सरकार ने 3100 में खरीदा धान : नीलामी के लिए बोली आ रहीं 2000 तक, एक क्विंटल में एक हजार का घाटा

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रायपुर। धान की बंपर खरीदी और केंद्र से चावल का कोटा नहीं बढ़ाए जाने से अतिरक्त धान की नीलामी में इस बार सरकार को घाटा उठाना पड़ सकता है। इसकी बड़ी वजह है नीलामी में बड़ी बोली यानी अच्छा रेट का नहीं आना है। जिलों से आए आंकड़े बताते हैं कि प्रति क्विंटल धान का भाव बाजार के रेट से भी कम आ रहा है। इस लिहाज से सरकार को हजार रुपए क्विंटल का घाटा संभावित है। सरकार ने प्रदेश में आसपास अचानक मौसम ने करवट बदली और हवाएं तेज हो गई जो थोड़ी ही देर में आंधी-तूफान की शक्ल में कहर बरपाने लगी। आधे घंटे अंधड़ ने जमकर कहर बरपाया। राजधानी ही नहीं, इसका असर राज्य के बड़े इलाके में रहा। तरपोंगी का टोल प्लाजा पूरी तरह ध्वस्त हो गया है। देर शाम तक यह सिक्स लेन तकरीबन बंद रहा।

मिलर्स कह रहे, बाजार के हिसाब से बोली

इस मामले को लेकर हरिभूमि ने जब प्रदेश के अलग-अलग जिलो के राइस मिलर्स से बात की तो अधिकांश ने मंडी में मौजूदा भाव के हिसाब से बोली लगाने की बात कही। वहीं कुछ मिलर्स ने यह भी कहा कि ऑनलाइन नीलामी प्रक्रिया में धान की क्वालिटी उन्हें पता नहीं होता है। ऐसे में नुकसान से बचने के लिए कुछ कम दाम की ही बोली लगाई जा रही है। हालांकि मांग करने पर मिलर्स को संग्रहण केंद्रों से धान के सैंपल दिए जा रहे हैं। इसके अलावा गर्मी में धान की नमी समाप्त होने लगती है, जिससे उसकी मिलिंग करने पर चावल के टूटने की संभावना बढ़ जाती है। इन सभी के कारण ही बोली कम लगाई जा रही है।

1900 से कम रेट तो रि-टेंडर का प्रावधान 

रायपुर। मंत्रिमंडलीय उप समिति द्वारा राज्य में धान की नीलामी का बेस रेट जारी किए जाने के बाद जिल स्तर पर आदेश का इंतजार किया जा रहा है। धान खरीदी के लिए खरीदारों ने बोली लगाई है। रायपुर जिला विपणन अधिकारी जेवी सिंह ने बताया कि मुख्यालय से बेस रेट का आदेश आने के बाद इसका खुलासा किया जाएगा। बताया गया है कि 1900 से 2100 के बीच बोली आने पर संग्रहण केंद्रों से धान दिया जाएगा। राज्य सरकार ने रेट तय कर दिया है, पर अभी तक जिलों में इस संबंध में जानकारी नहीं है। डीएमओ का कहना है कि 1900 से कम दर पर बोली लगने पर निगोशिएशन कर मार्कफेड मुख्यालय के आदेश के अनुसार स्वीकृत किया जाएगा। बेस रेट से कम दर आने पर रि-टेंडर किए जाने का प्रावधान है।  

जिलों का हाल 

कबीरधाम : अतरिक्त धान की नीलामी कबीरधाम जिले में 19 अप्रैल को बाजार चारभाठा (कवर्धा) और 22 अप्रेल को बघर्रा (पंडरिया) में पूरी की गई। शासन द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य 23 सौ रुपए निर्धारित था, लेकिन राइस मिलरों ने 17 सौ से 2 हजार रुपए तक बोली लगाई है। वहीं कुछ बाहरी पोहा मिल वालों ने 24 सौ तक भी बोली लगाई है। वहीं कबीरधाम जिले की मंडी प्रांगणों में अभी धान का आवक नहीं है, मंडी क्षेत्र में धान की कीमत 21 सौ 22 सौ चल रही है।

बिलासपुर : बिलासपुर की बात करें तो अभी भी  उपार्जन केन्द्रों में 9 लाख क्विंटल धान पड़ा है। इसके साथ ही मुंगेली जिले के पांच लाख क्विटंल धान की नीलामी भी बिलासपुर से होनी है। जिले के 32 राइस मिलर्स ने राज्य स्तर पर जारी इस टेंडर में बोली लगाई है। सबसे अधिक बोली 2752 रुपए की प्रति क्विंटल और सबसे कम 1912 रुपए की लगाए जाने की जानकारी मिली है।

पखवाड़े भर से चल रही प्रक्रिया अभी शुरुआत, किसी को इस रेट पर अलाट नहीं हुआ अभी धान 

धान का रेट आक्सन  

2150 –  में पुराने जूट बैग में धान पतला 

2100 – में नया जूट बैग धान पतला 

1900 –  में पुराना मोटा 

1950  – नया मोटा

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