ा है जिन्होंने कई हफ्ते या महीने पहले टिकट बुक करवा लिए थे।
✳️ मुख्य बातें (हाइलाइट्स):
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रेलवे ने भीड़भाड़ के समय 253 ट्रेनों को कैंसिल किया।
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करीब 9 लाख यात्रियों को अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ी।
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दलालों की चांदी – टिकट के बदले 1000-1000 रुपये तक अतिरिक्त वसूले जा रहे हैं।
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स्टेशन के पास चाय, फल और समोसे की दुकानों पर दलालों का नेटवर्क।
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तत्काल टिकट बुकिंग के समय वेबसाइट जाम, एजेंटों के पास हाई स्पीड ब्रॉडबैंड से टिकट फटाफट।
लाखों यात्रियों की परेशानियां बढ़ीं, महीनों पहले किया गया रिजर्वेशन अब बेकार
कई लोगों ने दो-दो महीने पहले ही गर्मी की छुट्टियों या शादी-ब्याह के कार्यक्रमों के लिए ट्रेनों में रिजर्वेशन करवा लिया था। किसी को अपने बच्चों के साथ घूमने जाना था, तो किसी को रिश्तेदार की शादी में शामिल होना था। लेकिन अब अचानक ट्रेनों के रद्द होने की वजह से यात्रियों की योजनाएं बर्बाद हो गई हैं।
❗ क्या है असर:
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कई यात्रियों को अब दूसरी ट्रेनों में जगह नहीं मिल रही।
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तत्काल टिकट लेना भी बहुत मुश्किल हो गया है।
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ऑनलाइन टिकट बुकिंग साइट पर ट्रैफिक इतना है कि साइट खुलना भी मुश्किल हो जाता है।
टिकट दलालों की चांदी – दुकानों और ठेलों तक फैला नेटवर्क
जहां आम आदमी टिकट के लिए दर-दर भटक रहा है, वहीं टिकट दलालों के लिए यह मौका कमाई का बन गया है। स्टेशन के आसपास फल, चाय और समोसे बेचने वालों की आड़ में दलालों ने अपना नेटवर्क फैला लिया है। ये लोग यात्रियों से संपर्क कर कंफर्म टिकट के नाम पर अतिरिक्त पैसे वसूल रहे हैं।
एक हफ्ते की ग्राउंड रिपोर्ट में सामने आए तथ्य:
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समोसे की दुकान पर बैठा व्यक्ति टिकट के बदले ₹1000 एक्स्ट्रा मांगता है।
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फल ठेले वाला यात्रियों को पास के ट्रैवल एजेंट के पास ले जाता है जो तत्काल टिकट के नाम पर ₹1000 से ₹3000 तक की मांग करता है।
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एसी 2 और 3 में कंफर्म सीट के लिए प्रति सीट 1-1 हजार अतिरिक्त लिए जा रहे हैं।
हाई स्पीड इंटरनेट और फर्जी आईडी से टिकट निकाल रहे एजेंट
रेलवे की वेबसाइट से तत्काल टिकट बुकिंग के समय आम आदमी को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। साइट बार-बार क्रैश हो जाती है, लेकिन एजेंटों के पास हाई स्पीड ब्रॉडबैंड इंटरनेट और कई फर्जी आईडी होते हैं। इससे वे आसानी से पहले टिकट निकाल लेते हैं।
कैसे करते हैं एजेंट काम:
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कई लॉगिन आईडी से एक साथ बुकिंग का प्रयास।
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कुछ सेकंड में टिकट फाइनल।
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आम लोग तब तक सिर्फ लोडिंग स्क्रीन देखते रह जाते हैं।
अवैध टिकटिंग पर नजर – आरपीएफ कर रही है निगरानी
रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने इस सीजन में टिकट दलालों पर नजर रखने के लिए विशेष निगरानी टीम बनाई है। कमांडेंट रमन कुमार के अनुसार, आरपीएफ की उड़न दस्ते और क्राइम ब्रांच को एक्टिव मोड पर रखा गया है।
कार्रवाई के उदाहरण:
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पिछले एक साल में आरपीएफ ने रायपुर के गुढियारी, समता कॉलोनी, रामनगर और स्टेशन के आसपास के इलाकों में आधा दर्जन अधिकृत दलालों के दफ्तरों पर छापे मारे हैं।
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ये सभी एजेंट अधिक कीमत लेकर कंफर्म टिकट देने का वादा कर रहे थे।
कैसे मिलता है अधिकृत दलालों को लाइसेंस – सिर्फ बड़े व्यापारियों को मंजूरी
IRCTC ऑनलाइन टिकट बुकिंग के लिए प्रिंसिपल सर्विस प्रोवाइडर (PSP) को लाइसेंस देती है। ये लाइसेंस उन व्यापारियों को मिलते हैं जिनका सालाना टर्नओवर 10 करोड़ रुपये से ज्यादा हो।
लाइसेंस प्रक्रिया:
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PSP फिर ₹5000 लेकर रिटेल सर्विस प्रोवाइडर (RSP) को लाइसेंस देता है।
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RSP छोटी दुकानों में बैठकर टिकट बुक करते हैं।
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कई बार इन्हीं में से कुछ लोग अवैध कामों में शामिल हो जाते हैं।
यात्रियों के लिए क्या विकल्प हैं?
यदि आपकी ट्रेन कैंसिल हो गई है और टिकट कंफर्म नहीं हो पा रहा, तो निम्न विकल्प आजमाए जा सकते हैं:
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बस सेवा या निजी वाहन का विकल्प देखें।
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यात्रा की तारीख बदलने पर विचार करें।
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IRCTC की वेबसाइट और मोबाइल ऐप से लगातार चेक करते रहें – कभी-कभी सीटें खुलती हैं।
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रेलवे के कस्टमर हेल्पलाइन से संपर्क करें।
निष्कर्ष: आम आदमी का संघर्ष और दलालों की मौज
रेलवे की ट्रेनों को अचानक रद्द करने का फैसला आम जनता के लिए परेशानी का सबब बन गया है। लाखों यात्रियों की योजना ध्वस्त हो गई है। वहीं, टिकट दलाल इस स्थिति का फायदा उठाकर खूब पैसे कमा रहे हैं। ज़रूरत है रेलवे प्रशासन को सख्त कदम उठाने की, ताकि आम यात्रियों को राहत मिल सके और अवैध धंधों पर रोक लग सके।