Pahalgam Terrorist Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार (22 अप्रैल) को बड़ा आतंकी हमला हुआ। आतंकियों ने 27 लोगों को गोलियों से भून दिया। हमले में 20 से ज्यादा लोग घायल हैं। आतंकियों ने UP, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, एमपी, तमिलनाडु और ओडिशा के पर्यटकों की हत्या की है। अपनी आंखों के सामने अपनों को मरते देखने वाले लोगों ने खौफनाक मंजर की आपबीती सुनाई है। चश्मदीदों ने बताया आतंकियों ने लोगों को मौत के घाट उतारने के बाद कहा-मोदी को बता देना….।
तुम्हें नहीं मारूंगा, जाओ मोदी को बता देना
हमले में कर्नाटक के शिवमोगा के एक कारोबारी पर्यटक मंजुनाथ राव की भी मौत हो गई। मंजुनाथ अपनी पत्नी पल्लवी और अपने छोटे बेटे के साथ घूमने गए थे। पल्लवी ने भयानक मंजर और आपबीती को बताते हुए कहा कि आतंकी हिंदुओं की पहचान कर गोली मार रहे थे। पल्लवी बोली-आतंकियों ने मेरे पति को गोली मारी तो मैंने कहा-मुझे भी मार दो। आतंकियों ने कहा कि तुम्हें नहीं मरूंगा। जाओ मोदी को बता देना।
इस्लामी आयत नहीं पढ़ने पर मारी गोली
एक पीड़ित युवती ने बताया कि जब आतंकवादी आए तो उनका परिवार डर के मारे टेंट के अंदर छिपा हुआ था। उन्होंने युवती के 54 वर्षीय पिता संतोष जगदाले से कहा कि वे बाहर आकर एक इस्लामी आयत पढ़ें। जब वे ऐसा नहीं कर पाए, तो उन्हें तीन बार गोली मारी।
सिर, पीठ और कान के पीछे मारी गोली
आतंकी ने एक गोली उनके सिर में, फिर कान के पीछे और फिर पीठ से गोली मारी। पिता के जमीन पर गिर जाने के बाद बंदूकधारियों ने उसके बगल में लेटे उसके चाचा पर हमला किया और उनकी पीठ में कई गोलियां मार दी। असावरी को नहीं पता कि उसके पिता और चाचा जीवित हैं या मर चुके हैं। इसके बाद आतंकवादियों ने उन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन करने का आरोप लगाया।
इंदौर के सुशील नथानियल की हत्या
इंदौर के वीणा नगर निवासी सुशील नथानियल भी इस हमले में मारे गए हैं। उनकी बेटी आकांक्षा गोली लगने से घायल हुई हैं। सुशील आलीराजपुर स्थित एलआईसी की सैटेलाइट शाखा में पदस्थ थे। वे 4 दिन पहले ही 21 वर्षीय बेटे ऑस्टिन गोल्डी, 30 वर्षीय बेटी आकांक्षा और पत्नी जेनिफर के साथ कश्मीर गए थे। एडिशनल पुलिस कमिश्नर (कानून) अमित सिंह ने सुशील की मौत की पुष्टि की है।
आतंकियों ने कलमा पढ़ने को कहा, फिर गोलियों से भूना
सुशील नथानियल के भाई विकास ने बताया कि आतंकवादियों ने पहले सुशील को घुटनों पर बैठाया, फिर उन्हें कलमा पढ़ने के लिए मजबूर किया। जब उन्होंने अपना धर्म ईसाई बताया, तब आतंकवादियों ने उन्हें गोलियों से भून दिया। आकांक्षा को पैर में गोली लगी है। घटना से पहले सुशील ने अपनी पत्नी को छिपा दिया था और स्वयं आतंकवादियों के सामने खड़े हो गए थे।
आतंकी हमले में इनकी हुई मौत
आतंकी हमले में मनुज नाथ (कर्नाटक), दिनेश मिरानिया (छत्तीसगढ़), शिवम मोगा (कर्नाटक), मनीष रंजन, लेफ्टिनेंट विनय नरवाल (हरियाणा), (हैदराबाद) संजय लेले, हिमांशी नरवाल (हरियाणा), हिम्मत कलाथय, शुभम द्विवेदी (यूपी), प्रशांत कुमार, दिलीप डेसले (महाराष्ट्र), रामचन्द्रन अतुल मोहने (महाराष्ट्र), शलिंदर कल्पिया, सैयद हुसैन शाह (अनंतनाग, बिटन अधकेरी उधवानी कुमार और सुदीप नेवपाने सहित 27 की मौत हुई है। अभी तक इनकी पहचान हो पाई है। बाकी की पहचान की जा रही है। हमले में विनो भट्ट (गुजरात), साहसी कुमारी, एस बालचंद्र (महाराष्ट्र), डॉ. परमेश्वर, अभिजवन राव (कर्नाटक), माणिक पाटिल, संतरू (तमिलनाडु) और रिनो पांडे सहित 20 से ज्यादा लोग घायल हैं।