पहलगाम में आतंकी हमला – रायपुर के कारोबारी की गोली लगने से मौत, कई पर्यटक बाल-बाल बचे

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए एक आतंकी हमले में छत्तीसगढ़ के रायपुर शहर के कारोबारी श्री दिनेश मिरानिया की गोली लगने से मौत हो गई। यह दर्दनाक घटना उस वक्त हुई जब वे अपने परिवार के साथ गर्मी की छुट्टियां बिताने पहलगाम घूमने गए थे।

छुट्टियों की मस्ती में बदली मातम में

दिनेश मिरानिया, जो रायपुर की समता कॉलोनी में रहते थे, अपने बच्चों की परीक्षा समाप्त होने के बाद छुट्टियां मनाने के उद्देश्य से जम्मू-कश्मीर पहुंचे थे। उनके साथ उनकी पत्नी नेहा मिरानिया, बेटा शौर्य और बेटी लक्षिता भी थीं।

मंगलवार का दिन उनके लिए एक सामान्य छुट्टी जैसा ही था। वे पहलगाम के खूबसूरत नज़ारों का आनंद ले रहे थे। तभी अचानक गोलियों की आवाज गूंजने लगी। आतंकी हमला शुरू हो चुका था। इसी दौरान एक गोली दिनेश मिरानिया को आकर लगी।

गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती, लेकिन नहीं बच सके

दिनेश को गोली लगते ही उन्हें गंभीर हालत में जम्मू के एक अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन उनकी हालत बेहद नाजुक थी। इलाज के दौरान ही उनकी मौत हो गई।

उनके इस तरह अचानक चले जाने से ना सिर्फ उनका परिवार टूट गया, बल्कि रायपुर के समता कॉलोनी में भी शोक की लहर दौड़ गई है। उनके घर में ताला लटका हुआ है और पड़ोसी स्तब्ध हैं।


अन्य पर्यटक भी हुए हमले का शिकार, लेकिन बच गए

हमले के वक्त वहां चिरमिरी (छत्तीसगढ़) से आए 11 पर्यटक भी मौजूद थे। इनमें से कई परिवारों के छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल थे। वे सभी 18 अप्रैल को चिरमिरी से रवाना हुए थे और 21 अप्रैल को पहलगाम पहुंचे थे।

इन 11 लोगों में शिवांश जैन, हैप्पी वधावन, अरविंद अग्रवाल और कुलदीप स्थापक अपने-अपने परिवारों के साथ पहलगाम में थे। शिवांश जैन ने बताया कि उस समय सड़क पर भू-स्खलन के कारण भारी ट्रैफिक जाम लगा था। लोग पैदल चल रहे थे और हर तरफ पर्यटकों की भीड़ थी।

तभी अचानक चारों ओर से गोलियों की आवाजें आने लगीं। आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे।


कपड़ा व्यापारी ने दिखाया साहस, बचाई 11 लोगों की जान

इस तनावपूर्ण स्थिति में चिरमिरी के कपड़ा व्यापारी नजाकत अली ने साहस दिखाया। उन्होंने न केवल अपने परिवार की बल्कि अन्य लोगों की भी जान बचाई। वह तुरंत सभी 11 लोगों को एक सुरक्षित स्थान पर ले गए और स्थिति सामान्य होने तक वहीं रुके।

उनकी सूझबूझ और बहादुरी की चर्चा अब हर कोई कर रहा है। इन पर्यटकों के परिवार वालों ने नजाकत अली का धन्यवाद करते हुए कहा कि अगर वह समय पर निर्णय न लेते, तो कोई अनहोनी हो सकती थी।


️ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की प्रतिक्रिया

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस आतंकी हमले को लेकर गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:

“जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले में हताहत हुए पर्यटकों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। घायलों में रायपुर का भी एक व्यक्ति है। आतंकवादियों के नापाक इरादे कभी सफल नहीं होंगे। हमारे सुरक्षाबल इसका मुंहतोड़ जवाब देंगे।”

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार पीड़ित परिवार की हर संभव मदद करेगी और केंद्र सरकार से भी इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग करेगी।


पर्यटन पर फिर मंडराया खतरा

यह घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि जम्मू-कश्मीर जैसे पर्यटन स्थलों पर आतंकी हमले न केवल निर्दोष लोगों की जान लेते हैं, बल्कि पूरे क्षेत्र की छवि और पर्यटन व्यवसाय को भी नुकसान पहुंचाते हैं।

जहां एक ओर केंद्र सरकार कश्मीर को पर्यटन का हॉटस्पॉट बनाने में जुटी है, वहीं दूसरी ओर ऐसी घटनाएं लोगों को डराने और वहां जाने से रोकने का काम करती हैं।


सरकार और प्रशासन की ओर से एडवाइजरी

हमले के बाद केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सभी पर्यटकों को सतर्क रहने की सलाह दी है। संवेदनशील क्षेत्रों में न जाने की चेतावनी दी गई है और पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है।

जिन लोगों ने पहलगाम या आसपास के इलाकों की यात्रा की योजना बनाई है, उन्हें पहले प्रशासन से संपर्क कर जानकारी लेने की सलाह दी जा रही है।


निष्कर्ष

दिनेश मिरानिया की मौत ने पूरे छत्तीसगढ़ को हिला कर रख दिया है। एक खुशहाल परिवार अपनी छुट्टियों की खुशियों में डूबा था, लेकिन एक आतंकी हमले ने सब कुछ छीन लिया। साथ ही यह घटना हमें यह याद दिलाती है कि आतंकवाद अभी भी हमारी शांति को चुनौती दे रहा है।

सुरक्षा बलों को अब और सतर्कता बरतनी होगी, ताकि ऐसे निर्दोष नागरिकों की जानें न जाएं और लोग बेखौफ होकर देश के किसी भी कोने में घूम सकें।

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