रायपुर – भारतमाला प्रोजेक्ट मुआवजा राशि घोटाला में शुक्रवार को छापे की कार्रवाई के बाद ईओडब्लू, एसीबी ने घोटाला को अंजाम देने बनाए सिंडिकेट की चार अहम कड़ी को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों को ईओडब्लू की विशेष अदालत में पेश कर पूछताछ करने एक मई तक पुलिस रिमांड हासिल पर लिया गया है।
गिरफ्तार आरोपियों में एक दंपति शामिल है। 48 करोड़ रुपए से ज्यादा के भारतमाला परियोजना मुआवजा घोटाला के आरोप में केदार तिवारी, उसकी पत्नी उमा तिवारी के साथ कारोबारी हरमीत सिंह खनूजा तथा विजय जैन को गिरफ्तार किया गया है। छापे की कार्रवाई के दौरान इन चारों आरोपियों के निवास से घोटाले से जुड़े कई अहम दस्तावेज के साथ डिजिटल साक्ष्य जांच टीम के हाथ लगे हैं। जब्त दस्तावेज के आधार पर चारों से पूछताछ करने ईओडब्लू ने उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट से पुलिस रिमांड हासिल किया है।
जमीन दलाल के माध्यम से अधिग्रहण
भारतमाला परियोजना मुआवजा घोटाले की जांच में जो बात सामने आई है, उसके मुताबिक जमीन का अधिग्रहण जमीन दलालों के माध्यम से किया गया है। जमीन दलालों ने अफसरों से मिलीभगत कर जमीन को टुकड़ों में बांटकर फर्जी लोगों के नाम चढ़वाने का काम किया।
अन्य पर जल्द गिर सकती है गाज
भारतमाला प्रोजेक्ट घोटाला के आरोप में गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ के आधार पर ईओडब्लू तथा एसीबी की टीम घोटाले में शामिल अन्य आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी कर सकती है। गिरफ्तार करने के बाद आरोपियों से पूछताछ के आधार पर घोटाले में शामिल अन्य ऐसे लोग जिनका नाम अब तक सामने नहीं आया है, उनके बारे में जानकारी जुटाकर कार्रवाई करेगी।
इस तरह रही भूमिका
उमा, केदार तिवारी – दूसरे व्यक्ति की मुआवजा राशि दो करोड़ रुपए अवैध तरीके से प्राप्त करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
हरमीत सिंह खनूजा – उमा तिवारी के सहयोगी के रूप में अधिग्रहण का पैसा अवैध तरीके से प्राप्त करने तथा कई किसानों की मुआवजा राशि हड़पने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
कारोबारी विजय जैन – उमा तिवारी के सहयोगी के रूप में अधिग्रहण का पैसा अवैध तरीके से प्राप्त करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।