‘बोरे बासी दिवस’ पर सियासत : चंद्राकर बोले- इस सांस्कृतिक प्रतीक को भी कांग्रेस ने भ्रष्टसचार के लिए इस्तेमाल किया

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में पिछली कांग्रेस की सरकार हर साल 1 मई को बोर-बासी दिवस सरकारी तौर पर मनाती रही है। कांग्रेस पार्टी ने इस साल भी 1 मई को बोर-बासी दिवस पार्टी के स्तर पर मनाने का उेलान किया है। अब इसे लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। भाजपा के वरिष्ठ विधायक अजय चंद्राकर ने इस आयोजन पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए इसे राजनीतिक स्टंट और भ्रष्टाचार का जरिया करार दिया है।

कब कितने पैसे बोरे-बासी में लगाए, जांच हो 

श्री चंद्राकर ने कहा कि, बोरे-बासी दिवस के आयोजन के लिए पहले भी कई बार धन आवंटित किया गया है। यह जांच का विषय है कि, कांग्रेस सरकार ने वास्तव में कितनी बार यह दिवस मनाया और इसके लिए श्रम विभाग ने कितनी राशि खर्च की। सार्वजनिक धन का उपयोग कहां और कैसे हुआ, इसकी पूरी जानकारी जनता के सामने रखी जानी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि, भूपेश बघेल सरकार ने इस सांस्कृतिक प्रतीक को सिर्फ पैसे खाने और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए राजनीतिक रूप से इस्तेमाल किया।

कांग्रेस पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है: चंद्राकर

वहीं रायपुर नगर निगम के 5 कांग्रेसी पाष्र्दों के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए अजय चंद्राकर ने कहा कि, कांग्रेस में रोज उठक-बैठक चल रही है। लेकिन निर्णय कौन ले रहा है, किसी को नहीं पता। अब पार्षद स्तर पर भी पार्टी अपना नियंत्रण खो चुकी है। भगवान इस पार्टी का भला करें, कांग्रेस पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है।

कांग्रेस ने खुद कुछ किया नहीं, केवल श्रेय लेना चाहती है

जाति जनगणना के मुद्दे पर भी श्री चंद्राकर ने कांग्रेस को घेरा। उन्होंने कहा कि, आजाद भारत के इतिहास में पहली बार जाति जनगणना हो रही है, और कांग्रेस अब इसका श्रेय लेने की कोशिश कर रही है। इतने वर्षों तक सत्ता में रहने के बावजूद कांग्रेस ने इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। यह पार्टी हर मुद्दे पर गंभीरता से काम करने में विफल रही है। उन्होंने राहुल गांधी से यह सवाल भी किया कि, तेलंगाना में कांग्रेस किस विचारधारा की सरकार चला रही है, और उसमें पारदर्शिता और नीति की क्या स्थिति है।

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