हनुमान मंदिर का भूमिपूजन : घोड़े पर सवार होकर यहां पहुंवे थे बजरंग बली, रोचक है मंदिर का इतिहास

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धरसीवां की पावन भूमि पर एक दिव्य अध्याय जुड़ने जा रहा है। जिन सिद्ध हनुमानजी ने गुलामी के दौर में घोड़े पर सवार होकर अपनी चमत्कारी उपस्थिति से इस क्षेत्र को आलोकित किया था, अब उन सिद्ध प्रभु हनुमानजी का धरसीवां में भव्य मंदिर बनेगा इसके लिए अक्षय तृतीया के पावन दिन भूमिपूजन संपन्न हु। जिसमे प्रदेश के मंत्री विजय शर्मा, विधायक अनुज शर्मा और हनुमान मित्र मंडली के सदस्य व हनुमान जी के परम भक्तों की उपस्थिति रही।

केबिनेट की बैठक के कारण राज्य शासन के उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा सुबह करीब दस बजे अल्प समय के लिए भूमिपूजन समारोह में सामिल हुए उनके साथ क्षेत्रीय विधायक अनुज शर्मा भी मौजूद रहे उन्होंने भूमिपूजन करते हुए विश्वास दिलाया कि श्रीराम भक्त हनुमानजी का मंदिर भव्य बनाने में वह हर संभव सहयोग करेंगे। 

श्री हनुमान मित्र मंडल के प्रेरणा स्रोत स्वरूपनारायण अग्रवाल जिनका यह सपना था कि धरसीवां में सिद्ध प्रभु हनुमानजी जी का भव्य मंदिर बने उन्होंने भूमिपूजन के  साथ ही मंदिर निर्माण के लिए पांच लाख रुपए का नगद दान किया। भूमिपूजन में हनुमान मित्र मंडल के सदस्य राकेश यादव, भूपेंद्र कसार, दुर्गेश अग्रवाल, संदीप जैन, दिनेश निहाल, केशव नायरायण, कन्हैया राजा, योगेश मनाराम, सालिगराम टी आई राजेंद्र दीवान सहित बड़ी संख्या में हनुमानजी के भक्त दानदाता मौजूद रहे। 

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विशाल मंदिर के साथ बनेगी धर्मशाला

हनुमान मित्र मंडल के तन मन धन से समर्पित दुर्गेश अग्रवाल ने बताया कि हनुमानजी का भव्य मंदिर दो साल में बनकर पूर्ण होगा जिसमें मंदिर के साथ ही धर्मशाला बनेगी धर्मशाला में यहां से आने जाने वाले  तीर्थयात्रियों पैदल विहार करने वाले तपस्वी ऋषि मुनियों साधु साध्वियों को रात्रि विश्राम की भी सुविधा रहेगी। 

दानदाताओं ने ने कहा – मंदिर हम सब मिलकर बनाएंगे

भूमिपूजन के साथ ही दानदाताओं ने भव्य हनुमान मंदिर के लिए दान देना शुरू कर दिया है और कहा कि मंदिर का निर्माण श्रीराम भक्त हनुमानजी के भक्तों के हनुमान मित्र मंडली के सदस्यों द्वारा कराया जाएगा। 

कोल्हान नाला से आए थे सिद्ध हनुमानजी

धरसीवां से करीब चार पांच किलो मीटर की दूसरी पर स्थित कोल्हान नाले के समीप से सिद्ध हनुमानजी घोड़े पर विराजमान होकर धरसीवा पहुंचे थे यह उन दिनों की बात है जब गुलामी का दौर था ओर धरसीवा थाना के सूबेदार एक घटना की जांच करने कोल्हान नाला गए थे लेकिन जब आने लगे तो घोड़ा वहीं घूमने लगा आगे ही न बढ़े तब आसपास देखा तो झाड़ियों में सिद्ध हनुमानजी की प्रतिमा थी तब सूबेदार ने घोड़े पर हनुमानजी को विराजित किया और धरसीवा थाना के सामने वृक्ष के नीचे प्रतिष्ठा कराई बाद में भक्तों ने वहां छोटी सी मढिया बनवा दी धीरे धीरे भक्तों की मनौती पूर्ण होने से इस स्थान के प्रति आस्था बढ़ती गई और अब यहां भव्य मंदिर के लिए भूमिपूजन हुआ ।

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